DUSU 2024 के अध्यक्ष रौनक खत्री कौन हैं

रौनक खत्री, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के 2024-25 सत्र के अध्यक्ष, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के उम्मीदवार के रूप में ABVP के ऋषभ चौधरी को हराकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। उन्हें ‘मटका मैन’ के नाम से भी जाना जाता है DUSU 2024 के अध्यक्ष रौनक खत्री कौन हैं? जानिए 'मटका मैन' की कहानी

Apr 18, 2025 - 06:14
Apr 18, 2025 - 06:22
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DUSU 2024 के अध्यक्ष रौनक खत्री कौन हैं

रौनक खत्री, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के 2024-25 सत्र के अध्यक्ष, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के उम्मीदवार के रूप में ABVP के ऋषभ चौधरी को हराकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। उन्हें ‘मटका मैन’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने विश्वविद्यालय में पानी की समस्या के खिलाफ मटका रखकर प्रदर्शन किया था। उनकी यह पहल छात्रों के अधिकारों और कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। रौनक खत्री ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 2024 में NSUI से की और छात्रों के मुद्दों को उठाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया। वे भविष्य में राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने की योजना बना रहे हैं और लोकसभा चुनाव में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं।

रौनक खत्री, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के 2024-25 सत्र के अध्यक्ष हैं। वे कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के उम्मीदवार थे और उन्होंने ABVP के प्रत्याशी ऋषभ चौधरी को 1,343 वोटों से हराया। यह जीत NSUI के लिए सात वर्षों के बाद DUSU अध्यक्ष पद पर वापसी का प्रतीक है ।

व्यक्तिगत पृष्ठभूमि

रौनक खत्री दिल्ली के नरेला क्षेत्र से हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी में कानून के छात्र हैं । उन्होंने अपने छात्र जीवन में सक्रिय रूप से भाग लिया और विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाई।

'मटका मैन' की पहचान

रौनक को 'मटका मैन' के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पानी की समस्या को उजागर करने के लिए मटका लेकर प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें यह उपनाम मिला । यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ और सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ।

राजनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएं

रौनक खत्री ने DUSU अध्यक्ष बनने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने की इच्छा जताई है। उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बनाई है और इसके लिए सक्रिय रूप से तैयारी कर रहे हैं ।

सोशल मीडिया पर प्रभाव

रौनक खत्री सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। उनके इंस्टाग्राम पर लगभग 2 लाख फॉलोअर्स हैं, जहां वे अपने आंदोलनों, अभियानों और छात्रों से जुड़े मुद्दों को साझा करते हैं ।

रौनक खत्री की यात्रा एक साधारण छात्र से DUSU अध्यक्ष बनने तक की है, जिसमें उन्होंने छात्रों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और उन्हें समाधान की दिशा में ले जाने का प्रयास किया। उनकी सक्रियता और प्रतीकात्मक प्रदर्शनों ने उन्हें छात्रों के बीच एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है।

यदि आप रौनक खत्री के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर जा सकते हैं।

DUSU 2024 के अध्यक्ष रौनक खत्री कौन हैं जानिए 'मटका मैन' की कहानी

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) के चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं और इस बार कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने सात साल बाद DUSU की शीर्ष कुर्सी पर कब्जा जमाया है। NSUI के उम्मीदवार रौनक खत्री ने अध्यक्ष पद की दौड़ में बाजी मारते हुए ABVP के उम्मीदवार ऋषभ चौधरी को 1,300 से अधिक वोटों से हराया। रौनक को 20,207 वोट मिले जबकि ऋषभ चौधरी 18,864 वोटों के साथ पीछे रह गए।

'मटका मैन' कैसे बने रौनक

दिल्ली विश्वविद्यालय के इस छात्र नेता को छात्र समुदाय में एक खास नाम से जाना जाता है – ‘मटका मैन’। इसका कारण है उनका अनोखा सामाजिक प्रयास। गर्मी के मौसम में जब DU कैंपस में पानी की भारी कमी देखने को मिली, तब रौनक ने खुद आगे आकर कॉलेज परिसर में मटके रखवाए, जिससे छात्र-छात्राओं को पीने के पानी की सुविधा मिल सके।

इतना ही नहीं, उन्होंने इस जल संकट को लेकर न्यायालय में याचिका भी दायर की, जिससे प्रशासन को हरकत में आना पड़ा और जल समस्या का समाधान निकला। रौनक की यह पहल न केवल उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि उनके नेतृत्व कौशल और छात्रों की भलाई के प्रति प्रतिबद्धता को भी दिखाती है।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

रौनक खत्री का छात्र राजनीति में प्रवेश 2024 में NSUI से जुड़ने के बाद हुआ। इससे पहले वह किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े थे। उनका चुनावी नारा ‘गाँव से DU तक’ उनकी जड़ों और छात्रहित में काम करने की प्रतिबद्धता को बयां करता है।

NSUI के अनुसार, रौनक DUSU में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी कानूनी समझ और ऊर्जावान नेतृत्व संगठन को नई दिशा देगा। उनके पिता एक व्यापारी हैं और मां गृहिणी हैं।

चुनाव प्रक्रिया और परिणाम

DUSU चुनाव 27 सितंबर 2024 को हुए, जिसमें करीब 1.45 लाख छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, इस बार परिणामों की घोषणा में देरी हुई, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया था, जिससे कानूनी और प्रक्रिया संबंधी बाधाएं उत्पन्न हुईं।

चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) का प्रयोग किया गया, जिन्हें सुरक्षा के तहत दो महीने तक एक स्ट्रॉन्ग रूम में 24 घंटे पुलिस निगरानी में रखा गया था। अंततः, NSUI ने अध्यक्ष पद के साथ-साथ छात्र राजनीति में फिर से वापसी का बिगुल बजा दिया।


रौनक खत्री की सफलता सिर्फ एक चुनावी जीत नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे युवा नेता की कहानी है जो अपने अनूठे प्रयासों और छात्रों के हितों के प्रति अपनी सजगता के कारण आज DUSU के सर्वोच्च पद पर आसीन हुआ है। ‘मटका मैन’ की यह यात्रा हमें यह भी दिखाती है कि छोटे-छोटे बदलावों से भी बड़े प्रभाव पैदा किए जा सकते हैं। 

रौनक खत्री नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के उम्मीदवार हैं।

NSUI, कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई है। इस बार NSUI ने लगातार सात साल बाद DUSU अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है, जिससे यह पार्टी छात्र राजनीति में एक बड़ी वापसी के रूप में देखी जा रही है। 

रौनक खत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून (Law) की पढ़ाई की है।

उनकी कानूनी शिक्षा ही उनके नेतृत्व को और भी सशक्त बनाती है, क्योंकि छात्रहितों से जुड़े कई मुद्दों को उन्होंने कानूनी रूप से भी उठाया है — जैसे कि पानी की समस्या को लेकर कोर्ट में याचिका दायर करना। NSUI ने भी उनके "कानूनी और ऊर्जावान नेतृत्व" को उनकी सबसे बड़ी ताकत बताया है। 

रौनक खत्री मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं।

उनका चुनावी नारा "गांव से DU तक" भी इसी बात को दर्शाता है कि वह एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आकर दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में न सिर्फ पढ़ाई कर रहे हैं, बल्कि छात्र राजनीति में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उनकी यही जमीनी छवि और छात्रों से जुड़ाव उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाती है।

रौनक खत्री का परिवार दिल्ली के नरेला क्षेत्र से है। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनके पिता व्यवसायी हैं, जबकि उनकी माता गृहिणी हैं।The Indian Express (के अनुसार) 

रौनक ने अपने राजनीतिक सफर में अपने माता-पिता की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया है। एक साक्षात्कार में उन्होंने साझा किया कि उनके पिता ने उन्हें शिक्षा का महत्व समझाया और हमेशा उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।

रौनक खत्री की पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनके माता-पिता का समर्थन उनकी सफलता की कहानी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

रौनक खत्री ने अब तक केवल एक छात्रसंघ चुनाव लड़ा है, जो कि 2024 का दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव था। इस चुनाव में उन्होंने नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के उम्मीदवार के रूप में भाग लिया और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा।

DUSU 2024 चुनाव परिणाम:

  • पद: अध्यक्ष (President)

  • पार्टी: NSUI (कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन)

  • प्राप्त वोट: 20,207

  • मुख्य प्रतिद्वंद्वी: ऋषभ चौधरी (ABVP)

  • वोटों का अंतर: 1,343

यह NSUI के लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी, क्योंकि पार्टी ने सात वर्षों के बाद DUSU अध्यक्ष पद पर वापसी की थी। रौनक की यह जीत उनकी सामाजिक पहल, जैसे कि गर्मियों में कॉलेज परिसर में पानी के मटके रखना, और छात्रों के अधिकारों के लिए उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम मानी जाती है।

यदि आप रौनक खत्री के भविष्य की योजनाओं या उनके घोषणापत्र के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो मैं उसमें भी सहायता कर सकता हूँ।

रौनक खत्री की व्यक्तिगत जीवन से संबंधित जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है। उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल और सार्वजनिक बयानों में उनके परिवार, शिक्षा, और छात्र राजनीति से जुड़े पहलुओं पर ही प्रकाश डाला गया है।

रौनक खत्री ने 2024 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। उन्हें 'मटका मैन' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पानी की व्यवस्था सुधारने के लिए मटके रखवाए थे और इस मुद्दे को लेकर अदालत में याचिका भी दायर की थी।

उनकी व्यक्तिगत जीवन, जैसे प्रेम संबंध या निजी रिश्तों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। यदि भविष्य में वे इस विषय पर कोई जानकारी साझा करते हैं, तो वह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी।

अप्रैल 2025 में, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) के अध्यक्ष रौनक खत्री ने लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रत्युषा वत्सला द्वारा कक्षाओं की दीवारों पर गोबर लगाने के विवादास्पद प्रयोग के विरोध में एक साहसिक कदम उठाया।

 क्या हुआ था

प्रिंसिपल वत्सला ने गर्मी से निपटने के लिए कक्षाओं की दीवारों पर गोबर लगाने का प्रयोग किया था, जिसे उन्होंने "पारंपरिक भारतीय ज्ञान" के तहत एक शोध परियोजना बताया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे छात्रों में नाराजगी फैल गई।

 रौनक खत्री का विरोध

रौनक खत्री ने इस प्रयोग को "अवैज्ञानिक और अस्वच्छ" बताते हुए कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। उन्होंने प्रिंसिपल के कार्यालय की दीवारों पर भी गोबर लगाया, यह कहते हुए कि वह प्रिंसिपल की मदद कर रहे हैं ताकि उन्हें भी "प्राकृतिक ठंडक" का अनुभव हो। उन्होंने आरोप लगाया कि छात्रों से इस प्रयोग के लिए कोई सहमति नहीं ली गई थी।

रौनक का यह कदम छात्रों के अधिकारों की रक्षा और प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए था। उन्होंने इसे एक प्रतीकात्मक विरोध के रूप में देखा, जो छात्रों की आवाज़ को प्रमुखता से उठाता है।

यदि आप इस घटना से संबंधित वीडियो देखना चाहते हैं, तो नीचे दिया गया लिंक आपकी मदद कर सकता है:

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