'मां-बाप शब्द सुनते ही भड़के IIT Baba Abhay Singh'-अंधा-अंधे को कहा ले जाएगा... | Mahakumbh

IIT Baba Abhay Singh got angry after hearing the words parents, 'मां-बाप शब्द सुनते ही भड़के IIT Baba Abhay Singh'-अंधा-अंधे को कहा ले जाएगा

Jan 18, 2025 - 11:24
Jan 18, 2025 - 11:36
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'मां-बाप शब्द सुनते ही भड़के IIT Baba Abhay Singh'-अंधा-अंधे को कहा ले जाएगा... | Mahakumbh
IIT Baba Abhay Singh

'मां-बाप शब्द सुनते ही भड़के IIT Baba Abhay Singh'-अंधा-अंधे को कहा ले जाएगा

IIT वैरागी बाबा आज फिर हमारे साथ हैं यह नाम इसलिए क्योंकि ये नाम शायद हम हीलोग के बीच से उनको मिला है बाकी तो उनकेढेर सारे नाम हैं बाबा आज आप फिर से एकबार एबीपी न्यूज़ पर हैं और जब से आपचर्चा में बने हैं उसके बाद आपने एबीपीन्यूज़ पर ही अपना वो ा आईडी लोगों कोबताया था फिर लोग उस आईडी को लोगों नेस्क्रॉल किया और आपके ढेर सारे कंटेंट्सलोगों ने जाने और सुने हैं उसी बीच मेंकुछ चीजें उससे लोगों ने उठा कर के तमामसवाल भी खड़े किए हैं इसलिए उस पर आपकाजवाब वाजिब हो जाता हैलोगों ने आपके आपके फैमिली को लेकर के जोआपने बात कही थी पेरेंट्स को लेकर के जोआपने बात कही थी उस कांटेक्ट में लोग आपसेजानना चाहते हैं क्योंकि हर एक जो हम लोगजैसे अब हमारे पेरेंट्स हमारे लिए जो भीकर रहे हैं तो कहीं ना कहीं हम उनके लिएरिवर्ट करें यह सब मानते हैं लेकिन आपकीजो रील थी वो कहीं ना कहीं इससे कहीं नाकहीं कुछ इतर थी आपकी भाव क्या है इसम तोमैंने रील भी बनाई ना पहले भारत मेंआध्यात्मिकता में सबसे बड़ी जो प्रॉब्लमहै पेरेंट वाली है लाइक क्या एकइंडिपेंडेंट सोल को जो बड़ी है उसको यहफैसला भी नहीं है कि व अपनी लाइफ केडिसीजन ले सके फिर फ्रीडम क्या हुई फिर तोपेरेंट्स ने खरीद लिया उसको स्लेव बलालिया मतलब कि मैंने अपना एक पैदा किया हैतोब वो मेरी मर्जी का स्लेव है व कुछ भीकर सकते हैं ना वो तो स्पेशली उसमें भी वोपेरेंट का रोल आ क्यों रहा है

अभी जैसे अभी आप उस कहानी को बीच में लेकर क्यों आरहे हो मैं एक इंडिपेंडेंट इंसान हूं मैंअपने रास्ते पर मैं अपना काम कर रहा हूंउसमें मैंने कोई गलत किया कुछ इलीगल कियाकुछ और किया नहीं बट जानबूझ के मोरालिटीके नाम पर एक ऐसी एक घुसा दिया गया नालोगों के दिमाग में और वो जानबूझ के तुमकोउसी माया में बांध बांध के बांध बांध केबांध बांध के घुमा रहा है पेरेंट्स नेजबरदस्ती कोटा भेज दिया तो वहां पर पढ़ाईकरने चले गए पढ़ाई नहीं हुई सुसाइड करलिया क्यों भाई वही है ना जबरदस्ती वो होरही है पेरेंट्स के ऊपर कोई ल है इसके ऊपरकि पेरेंट्स के दबाव के ऊपर जो प्रेशरपड़ता है बच्चों के पर जसर होता है जैसेआपस में मेंटल वायलेंस का तो उसमें तो हैडोमेस्टिक में वमन और हस्बैंड और वाइफ मेंबच्चों में हैबा कि बच्चा उतना शायद सोचने में सक्षमनहीं होता है और इसलिए मां-बाप उसको एकरास्ता दिखाना चाहते हैं इसलिए शायद इसतरीके की चीजें होती बट उनसे पहले मां-बापको भी रास्ता पता होना चाहिए ना अंधा तोअंधे को कहां लेकरजाएगा मां बाप तो हमसे उम्र में बड़े हैंतजुर्बे में बड़े हैं और जाहिर सी बात हैअपने बच्चे के लिए सब अच्छा ही सोचते हैंतो इसलिए शायद वो जो हमारे बारे में सोचेवो बेहतर ही हो हमारे कल को और बहुत सेलोग जो आज की जनरेशन में अच्छा कर रहे हैंउनके पेरेंट्स का तो योगदानहै यार य सब यह सब आप मतलब घुमा फिरा केक्या बातें करना चाहते हो सी पेरेंट्स कायोगदान होता है पेरेंट्स होने से ही कोईअच्छा या बुरा हो जाताहै बोलो आप बोलते हो ना मां बाप अपनेबच्चे के लिए अच्छा ही सोचते हैं पक्का100% बोल रहे हो मैं केस दिखा दिए नहीं

सोचते फिरबताइए नहीं नहीं आपने न्यूज कभी कवर नहींकी हां बहुत कुछ होता है बेच भी देते हैंबच्चे को बहुत कुछ करते हैं रेप भी करदेते हैं मार भी देते हैं फेंक भी देतेहैं तो यह एब्सलूट स्टेटमेंट तो नहीं हैबट इसका एब्सलूट बना दिया गया है कि वह तोमां-बाप बनने के बाद संत बन गए हैं वोबुरा सोचने की कैपेबिलिटी नहीं है उनकेअंदर ऐसे थोड़ी होता है है तो वो भीइंसान वो माबाप के रिश्ते में आ गया तोइसका मतलब व संत बन गया एकदम से कर्मयोगीबन गया वो भी अपने स्वार्थ के बारे मेंसोचता हर इंसान सबसे पहले अपने स्वार्थ केबारे में सोचता है चाहे किसी भी रिश्तेमें हो इसलिए डावर्स होते हैं रिश्ते नहींचलते नहीं तो पति पत्नी का रिश्ता सातजन्मों तक चलना चाहिए ना क्यों नहीं चलरहा है जब मां बाप वाले अप्लाई कर रहे होतो उसे पति पत्नी पर भी अप्लाई करो यह भीलिखा हुआ शास्त्रोंमें उसको भी डावर्स सबको भी बोलो ऐसे हीबोला करो ब उस तो ऐसे न्यूज कवरेज नहीं होयह मां बाप वाला तो इसको तोड़ना पड़ेगा नाये तिलिस्म को मैंने बहुत सारी रील डालीउसके ऊपर इसके बीच बीच में कक मैंने वोबारबार फील किया ना कि लोग इससे बहुत अटकेहुए हैं यही सवाल वो यंग जनरेशन जो है नाक्योंकि उनको गिल्ट में डाल डाल केमां-बाप ऐसा बना देते हैं कि हमने तेरे पररहम किया है हमने तेरे को पढ़ाया मैं मैंमैं मालिक करके ना तुम कौन होते हो पढ़ानेवाले कर्ता तुम हो कि कर्ता भगवान हैतुमने किया कि भगवान ने किया है मूर्त रूपमें तो हमारे लिए भगवान ऐसा माना जाता हैभाई म रूप में तो सभी भगवान है आप भीभगवान हो मेरे लिए नहीं हो क्या नहीं होक्या यह चीज भी भगवान है यह हवा भी भगवानहै मेरे लिए तो उसके लिए फिर मैं सिर्फमां बाप में क्यों देखूंगा मैं तो सब मेंदेखूंगा छोटा क्यों सोचूंगा बड़ासोचूंगा आपके आश्रम में हम गए पिछले दिनोंतो यह लोगों ने कहा कि अब आप वहां सेगुप्त साधना में जा रहे हैं और इस तरीकेकी बात लोग कहआप लोगों ने कहा कि अब आप गुप्त साधना मेंजा रहे हैं प्रयागराज में अब आप लोगों सेनहीं मिलेंगे गुप्त साधना में जाने की बातलोगों ने कही ऐसा नहीं नहीं मैं तो वैसेही गुप्त रहता हूं ना आप लोग को लग रहा है

कि मैं आप सोच रहे हो आप मुझे खिला रहे होवोह किसी को नहीं पता कि आप मुझे खिला रहेहो कि मैं आपको खिला रहाहूं आप सोते न्यूज को स्टोरी को बनाएंगेफिर इसका क्या है एंगल बनाएंगेसब डाल कौन रहा है बीज कउसका पता है कहां प बीच जाने वाला[हंसी]है थोड़ा सा पर्सनल सवाल अगर आप जवाब देनाचाहे आपके जो तमाम चीजें वायरल हुई उसकेबाद आपके पेरेंट्स तक भी लोग पहुंचे थे औरकल यह ऐसा मालूम चला कि वो लोग भी शायदयहां आए थे पर मुलाकात नहीं हो पाई अगर आपइस परकुछ मतलब य नहीं है मेरे पेरेंट्सबा कक इस वाले स यह मतलब तब होता मैंने तोउनको पूरा धर्म निभाने के लिए पूरा बोलाथा कि अब मैं तो ऑलरेडी ज्ञान प्राप्त थामेरे को मैंने बोला ठीक है मैं अपना धर्मनिभाने के लिए मैं करूंगा जो तुमको चाहिएशादी वादी भी कर लूंगा बट अब भाई मैं उसइंसान के साथ कैसे र मुझे वो भी तो एनलाइनचाहिए ना फिर फ कैसे मैच होगी अब वो उनकोसमझ में नहीं आती दिमाग की बात घुसती नहींहै उन सबका तो भाई क्या बताओ माइंड सेटमतलब पैसे वैसे वाले को लेके इसको लेकेकितनी सारी चीज तो बताई मैंने आप लोगों कोआपकी सोशल मीडिया अकाउंट से ही बात हैआपने इस्लाम को लेकर के भी कुछ अपनेवीडियोस जो है वो डाले हैं और उसक कुछ लोगउसको मानते हैं कि आपने सारकास्टिक वे मेंडाला है कुछ लोग उसको आपको अलग तरीके सेवो कर रहे हैं प्रिटेंड कुछ कह रहे हैं आपआने वाले समय में क्या इस्लाम की तरफ बढ़जाएंगे वो सार्केज्म क्या है और सच्चाईक्या है जरा दर्शकों को न्यूज टाइम प मैंडर रहा था ना भाई बिना सर्का जम के डालदिया तो बिना सिर कट गयातो तो मैंने ऐसे डाला कि पता ना चले बीचमें ना दोनों खुश हो जाए दोनों कंफ्यूजनमें रहे ब सत्य भी सामने आ जाए मैं तोसत्य बताने का था कि हां देखो ये एक्ट हैआधे लोगों को पता ही नहीं है कि एक्चुअलीमें यह रूल है कि एक मुस्लिम 13 साल कीउम्र की लड़की से शादी कर सकताहै यह रूल है उनके लिए अलग कानून है 18साल की उम्र सिर्फ बाकी सब लोगों के लिएहै वो बोलेगा कि य तो पॉलिटिक्स भा एक्टहै म सुप्रीम कोर्ट ने खुद उसको बोलाहै तो यह होना चाहिए कि नहीं होना चाहिएसमाज में तो समाज की दृष्टि से देखोगे तोफिर ये तो पता चलना चाहिए ना लोगों को किहां यह सब चल रहा है अब क्या उनकी भले केलिए नहीं सोचोगे तुम वो भी तो इंसान हीहै होना चाहिए नहीं होना चाहिए होना चाहिएनाओबवियसली तो इसकी बेसिस प 18 साल आई नाक्या भा तु इतने बड़े हो गए हो

समझदार होगए जैसे आप अभी बात कर रहे थे वैसेवाली छोटी उम्र में कैसे होगा वोफिर इस्लाम धर्म पर क्यासोचते धर्म मतलब आइडल जो है उसकी है वोसही नहीं है ना आईडियोलॉजी मतलब भाई उसकेमैं तो उसके जो धर्म उसके हिसाब से जाऊंगाजो लिखा हुआ है उसमें आपने हा बहुत स्टडीकिया मैंनेइकी बैठ के दिल्ली में सार यही चीज पढ़ताथा मैं य सारे अलग अलग धर्मों की धम्म पदाबुद्ध की फिर और लोगोंकी उन्होंने क्या क्या लिखा है कैसे कैसेय अलग-अलग गुरु जो अलग-अलग धर्मों में आएहैं उन्होंने क्याक ज्ञान दिया उसमसिमिलरिटीज क्या है अलग अलग डिफरेंसेसक्या है कौन सा इंसान जो था उसका सही हैकौन सा गलत हैधर्मों के बारे में क्योंकि आपने जो सारीपढ़ाई है वह करी है अलग-अलग चीजें आपनेपढ़ी हैं क्या बेहतर मतलब सबसे बेहतर क्याहै सनातन की आप बात कर रहे आप खुद उसस्वरूप में है त्रिपुंड लगाए हुए और पूरामहादेव के भक्त भी है तो अलग-अलग धर्मोंके बारे में उसमें क्या बेहतर है और किसतरफ एक नॉर्मल इंसान जो एक ह्यूमन बीइंगहै जो अलग-अलग मतलब वो धर्म मेंक्या धर्म मतलब जिस चीज को धर्म बोलते होकोई स्ट्रक्चर नहींहै धर्म का मतलब है कि तुम अपने जीवन कोकैसे जियो तुम्हारा कर्म कैसे चल बेसिकलीकर्म करने की डायरेक्शन को धर्म डिसाइडकरताहै कि मैं यहां पर क्याबोलूंगा अब यह जो सारे आप बोल रहे थे ना यमां बाप का इतना बात किया वो धर्म के अंदरआता है एक्चुअलीमें बट जब दूसरा धर्म ना निभाए तो वस साथधर्म निभाने की ज्यादा जरूरत होती कृष्णने बारबार बतायाहै यसे बलराम ने वो किया था लास्ट भीम नेउसके जांगे में मार दिया था बोला कि तूनेतो तो अन्याय क्या य तो अधर्म है तो बलरामने प्रतिज्ञा ली थी कि वो युद्ध में नहीं आएगा तो वो बोला कि नहीं नहीं फिर तो मैंइसको ंड दूंगा बोला ब आप क्या एक अधर्म कोरोकने के लिए दूसरा धर्मकरोगे फिर तो आप वही चीज कर रहेहो कृष्ण कृष्ण है गवाना वही जानते चीजोंको तो वही चीज है कि अब जब सामने वाला हीअपना धर्म नहीं निभा रहा है जैसे डॉक्टर डॉक्टर का धर्म नहीं निभा रहा है तो फपेशेंट को पैसे देने जरूरी थोड़ी है वोहतो तभी तक है ना कि जैसे मैं आपको कुछ देरहा हूं आप बदले में कुछ दे रहे हो वहीधर्म है ना एक्सचेंज का दो रिलेशनशिप केबीच में गुरु यदि सिखा ही नहीं रहा है तो

वो कहां का गुरु बनेगा फिर कहां का शिष्यउसको गुरु और शिष्य के रिलेशनशिप मेंआएगा समझे ये दो बीच में जैसे आप इसमेंएजिस्ट करोगे शरीर के अंदर आप रिलेशनशिपमें रहोगे जैसे आप अभी मान लो एडिटर होकुछ हो उसके ऊपर कोई है यह सब रिलेशनशिपहै ना यह जॉब वाली रिलेशनशिप है वैसे हीऐसे पर्सनल रिलेशनशिप भी बना के रखी हुईहै हमने यह सब ह्यूमन कंस्ट्रक्टेड है नाएनिमल्स के अंदर तो ऐसी कोई स्ट्रक्चर तोनहीं होती कितने सारे एनिमल्स अपने बच्चोंको ऐसे ही छोड़ देते हैं कितने सारे बच्चेतो ऐसे ही भाग जातेहैं कोई जजमेंट कुछ नहीं होता मतलबक्योंकि वो कहीं ना कहीं एक समझ उनके वोवैसे वाली है डायरेक्ट अब इंसान ने उसकोइंटेलेक्चुअली समझने की कोशिश की तो फिरउसका एक स्ट्रक्चर बनाया कि अच्छा समाजमें कैसे रहना चाहिए कुल धर्म क्याहोगा समझ रहे हो कि कुल के प्रति तुम्हाराधर्म क्या है जैसे अर्जुन ने ये सवाल कियाथा कि मैं कुल धर्म तो मेरा नष्ट हो जाएगामैं अपने कुल के नाश कर रहा हूं क्योंकिकुल धर्म के अंदर कुल के किसी सदस्य केसाथ तु आपस में लड़ाई नहीं करते हो ताकिवो कुलक बढ़ता रहे वंश बढ़तारहे उसका भी वही है सबके जवाब है सब ऐसाकुछ नहीं है ना यह टाइम के हिसाब से फिरउसका तुमको री कैलिब्रेन भी करना पड़ता हैटाइम के हिसाब से कक सामाजिक चीज क्या हैधर्म जो है कि समाज के अंदर कोई भी रिश्ताकैसे होगा कि पति पत्नी का रिश्ता कैसेहोगा वह धर्म के अंदर बताया गया फ पितापुत्र का रिश्ता कैसे होना चाहिए वह धर्मके अंदर बताया हुआ है तो जितने भी अवतारहुए वो कहीं ना कहीं क्या थे वो धर्म कीअप्लाइड डेफिनेशन थेधर्म आपने धर्म और रिश्ते की बात करी अगरधर्म के साथ कोई रिश्ता निभाना है आप कैसेदेखते हैं और धर्म भी निता रहे और रिश्ताभी निता रहे इसके हां व तो कर सकते है नासंसार और वैराग्य एक साथ भी हो सकता है बटउसके लिए सामने वाला भी तो तैयार होनाचाहिएकब कंपैटिबिलिटी में नहीं ओपनस होनीचाहिए कि तुम मेरे व को कंपलीटली कंसीडररंग कंसीडर कर रहे हो सार टाइम बोल कि मैंझूठ बोल रहा हूं मैं ये कर रहा हूं वो कररहा हूं यह तो ऐसा है वैसाहै फिर तो तुमने जगह ही नहीं दी मेरेएक्जिस्टेंस के लिए मेरे एक्जिस्टेंस कोकभी एक्सेप्ट ही नहीं गया तो फिर मैंतुम्हारी एक्जिस्टेंस को क्यों एक्सेप्टकरूआगे लंबे लंबेजवाब नहीं चीज बड़ी वो थी एक चीज अगरहिंदुइज्म की बात करी जाए या सनातन की बातकरी जाए सनातन परंपरा में हिंदुइज्म को आपमानते हैं या सनातन का विस्तार आप कहांतकते सनातन तो बहुत बड़ा है ना बाकी सब भीसनातन के ही हैना ये सिख जो है बुद्धिज्म जो है जैनिज्मजो है इवन टाव इज्म जो इजिप्ट का है उसकोउस पूरे को आप सनातन बोलोगे ना मतलब सनातनको एक जगह से रिस्टेट करने के बजाय उसकीको डेफिनेशन में जाओ ना क्या है

 डेफिनेशनसनातन की इटरनल जोअनंतसनातन अंत नहीं होजिसका तो जिस चीज का अंत नहीं है वह चीजक्या है वह हैसनातन वही सत्य है व शिव है शून्य शून्यका कोई अंत नहीं होताकभी क्या है ही ना अनंत आदि औरअंत शून्य से शुरुआत होती है और शून्य परखत्म होता हैआदि भी वही है और अंत भी वही है बीच मेंतुम खेलते रहते हो बस एक नाटक माया का खेलजो अभी हम खेल रहेहैं आप नाटक खेल हां तो नाटक ही नहीं खेलरहे नाटक ही तो खेल रहेहैं आप ये सवालों का सीरियसली होके आप पूछरहे हो कि ये बहुत सीरियस चीज है मैंसीरियसली होके जवाब दे रहा हूं जो कि सबकोपता है ये सब तो कुछ कुछ फर्क नहीं पड़नेवाला है क्यों ये सब आपको समझ में आएगाकभी कभी मौत का ख्याल देखनाएक ये करके देखो ना मालो आपको पता चले एकघंटे में आप मरने वाले हो आप क्या करोगेबैठ के इंटरव्यूलोगे क्याकरोगे पता कहां चलेगा एक घंटे में नहींनहीं पता चल गया मानलो कितने सारे कैंसर पेशेंट होते हैं उनकोपता चल जाता है भाई एक साल में मर जाएंगेईश्वर को याद करते हैं क्या सरा नहीं नहींफिर रिपोर्टिंग नहींकरोगे समझेतो धर्म वह चीज है कि जब तुम यह पूरीनश्वरता को जानते हुए कि मैं अगले क्षण परभी मर सकता हूं फिर भी तुम काम कर्म कररहे हो और इतनी तल्लीनता से कर्म कर रहेहो इतनी तल्लीनता से इस नाटक को जी रहे होकि वह असली लगताहै कर्म की बात हुई तल्लीनता की बात हुईअभी जिस तरीके से हम लोग जहां पहलेमुलाकात होती जुना घड़े में वहां तमाम लोगइस बात को कहा जैसे गुप्त साधना की बात कईलोगों ने कहा अब आपको भेज दिया गया है अबआप नहीं किसी से मिलेंगे और ऐसा जुना काेमें तो थोड़ नाराज हो गए थे इसलिए क्योंनाराजहो होता है गु लोग थोड़ासा तो वही बात जैसे ही माता-पिता श्रेष्ठहै ईश्वर श्रेष्ठ है मतलब गुरु भी तो उसीपरंपरा में नहीं नहीं नहीं वो मैं इसलिएमेरे को वैसे वाली व डेफिनेशन सही नहींलगती ना इवन वो जो एग्जांपल देते है नाउसका वो भी गलत है क्क हमेशा ड्यूलरिलेशनशिप में इक्वल एक्सचेंज नहीं होगाना तो व इन बैलेंस हो जाती है रिलेशनशिपमें भी जैसे हमने मां बाप का बताया मांबाप तो क्या बोलोगे उसको ये मानो किपेरेंट्स पेरेंट्स क्या बोलतेहैं माता पिता दो ही बोलते एक नहीं बोलतेक्या किसी को जन्मदता हा जन्मता जन्म लेने वाला मतलब जन्मदेने वाला जन्म लेने वाला दो रिलेशनशिप कोऐसे तो ऐसे इसके अंदर भी डल वाली जोरिलेशनशिप है गुरु शिष्य में तो गुरु गुरुकैसे बनेगा जब तक शिष्य ही नहींहै पढ़ने वाला तो होना चाहिए ना पढ़ाने वाके लिए वहा तो मतलब गुरु को तो ऐसा मतलबऐसा जो गुरु की पदवी पर है तो उसको तो यहहै ना कि हम अपने शिष्य को नहीं ना फिर वोयह नहीं समझ रहे ना कि मैं भी गुरु ही हूंमैं जानबूझ के शिष्य बन रहा हूं ताकि मैंओ आरी चीज और सीख सकू क्या उनके अंदर वहगुण है क्या उन्होंने अपने तरीके सेसिद्धि प्राप्त करने के बाद कोई दूसरेतरीके जाकर सीखे जो मैं कर रहाहूं वो इस चीज को नहीं देख रहे ना क्कजहां पर भी मैं जाता हूं वो सिर्फ अपनेदुनिया को देखता है उसको लगता है कि मैंउसकी छोटी सी दुनिया में एंटर हो गयाहूं नहीं नहीं मैं ऊपर से एंटर हो रहा हूंअभी हर जगह पे जहां पे भी जाना है जहां पेभी जरूरत है महादेव भेज रहे हैं महादेवभेज रहेहैं तो वहां पे भी वो पहले भी ऐसे हीप्रोग्राम करके आए थे जैसे

अखाड़े सेजुड़ने का ऐसे जो मुझे लेके आए थे कभीप्रोग्राम नहीं था और जो लेके आए थे उनकोभी मैंने क्लियर किया था कि मतलब आप सिर्फएक्टिंग से गुरु हो एक्टिंग से गुरु हांतो उसको वो क्लियर किया था हम लीला कर रहेहैं ना आप गुरु की एक्टिंग करो चुपचाप मैंशिष्य की एक्टिंग करता हूं ब जो वो लोगलीला में सीरियस हो जाते हैं क्योंकि घमंडआता है ना जब बड़े पद का एक्टिंग करने कोदिया जाता है तो घमंड आ जाताहै तो वो नहीं सही है ना वो उन्होंने तोबहुत बारबार देखा है फिर भी लोग भूल जातेहैं क्या लीला है फिर अब तो वहां से आपलीला खत्म वो वाला कहानी खत्म अब नई कहानीअब चलते जाओ दिखा को नहीं नहीं खा नहींदिखाऊंगा अभी मैं नई लीला में हम लोग क्यादेखेंगे कुछ बताइए अभी तो बहुत एंटरटेनमेंट है चलते जाओ पूरी फिल्मबोलेगी अभ यहां से य हुआ फिर ऐसे यहांकिया उसने फिर इसने ये किया फिर उसने येकिया अच्छा लोग कुछ इस तरीके की बात भी कहरहे हैं कि जिसको वहां पर कुछ ऐसे भी संतमहात्मा लोग थे कि आपको लाइमलाइट मिली औरलाइमलाइट को आप चीजों को एक्सेप्ट ना करपाना या उसको पचा ना पा और उसमें इतनाएक्स्ट्रा अपने आप को डिवोटा दे देना किजो गुरु है जैसे वहां पर गुरु का सम्मानऔर बाकी चीजें हैं तो उससे इतर आप अपने आपमें रमना शुरू कर देना इस तरीके की बात भीलोगों नहीं अब फिर से वही है ना वो नॉन डलवाटी में अब गुरु को मैं ज्यादाइंपॉर्टेंस क्यों दूं जब मुझे अवत होना हैमुझे सारी फॉर्म्स को एक करनाहै मेरेलिए जितने भी जीव एजिस्ट करते हैं यहां परसब समान होने चाहिए समान दृष्टि के लिएहोने चाहिए कि नहीं होने चाहिए उस एक जीवमें आप कभी तो मां बाप को बड़ा कर देते होएंटिटी को नहीं नहीं नहीं नहीं मां बाप कोस्पेशल ट्रीटमेंट दो फिर कभी दूसरी एंटिटीके लिए आते नहीं नहीं गुरु को स्पेशलट्रीटमेंट दो जब अद्वैत कैसे होगा फिर वोअत क्या है सब बराबर हो जाए तुम्हारीदृष्टिमें वो तो ईश्वर हो सकता है ईश्वर सबको एकसमान देख सकता है इंसान कैसे सबको एक समानआध्यात्मिकता तो वही है ना ईश्वर को पानेकी रास्ता समान देख सकता मतलब वही करनाचाहिए उनको भी वही करना चाहिए चाहिए वोनहीं कर रहे होंगे तो व मैं क्या करूंमुझे तो ये रास्ता पता है मैं तो अपनेरास्ते प चल रहा हूं देखो मुझे किसी सेकोई लेना देना नहीं है मैं अपना मैंनेडाला है कलसारा संसार देख लिया ना तुमने सारा संसारतुम्हारे हाथ में है सारी तुम सब कुछ चलाके भी देख लिया संसार को राजा बोलके भीदेख लिया इकोन चला के भी देख ली ये करकेभी देख लिया कुछ बचा ही नहीं करने को फिरक्या करोगे बैठो अब तुम राजा हो वैसे भीतुमको सब आता है तुम बैठे बैठे भी संसारको चला सकते हो फिर महादेव बन गए फिरतुम आप बन गए नहींनहीं मतलब बनने वाली जो चीज है वो तो अभीक्रिया में होगी ना वो लीला के अंदर होगीहोने को तो वो चीजें हो ही चुकी होते बिनाकाल के जब आप देखते हो जब कृष्ण बोलते किमैंने तो इनको पहले ही मार दियाहै कौरव तो पहले ही मार दिया मैंने कहानीमें अब तू त बस एक्टिंग कर रहीहै अर्जुन को बोले यही बोल थे क्या किसक्या बोल रहा त मैं मार दूंगा मैं मारदूंगा ये तो मैंने पहले ही मार दिया तूनहीं मारेगा तो मैंमारूंगा एक्टिंग मतलब जो ईश्वर तय कर रहाहै वो एक्टहां तो अभी मेरे को जैसे ये लाइम लाइट येसब तो कुछ है ही नहीं ना मतलब अभी देखतेजाना क्योंकि लोगों को यह लगता है वही मैंबोला ना बहुत सारे लोगों को लगा ऐसे जैसेजीत बाबा ने ये दिया ना तो उनको भी शुरूमें ऐसे ही लगा मेरे को समझ में नहीं आयावो क्या बोलते हैं ना उनके रूल रेगुलेशनकई बार जैसे च ऐसे दे के ऐसे नहीं करनीहोती है सब तो गलती से करते तो उन लोगोंको लगता है इसमें घमंडहै मैं ज्यादा बोलता भी नहीं मैं अपने आपमें रहता क महादेव जो भेजते हैं भेजतेरहेंगेतो उनको भी ऐसे लगा फिर वच्छा नहीं नहींसही इंसान नहीं है सही इंसान नहीं है फिरअगले दिन बैठ के फिर वही गलती होगी और आजआपको समझनेमें इसकी कहानी क्या है किसने दिया औरक्याहुआ नहीं नहीं ये बाबा जी ने द थ नाय बाबाये चिंता बाबा है ना व काशी के अंदर अघोरीबाबा इस क्या महत्व है ये जो उन्होने तोनाम दिया था मशानीगोरक उन्होंने लेकिन वही जैसे उन्होंने वोचीज भी समझ गए वो कि यह किसी उससे संप्राया उससे अफिट नहीं होने वाला है ये ऑलरेडीएलाइट है इसको सब समझ में आता है यह सिर्फसीख रहा है ये सिर्फ देख रहा है अलग अलगचीज तो इसलिए उन्होंने उसको पहले तोहीबोले थे कि देख मैं गोरख नाम तेरे लिए अलगसे रखा है यह किसी को नहीं दिया मैंने अभीतक बट वो फिर जैसे वो नाथ नाम देते ना वोतो तो बो तेरे को नाथ नहीं लगाएंगे तूसिर्फ मशानी गोरख बन ताकि वो संप्रदाय उसेत फ्रीर तो ऐसे गुरु चाहिए ना जो समझे कि तुमक्या सीखना चाहते हो तुम कैसे करना चाहतेहो तो उस गुरु के तो पैर पकड़ने में क्यापैर में पक पीने में दिक्कत नहीं है मेरेको सही गुरु की तलाश और जारी है ऐसा कहाजा सक मैं तो सीखता ही रहता हूं बहुत सारीमिले ना मेरे को जैसे य बाबा जी ष पुजारथे वहां प उ तंत्र मंत्र का थोड़ा सासिखाया उसके बाद वो दूसरे बाबा थे विभूतिबाबा उन्होने शास्त्र का बहुत सारी चीजसिखाई पूरा ये जैसे आपको कहानिया बताताबहुत सारी काला सुनाते थे व दो ही भक्त हैएक भक्त ध्रुव एक भक्तप्रहलाद ऐसे ऐसे करके बहुत सारी चीज सुनाईउन्होने पूरी पुराणों की और ये सब चीजउनकी स्टोरी भी बहुत इंटरेस्टिंग 10 सालकी उमर में सवादी लग ग उनको 10 साल की उमें सवादी लग ग और फिर वो ऐसे घर छोड़ केनिकल गए कहीं को घूमतेरहे दुनिया भर का ज्ञान था उनकेपास

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,