एक घंटे में चार भूकंप: कांप उठा एशिया, भारत के मंडी से ताजिकिस्तान तक हड़कंप

Four earthquakes in one hour Asia trembled panic spread from Mandi in India to Tajikistan, एक घंटे में चार भूकंप: कांप उठा एशिया, भारत के मंडी से ताजिकिस्तान तक हड़कंप,

Apr 13, 2025 - 11:06
Apr 13, 2025 - 11:13
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एक घंटे में चार भूकंप: कांप उठा एशिया, भारत के मंडी से ताजिकिस्तान तक हड़कंप

एक घंटे में चार भूकंप: कांप उठा एशिया, भारत के मंडी से ताजिकिस्तान तक हड़कंप

आज सुबह एशिया के कई हिस्सों में धरती कांप उठी। एक घंटे के भीतर भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में चार भूकंप दर्ज किए गए, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। हिमालय की घाटियों से लेकर मध्य एशिया के पहाड़ी इलाकों तक, लोग डर के मारे अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। यह घटना न सिर्फ इन देशों के लोगों के लिए डरावनी थी, बल्कि इसने एक बार फिर से इस क्षेत्र की भौगोलिक अस्थिरता को उजागर कर दिया।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में सुबह-सुबह धरती कांपी

आज सुबह 9 बजे हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र 31.49°N, 76.94°E पर स्थित था और इसकी गहराई जमीन से मात्र 5 किलोमीटर थी।

हालांकि तीव्रता अधिक नहीं थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसकी कंपन को महसूस किया। कई लोगों ने बताया कि पहले एक धीमी गड़गड़ाहट सुनाई दी और फिर जमीन हिलने लगी। लोग डर के मारे अपने घरों, दुकानों और ऑफिसों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में आ गए। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं मिली।

म्यांमार में 5.5 तीव्रता का आफ्टरशॉक

मंडी में आए भूकंप के कुछ ही देर बाद म्यांमार के मेइकटिला इलाके में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह भूकंप 28 मार्च को आए विनाशकारी 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद का सबसे बड़ा आफ्टरशॉक था।

उस भयंकर भूकंप में 3,600 से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे। अब यह नया झटका मांडले और नायप्यीडॉ जैसे प्रमुख शहरों में भी महसूस किया गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कंपन इतनी तेज थी कि लोग डर के मारे बाहर भाग निकले। कुछ घरों की छतों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन अब तक किसी नई मौत की खबर नहीं है।

ताजिकिस्तान में दो बार कांपी धरती

ताजिकिस्तान में सुबह 9:54 बजे 6.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। शुरू में इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई थी, लेकिन बाद में इसे संशोधित कर 6.1 कर दिया गया। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी और इसका केंद्र 38.86°N, 70.61°E पर था।

इस भूकंप के बाद करीब 42 मिनट बाद सुबह 10:36 बजे उसी क्षेत्र में एक और झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 3.9 थी। इन दोनों झटकों ने इलाके में दहशत फैला दी। स्कूल और दुकानें एहतियात के तौर पर खाली करा ली गईं।


भूकंप क्या होता है?

भूकंप तब आता है जब पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं। इस टकराव से जो ऊर्जा निकलती है, वह कंपन के रूप में धरती की सतह तक पहुंचती है और उसे हिलाती है।

भूकंप को कैसे मापा जाता है?

भूकंप की तीव्रता को सीस्मोग्राफ नामक यंत्र से मापा जाता है। यह यंत्र भूकंपीय तरंगों को रिकॉर्ड करता है, जो धरती के अंदर से निकलती हैं।

रिक्टर स्केल और मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल

भूकंप की तीव्रता को आमतौर पर दो स्केल पर मापा जाता है:

  • रिक्टर स्केल: यह एक लॉगरिदमिक स्केल है, जिसमें हर 1 अंक की बढ़त का मतलब होता है कि भूकंप की ताकत 10 गुना ज्यादा है।
    उदाहरण: 6.0 तीव्रता का भूकंप, 5.0 से 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

  • मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल (Mw): यह रिक्टर स्केल का आधुनिक और ज्यादा सटीक रूप है, खासकर बड़े भूकंपों के लिए।

गहराई का महत्व

भूकंप की गहराई यह बताती है कि वह धरती के अंदर कितनी गहराई पर उत्पन्न हुआ।

  • कम गहराई वाले भूकंप सतह पर ज्यादा महसूस होते हैं।

  • अधिक गहराई वाले भूकंप अक्सर कमजोर महसूस होते हैं, लेकिन उनका क्षेत्र ज्यादा बड़ा हो सकता है।


भूकंप के असर: तीव्रता के आधार पर

तीव्रता (Magnitude) असर
3-4 हल्का कंपन, नुकसान नहीं के बराबर
5-6 मध्यम से तेज, कमजोर इमारतों को नुकसान
6+ तीव्र और व्यापक विनाश संभव

क्या करें जब आए भूकंप?

  • घबराएं नहीं। किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिपें।

  • खिड़की, शीशे या भारी फर्नीचर से दूर रहें।

  • बाहर हैं तो खुले मैदान में जाएं, पेड़ या बिजली के खंभों से दूर रहें।

  • लिफ्ट का उपयोग न करें।

  • सरकारी अलर्ट या समाचारों पर ध्यान दें।


आज का दिन पूरे एशिया के लिए चेतावनी की तरह रहा। भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में एक घंटे के अंदर आए चार भूकंपों ने लोगों को एक बार फिर याद दिला दिया कि प्रकृति कितनी अप्रत्याशित और शक्तिशाली हो सकती है।

हमें जरूरत है सतर्क रहने की, जागरूक रहने की और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी की।