विदेशी मीडिया के झूठे दावों को हवा देने में 'द हिन्दू' की भूमिका, चीन-पाकिस्तान ने झूठ फैलाया, भारत सरकार से कार्रवाई की मांग तेज

विदेशी मीडिया के झूठे दावों को हवा देने में 'द हिन्दू' की भूमिका, चीन-पाकिस्तान ने झूठ फैलाया, भारत सरकार से कार्रवाई की मांग तेज, The Hindu role in fuelling false claims made by foreign media,

विदेशी मीडिया के झूठे दावों को हवा देने में 'द हिन्दू' की भूमिका, चीन-पाकिस्तान ने झूठ फैलाया, भारत सरकार से कार्रवाई की मांग तेज
विदेशी मीडिया के झूठे दावों को हवा देने में 'द हिन्दू' की भूमिका, चीन-पाकिस्तान ने झूठ

विदेशी मीडिया के झूठे दावों को हवा देने में 'हिन्दू' की भूमिका, चीन-पाकिस्तान ने झूठ फैलाया, भारत सरकार से कार्रवाई की मांग तेज

नई दिल्ली।
भारतीय मीडिया में प्रतिष्ठित माने जाने वाले अंग्रेजी समाचार पत्र 'हिन्दू' द्वारा की गई एक चूक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने का काम किया है। दरअसल, मंगलवार को 'हिन्दू' ने एक खबर प्रकाशित की जिसमें दावा किया गया कि भारत के तीन लड़ाकू राफेल विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। इस खबर के प्रकाशित होते ही चीनी और पाकिस्तानी मीडिया ने इसे लपक लिया और बिना तथ्यों की पुष्टि किए भ्रामक प्रचार करना शुरू कर दिया।

चीन और पाकिस्तान की मीडिया ने इस झूठे समाचार को लेकर यहाँ तक दावा कर दिया कि पाकिस्तान ने भारत के तीन राफेल विमानों को मार गिराया है। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह रही कि पाकिस्तान की संसद में खुद प्रधानमंत्री ने इस झूठे समाचार को आधार बनाकर भारत के खिलाफ बयानबाजी की।

हालाँकि, 'हिन्दू' ने कुछ ही समय बाद अपनी गलती को स्वीकार करते हुए केवल खबर को अपनी वेबसाइट से हटा लिया, बल्कि इस भ्रामक रिपोर्ट के लिए सार्वजनिक रूप से क्षमा भी मांगी। बावजूद इसके, चीन और पाकिस्तान लगातार 'हिन्दू' के हवाले से यह झूठा प्रचार अभियान चला रहे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम से देशवासियों में गहरी नाराज़गी है। देश के कई रक्षा विशेषज्ञों और वरिष्ठ पत्रकारों ने इसे एक ‘सूचना युद्ध’ का हिस्सा करार दिया है, जिसमें भारत की साख को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चोट पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।

जनता का एक बड़ा वर्ग यह सवाल कर रहा है कि जब जानबूझकर झूठ फैलाने वाले विदेशी मीडिया के खिलाफ आवाज़ उठाई जा सकती है, तो फिर देश के अंदर बैठे ऐसे मीडिया संस्थानों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?

अब यह मांग ज़ोर पकड़ रही है कि भारत सरकार को केवल इस मामले की गंभीर जांच करनी चाहिए, बल्कि ऐसे गैर-जिम्मेदार मीडिया संस्थानों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, जो विदेशी एजेंडे को अनजाने या जानबूझकर बल देते हैं।