राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता कर रहे सेवा का कर कुम्भ में

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Jan 31, 2025 - 05:34
Jan 31, 2025 - 05:44
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  के कार्यकर्ता कर रहे सेवा का कर कुम्भ में

प्रयाग भया' शबरी', स्वागत में सबने खोले द्वार

श्रद्धालुओं के पांव के छालों पर लगाया मरहम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवाभावी स्वयंसेवक भी पीछे नहीं हैं। 1600 स्वयंसेवक अलग-अलग जगहों पर श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए सड़कों पर है। वे हर भक्त के पांव के छालों पर मरहम लगाने की कोशिश कर रहे हैं। श्रीराम नगर के कार्यकर्ताओं ने पैदल चलकर संगम स्नान करने आए श्रद्धालुओं के पैरों में मूव स्प्रे लगाया। इसके साथ श्रद्धालुओं को गर्म चाय पिलाई। इस भाव को देखकर तमाम मातृशक्तियों ने सिर पर हाथ फेरकर आशीष बरसाया। स्वयंसेवक संतोष प्रधान कहते हैं, हम पर सही अर्थों में पुण्य की वर्षा हो रही है। कुछ स्वयंसेवक लोगों को राह दिखा रहे, तो कुछ यातायात व्यवस्था को बनाने में सहयोगी बन रहे हैं। 

सेवाभाव गंगाभक्तों के लिए प्रयागराज में कोई परोस रहा पूड़ी-सब्जी तो कोई करा रहा चाय-नाश्ता, ठहरने की भी कर रहा व्यवस्था

 संगम तट पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे तो शहर के लोग सेवा कर परलोक संवारने में लगे हैं। उनके लिए गंगाभक्त नहीं, मानो साक्षात देव पधारे हैं। ऐसे में हर शहरी 'शबरी' बन गया और स्वागत में अपने द्वार खोल दिए। जगह-जगह लगे भंडारे यही भाव परोस रहे हैं। प्रसाद वितरण के साथ किसी ने पूरा घर निःशुल्क आश्रयस्थल बना दिया, तो कोई मुहल्ले की गलियों को ठिकाना बनाकर चाय, नाश्ता परोस रहा। विद्या अर्जन के लिए आए छात्र भी सेवा कर पुण्य बटोरने में पीछे नहीं हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी परिसर खोल दिए हैं। छात्रावास परिसर श्रद्धालुओं के शरण स्थल हैं तो अंतःवासी उनकी सेवा कर खुद को कृतार्थ महसूस कर रहे हैं।


मौनी अमावस्या का दूसरा दिन यानी गुरुवार की सुबह आस्था के रंग में रंगी दिखी। सड़कों पर गंगा भक्तों का अविरल प्रवाह रहा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम स्नान कर लौट रहे हैं तो उधर जाने वालों की संख्या कम नहीं। इसी बीच इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीए-एलएलबी के छात्रों का समूह उनसे आग्रह करता है कि जलपान करते जाइए। समीप ही उन्होंने चाय-बिस्कुट और पानी का प्रबंध कर रखा है, अपने जुटाए पैसों से। थके-हारे श्रद्धालुओं को मानो अमृत मिल गया। शताब्दी छात्रावास के अभिनव मिश्र और युवराज बुंदेला ने कुछ अशक्त लोगों को आगे की बैरिकेडिंग तक छोड़ने के लिए अपने साथियों से कहा।

त्रिवेणीपुरम् की कविता शर्मा अपने घर के बाहर निकलीं तो देखा जमीन पर ही दूर तक लोग लेटे हुए थे। ऊपर आसमान से ओस बरस रही थी। उन्होंने अपने तीन मंजिला घर के दरवाजे खोल दिए। कुछ ही देर में सब भीतर थे, जिनके लिए भोजन का प्रबंध शुरू हो चुका था। कविता कहतीं हैं, मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने पूरे तीर्थ कर लिए। यही सेवा भाव राजापुर के केपी मिश्र उर्फ मनोज ने दिखाया। महाकुंभ में आने वाले करीब दर्जनभर श्रद्धालुओं को उन्होंने घर आए भगवान जैसा सत्कार दिया। भरद्वाजपुरम के पार्षद शिवसेवक सिंह ने भी अपने घर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है। वह पिछले कुंभ में भी ऐसा ही करते रहे हैं। यहां करीब 30 लोगों ने शरण ली। हर्षवर्धन मार्ग पर मां दुर्गा जनसेवा आश्रम ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन भोजन प्रसाद वितरण हो रहा है।

ये है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शक्ति...! - News18 हिंदी
बस एक ललक कोई रह न जाए अपने राम में रमे भक्तों के लिए पूरा शहर बिछा है। बस यही इच्छा है, यात्रा की पीड़ा को कम किया जाए। जानसेनगंज चौराहे के पास सोमनाथ स्वर्णकार ने पूड़ी-सब्जी, दाल-चावल का वितरण किया। रात में कोतवाली के आगे का हिस्सा प्रकाशमान हो उठता है। वारसी कमेटी ने दरगाह व मस्जिद रोशन अली के गेट के पास पानी, चाय व नाश्ते का प्रबंध कर रखा है। मौलाना मो. आरिफ वारसी कहते हैं महाकुंभ ने हमारे शहर को वैश्विक पहचान दी है। हमारा भी तो कर्तव्य बनता है। आतिशबाजी संघ के संरक्षक मो. कादिर की ओर से चौक स्थित नीम के पेड़ के पास प्रसाद वितरण चल रहा। यहां उन लोगों के लिए भी व्यवस्था है, जो कुछ देर या रात्रि विश्राम करना चाहते थे। संघ के मो. शोएब कहते हैं प्रत्येक श्रद्धालु हमारा अतिथि है। पूरे प्रयागराज का अतिथि है। 

आरएसएस के स्वयंसेवक ने थके हुए श्रद्धालुओं के पैर में मूव मरहम लगाकर राहत पहुंचाने का प्रयास किया। 

हादसे के बाद स्वयंसेवकों ने संभाली सेवा की कमान
कुम्भ मेला क्षेत्र में हुए हादसे के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य तेज कर दिए हैं। वे यातायात व्यवस्था में प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं और तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित...

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