फोटोनिक कंप्यूटिंग से चलेगा 'सिस्टम'

वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिसे फोटोनिक कंप्यूटिंग कहते हैं, जो कंप्यूटर की प्रोसेसिंग को 10 गुना तेजी से करने में सक्षम है। इस तकनीक में डेटा का प्रवाह फोटॉनों (प्रकाश के कणों) के माध्यम से होता है, जिससे कंप्यूटर बहुत कम बिजली खर्च करेंगे और इनको कूलिंग सिस्टम की भी जरूरत नहीं होगी। इससे ऊर्जा की बचत होगी और पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा। फोटोनिक चिप्स और माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक चिप्स का संयोजन भविष्य में कंप्यूटरों की कार्यप्रणाली को पूरी तरह बदल सकता है, जिससे ये और भी तेज़, स्मार्ट और ऊर्जा दक्ष बनेंगे। The system will run on photonic computing, फोटोनिक कंप्यूटिंग से चलेगा 'सिस्टम,

Apr 16, 2025 - 15:42
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फोटोनिक कंप्यूटिंग से चलेगा 'सिस्टम'

फोटोनिक कंप्यूटिंग से चलेगा 'सिस्टम'
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे लैस कंप्यूटर बहुत कम बिजली खर्च करेंगे। इनके लिए कूलिंग सिस्टम की जरूरत भी नहीं होगी और ये 10 गुना तेजी से चलेंगे। 

प्यूटर जटिल डाटा को भी महज कुछ सेकंड में हल कर देता है। कंप्यूटर को यह तेजी मिलती है-इलेक्ट्रॉन यानी बिजली के कणों से। इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर ने हर उस गणना को संभव बनाया, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे। लेकिन अब वैज्ञानिक इससे भी 10 गुना तेजी से डाटा प्रवाहित करने वाली फोटोनिक कंप्यूटिंग तकनीक को व्यावहारिक उपयोग में लाने के करीब पहुंच गए हैं। फोटोनिक कंप्यूटिंग में डाटा प्रवाह फोटॉन यानी प्रकाश के पैकेट के माध्यम से होता है। इस तकनीक के बाद कंप्यूटर प्रोसेसिंग पूरी तरह बदल जाएगी। यह तकनीक हमारे सोचने, काम करने और जीने के तरीके को एक नया आयाम देगी।

 
■ कैसे बनी बात
सिंगापुर की कंपनी 'लाइटेलिजेंस' ने एक फोटोनिक अर्थमैटिक कंप्यूटिंग इंजन (पेस) तैयार किया है, जो एक फोटोनिक चिप और एक माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक चिप को जोड़ता है। इसी तरह अमेरिकी स्टार्टअप 'लाइटमैटर' ने भी एक चिप 'एनविस' तैयार की है। स्टार्टअप का दावा है कि उसकी अपनी चिप पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेसर के समान सटीकता के साथ एआई मॉडल चला सकती है। इन दोनों नवाचारों ने फोटोनिक कंप्यूटिंग के जल्द प्रयोग में आने की उम्मीद जगाई है। लाइटेलिजेंस के बो पेंग का कहना है कि यह तकनीक तेजी से कारगर हो रही है। हम कमोवेश प्री-प्रोडक्शन चरण में हैं। यह एक व्यावहारिक उपकरण है, न कि केवल प्रयोगशाला में बना एक एक्सपेरिमेंटल उपकरण। यह तकनीक व्यावसायिक एप्लीकेशन के लिए तैयार होने के करीब है, लेकिन अभी यह नहीं बता सकते कि कब तक तैयार होगी।

 ■ पुराने कंप्यूटर काम के रहेंगे? बो पेंग के अनुसार, फोटोनिक चिप काफी हद तक इलेक्ट्रिकल चिप के साथ काम करती है। इसके लिए उसे पूरी तरह बदलने की जरूरत नहीं है। यह उन खास टॉस्क पर काम करती है, जहां यह प्रोसेसिंग को फास्ट कर सकती है। जिस हार्डवेयर पर शोध किया गया, वह पेरिफेरल कंपोनेंट इंटरकनेक्ट एक्सप्रेस फॉर्मेंट में बनाया गया है। यह डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए स्टैंडर्ड मदरबोर्ड फॉर्मेट है, जो ग्राफिक्स कार्ड या अन्य डिवाइस को जोड़ने की अनुमति देता है।

 ■ बिजली की जरूरत खत्म
कंप्यूटर में बिजली दो तरीके से काम करती है- पहला, कंप्यूटर और उसके दूसरे कंपोनेंट को पावर देने के लिए और दूसरा, उसके अंदर डाटा के प्रवाह में। फोटोनिक कंप्यूटर में भी पहली स्थिति के लिए बिजली की ही आवश्यकता होगी, लेकिन दूसरी स्थिति में फोटॉन काम करेंगे। हालांकि फोटॉन पैदा करने के लिए भी एलईडी या लेजर की जरूरत होगी, जो बिजली से ही चल सकते हैं। इसलिए बिजली की आवश्यकता बनी रहेगी, लेकिन खपत बहुत कम हो जाएगी। चूंकि प्रकाश में कोई प्रतिरोध नहीं होता, इसलिए फोटोनिक कंप्यूटिंग तकनीक से लैस कंप्यूटर बहुत कम बिजली खर्च करेंगे, यानी ये बहुत कम गरम होंगे। इनके लिए भारी कूलिंग सिस्टम की जरूरत नहीं होगी। डाटा सेंटर पर खर्च होने वाली बिजली खपत बहुत कम हो जाएग यह ऊर्जा की बचत के साथ पर्यावरण के लिए भी बेहतर है। 

वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे लैस कंप्यूटर बहुत कम बिजली खर्च करेंगे। इनके लिए कूलिंग सिस्टम की जरूरत भी नहीं होगी और ये 10 गुना तेजी से चलेंगे।

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