Kesari Chapter 2 Review कोर्टरूम ड्रामा में देशभक्ति का जोश और इतिहास की गूंज

="Kesari Chapter 2 फिल्म रिव्यू: अक्षय कुमार, आर. माधवन और अनन्या पांडे की दमदार अदाकारी से सजी यह फिल्म जलियांवाला बाग हत्याकांड और शंकरन नायर की न्याय के लिए लड़ाई को कोर्टरूम ड्रामा के रूप में पेश करती है। जानिए फिल्म देखने लायक है या नहीं। Kesari Chapter 2,Kesari Chapter 2 Review: कोर्टरूम ड्रामा में देशभक्ति का जोश और इतिहास की गूंज

Apr 19, 2025 - 17:09
Apr 19, 2025 - 17:24
 0  19
Kesari Chapter 2 Review कोर्टरूम ड्रामा में देशभक्ति का जोश और इतिहास की गूंज
केसरी चैप्टर 2 एक ऐतिहासिक कोर्टरूम ड्रामा है, जो जलियांवाला बाग हत्याकांड

Kesari Chapter 2 Review: कोर्टरूम ड्रामा में देशभक्ति का जोश और इतिहास की गूंज

जलियांवाला बाग का जिक्र आते ही रूह कांप उठती है। इतिहास के उस काले दिन की पीड़ा आज भी हर भारतीय के दिल में जिंदा है। Kesari Chapter 2 इसी पीड़ा, साहस और न्याय की लड़ाई को एक दमदार कोर्टरूम ड्रामा के रूप में पेश करती है। अक्षय कुमार, आर. माधवन और अनन्या पांडे स्टारर यह फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि इतिहास से इंसाफ दिलाने की जिद है।

कहानी जो झकझोर देती है

फिल्म की कहानी सन् 1919 के बैसाखी पर्व की है, जब जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में हजारों निर्दोष भारतीयों पर गोलियां चलवाईं। इसी नरसंहार के बाद सामने आता है शंकरन नायर का किरदार, जो पहले अंग्रेजों का वकील होता है लेकिन सच्चाई सामने आने पर अन्याय के खिलाफ खड़ा हो जाता है।

शंकरन नायर उस अंग्रेजी हुकूमत को कोर्ट में चुनौती देता है, जिसने भारत को गुलाम बना रखा था। उसकी लड़ाई सिर्फ एक केस की नहीं, पूरे देश के सम्मान और न्याय की है। वहीं मेककेनली (आर. माधवन) इस लड़ाई का दूसरा चेहरा है, जो हर हाल में शंकरन को हराना चाहता है।

एक्टिंग का दमदार संग्राम

  • अक्षय कुमार ने शंकरन नायर के किरदार को पूरी गंभीरता और जोश के साथ निभाया है। कोर्टरूम में उनका हर डायलॉग, हर तर्क दर्शकों के दिल को छूता है। खासकर जब वो अंग्रेजों के खिलाफ खड़े होते हैं, तो सीटी और तालियां गूंजना तय है।

  • आर. माधवन निगेटिव रोल में शानदार रहे हैं। उनका किरदार अड़ियल और आत्ममुग्ध है, लेकिन कहीं से भी बनावटी नहीं लगता। अक्षय और माधवन जब भी स्क्रीन पर आमने-सामने आते हैं, तो बिजली-सी टकराहट महसूस होती है।

  • अनन्या पांडे भले ही फिल्म में कम नजर आई हों, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका में दमदार छाप छोड़ी है।

  • रेजिना कैसेंड्रा ने शंकरन नायर की पत्नी के रूप में बहुत सहज और भावुक अभिनय किया है।

डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी

फिल्म का निर्देशन काफी संतुलित और गहराई से किया गया है। जलियांवाला बाग का नरसंहार जिस संवेदनशीलता से दिखाया गया है, वह आंखें नम कर देता है। कोर्टरूम सीन्स में गहराई, तर्क और भावनाएं पूरी तरह से दर्शकों को बांधकर रखती हैं।

फर्स्ट हाफ में फिल्म थोड़ी धीमी लग सकती है, लेकिन जैसे ही आर. माधवन की एंट्री होती है, फिल्म में जान आ जाती है। सेकंड हाफ पूरी तरह से शंकरन वर्सेज मेककेनली बन जाता है और यहीं फिल्म अपनी असली उड़ान भरती है।

क्यों देखनी चाहिए ये फिल्म?

  • अगर आप इतिहास, देशभक्ति और न्याय के लिए लड़ी गई सच्ची लड़ाइयों में रुचि रखते हैं, तो Kesari Chapter 2 आपके लिए जरूर है। यह फिल्म न केवल एक प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत करती है, बल्कि इसे बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है। इसके संवाद, संगीत और अदाकारी ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया है, जो दर्शकों को अंत तक बांधकर रखता है।

  • यह फिल्म सिर्फ जलियांवाला बाग की त्रासदी को नहीं दिखाती, बल्कि ये भी बताती है कि उस नरसंहार के खिलाफ एक इंसान ने कैसे पूरी हुकूमत को कोर्ट में घसीटा।

  • यह फिल्म कोर्टरूम ड्रामा पसंद करने वालों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं।

Kesari Chapter 2 सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावना है, एक आंदोलन है। यह हमें बताती है कि जब किसी देश की आत्मा को ठेस पहुंचती है, तो उसके खिलाफ आवाज उठाना ही असली देशभक्ति है। अक्षय कुमार की दमदार परफॉर्मेंस, माधवन की सधी हुई एक्टिंग और एक सच्चे घटनाक्रम पर आधारित स्क्रिप्ट इस फिल्म को देखने लायक बनाते हैं।


जरूर देखें, खासकर अगर आपको इतिहास और कोर्टरूम ड्रामा पसंद हैं।

केसरी चैप्टर 2 एक ऐतिहासिक कोर्टरूम ड्रामा है, जो जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद के घटनाक्रमों पर आधारित है। इस फिल्म में अक्षय कुमार, आर. माधवन और अनन्या पांडे मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी 1919 में बैसाखी के दिन हुए नरसंहार के बाद वकील सी. शंकरन नायर द्वारा ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ी गई कानूनी लड़ाई पर केंद्रित है।

कहानी की झलक

शंकरन नायर (अक्षय कुमार) एक प्रतिष्ठित वकील हैं, जो अंग्रेजों के लिए केस लड़ते हैं। लेकिन जब उन्हें जलियांवाला बाग की सच्चाई का पता चलता है, तो वे ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। उनके साथ दिलरीत गिल (अनन्या पांडे) भी इस लड़ाई में शामिल होती हैं। मामला तब और जटिल हो जाता है जब मेककेनली (आर. माधवन) की एंट्री होती है, जो शंकरन नायर को हर हाल में हराना चाहता है। फिल्म का दूसरा भाग कोर्टरूम में शंकरन और मेककेनली के बीच की तीव्र बहसों और रणनीतियों पर केंद्रित है।​

अभिनय और निर्देशन

अक्षय कुमार ने शंकरन नायर के किरदार में गहराई और गंभीरता लाई है। उनकी कोर्टरूम में उपस्थिति प्रभावशाली है। आर. माधवन ने मेककेनली के रूप में एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी का चित्रण किया है, जो दर्शकों को बांधे रखता है। अनन्या पांडे ने दिलरीत गिल के किरदार में अपनी भूमिका को अच्छी तरह निभाया है। निर्देशक करण सिंह त्यागी ने फिल्म को ऐतिहासिक तथ्यों और भावनाओं के साथ संतुलित रूप से प्रस्तुत किया है।​

️ तकनीकी पक्ष

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइन उस युग की सटीकता को दर्शाते हैं। कोर्टरूम के दृश्य विशेष रूप से प्रभावशाली हैं, जो दर्शकों को उस समय की गंभीरता और तनाव का अनुभव कराते हैं।​

⭐ अंतिम विचार

'केसरी चैप्टर 2' एक सशक्त ऐतिहासिक ड्रामा है, जो दर्शकों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण लेकिन कम ज्ञात अध्याय से परिचित कराता है। अक्षय कुमार और आर. माधवन की दमदार परफॉर्मेंस, मजबूत पटकथा और प्रभावशाली निर्देशन इस फिल्म को देखने लायक बनाते हैं।​

रेटिंग: 4/5

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Entertainment news letter हम भारतीय न्यूज़ के साथ स्टोरी लिखते हैं ताकि हर नई और सटीक जानकारी समय पर लोगों तक पहुँचे। हमारा उद्देश्य है कि पाठकों को सरल भाषा में ताज़ा, entertainment, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार मिलें, जिससे वे जागरूक रहें और समाज में हो रहे बदलावों को समझ सकें।