आरएसएस स्वयंसेवकों ने संभाली सेवा की कमान

आरएसएस स्वयंसेवकों ने संभाली सेवा की कमान, RSS volunteers took command of the service,

Jan 31, 2025 - 05:43
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आरएसएस स्वयंसेवकों ने संभाली सेवा की कमान

प्रयाग भया 'शबरी', स्वागत में सबने खोले द्वार

श्रद्धालुओं के पांव के छालों पर लगाया मरहम

प्रयागराज में मौनी अमावस्या स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालुओं की सेवा में पूरा शहर तत्पर नजर आ रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक भी श्रद्धालुओं की सहायता में पीछे नहीं हैं। शहर के विभिन्न स्थानों पर 1600 स्वयंसेवक सेवाभाव के साथ मौजूद हैं। ये स्वयंसेवक न केवल श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन दे रहे हैं, बल्कि उनकी हर संभव सहायता भी कर रहे हैं।

श्रीराम नगर के कार्यकर्ताओं ने संगम स्नान से लौट रहे श्रद्धालुओं के थके हुए पैरों पर मूव स्प्रे लगाकर राहत पहुंचाई। इसके साथ ही उन्हें गर्म चाय भी उपलब्ध कराई गई। इस सेवा को देखकर मातृशक्ति ने स्वयंसेवकों को आशीर्वाद दिया और सराहना की। स्वयंसेवक संतोष प्रधान का कहना है, "हम पर सही अर्थों में पुण्य की वर्षा हो रही है।"

कुछ स्वयंसेवक श्रद्धालुओं को सही दिशा दिखाने में लगे हैं, तो कुछ यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।


सेवाभाव: कोई परोस रहा पूड़ी-सब्जी, तो कोई करा रहा चाय-नाश्ता

संगम तट पर जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, वहीं शहर के लोग उनकी सेवा में जुटे हुए हैं। प्रयागराज का हर नागरिक 'शबरी' बन गया है और श्रद्धालुओं के स्वागत में अपने द्वार खोल दिए हैं।

शहरभर में जगह-जगह भंडारे लगे हुए हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण किया जा रहा है। कुछ लोगों ने अपने घरों को निःशुल्क आश्रय स्थल बना दिया है, तो कुछ मोहल्लों की गलियों में चाय-नाश्ते की व्यवस्था कर रहे हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र भी इस सेवा में पीछे नहीं हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी परिसर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए हैं, जहां छात्रावासों में श्रद्धालुओं को शरण मिल रही है।

बीए-एलएलबी के छात्रों के एक समूह ने अपने स्वयं के पैसों से चाय, बिस्कुट और पानी की व्यवस्था कर रखी थी। सड़क पर पैदल चलते श्रद्धालुओं को जब इस सेवा का प्रस्ताव मिला तो मानो उन्हें अमृत मिल गया। विश्वविद्यालय के छात्रावास शताब्दी के अभिनव मिश्र और युवराज बुंदेला ने कुछ अशक्त श्रद्धालुओं को बैरिकेडिंग तक पहुंचाने में भी सहायता की।


घरों के दरवाजे खुले, सेवा का माहौल

त्रिवेणीपुरम् की निवासी कविता शर्मा जब अपने घर से बाहर निकलीं, तो उन्होंने देखा कि श्रद्धालु ठंड में जमीन पर लेटे हुए थे। उन्होंने तुरंत अपना तीन मंजिला मकान उनके लिए खोल दिया। कुछ ही पलों में श्रद्धालु भीतर आ गए और उनके लिए भोजन की व्यवस्था शुरू कर दी गई।

कविता शर्मा का कहना है, "मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने पूरे तीर्थ कर लिए।"

इसी तरह, राजापुर के केपी मिश्र उर्फ मनोज ने भी अपने घर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए। भरद्वाजपुरम के पार्षद शिवसेवक सिंह ने भी इस पुण्य कार्य में हिस्सा लिया और अपने घर में करीब 30 श्रद्धालुओं को ठहरने की सुविधा दी।

हर्षवर्धन मार्ग पर मां दुर्गा जनसेवा आश्रम ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन भोजन प्रसाद वितरण किया जा रहा है, जिससे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।


श्रद्धालुओं की सेवा में पूरा शहर समर्पित

प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सेवा का यह सिलसिला लगातार जारी है। जानसेनगंज चौराहे पर सोमनाथ स्वर्णकार ने पूड़ी-सब्जी, दाल-चावल का वितरण किया। कोतवाली के सामने रात में प्रकाश की व्यवस्था की गई, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

वारसी कमेटी ने दरगाह व मस्जिद रोशन अली के पास पानी, चाय और नाश्ते की व्यवस्था की। मौलाना मो. आरिफ वारसी ने कहा, "महाकुंभ ने हमारे शहर को वैश्विक पहचान दी है, और हमें भी इस अवसर पर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।"

आतिशबाजी संघ के संरक्षक मो. कादिर की ओर से चौक स्थित नीम के पेड़ के पास प्रसाद वितरण किया जा रहा है। यहां वे लोग भी विश्राम कर सकते हैं, जिन्हें ठहरने के लिए जगह नहीं मिल पाई। संघ के मो. शोएब का कहना है, "हर श्रद्धालु हमारा अतिथि है और पूरे प्रयागराज का अतिथि है।"


आरएसएस स्वयंसेवकों ने संभाली सेवा की कमान

महाकुंभ के दौरान हुए एक हादसे के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य तेज कर दिए हैं। वे यातायात नियंत्रण में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं और तीर्थयात्रियों की मदद कर रहे हैं।

आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा किए गए प्रमुख सेवा कार्य:
✅ श्रद्धालुओं के पैरों में मूव मरहम लगाकर राहत पहुंचाना
✅ यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने में प्रशासन का सहयोग
✅ थके हुए श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थलों की व्यवस्था
✅ जगह-जगह जलपान, भोजन और दवा की सुविधा देना


प्रयागराज बना आस्था और सेवा का संगम

मौनी अमावस्या के इस अवसर पर प्रयागराज ने धर्म, सेवा और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। शहर के हर नागरिक ने श्रद्धालुओं के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए हैं। यह समर्पण और सहयोग ही भारतीय संस्कृति की असली पहचान है।

प्रयागराज के इस सेवाभाव से यह स्पष्ट होता है कि भक्ति केवल ईश्वर के प्रति समर्पण तक सीमित नहीं है, बल्कि जरूरतमंदों की सेवा करना भी उतना ही पुण्य का कार्य है। यही भावना इस पवित्र तीर्थयात्रा को और भी विशेष बना देती है।


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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,