अब सिर्फ दो महीने पहले बुक करा सकेंगे ट्रेन टिकट
रेलवे ने एडवांस टिकट बुकिंग की समय सीमा 120 दिन से घटाकर 60 दिन की, नया नियम एक नवंबर 2024 से प्रभावी होगा, पुरानी बुक टिकट पर असर नहीं, रेलवे ने अधिक कैंसिलेशन, यात्रा न करने की सूरत में सीटों की बर्बादी के मद्देनजर उठाया कदम
अब सिर्फ दो महीने पहले बुक करा सकेंगे ट्रेन टिकट
रेलवे ने टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए एडवांस रिजर्वेशन की समय सीमा को चार महीने से घटाकर दो महीने कर दिया है। अधिक कैंसिलेशन और सीटों की बर्बादी को देखते हुए यह फैसला लिया है। नया नियम एक नवंबर 2024 से प्रभावी होगा। जिन्होंने पहले से टिकट ले रखी है, उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। रेलवे ने नए नियम से संबंधित अधिसूचना गुरुवार को जारी की।
त्योहारों के समय ट्रेनों में यात्रियों की अधिक भीड़ को देखते हुए रेलवे ने नियम में संशोधन किया है। रेलवे का मानना है कि इससे कालाबाजारी पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा। ट्रेनों की अग्रिम आरक्षण अवधि में समय-समय पर परिवर्तन होता रहा है। कभी आरक्षण की अवधि 45 दिन हुआ करती थी और कभी 90 दिन भी रही है। वर्तमान में यह अवधि 120 दिन है। इसके पहले 14 जुलाई 2007 तक अग्रिम टिकट बुकिंग की अवधि 60 दिन हुआ करती थी, जिसे एक फरवरी 2008 से 120 दिन कर दिया गया था। विभिन्न अवधियों के विश्लेषण के बाद रेलवे ने पाया कि यात्रियों की सुविधा के लिहाज से अधिकतम 60 दिन की अग्रिम आरक्षण अवधि सर्वोत्तम हो सकती है।
विश्लेषण में रेलवे ने पाया कि यात्रा की योजना बनाने के लिए 120 दिन का समय बहुत अधिक है। इसके चलते टिकट कैंसिलेशन की संख्या बढ़ जाती है या यात्रा नहीं करने की स्थिति में सीटों की बर्बादी होती है। देखा गया कि अभी लगभग 21 प्रतिशत टिकट कैंसिल होती हैं और चार से पांच प्रतिशत यात्री पहुंचते नहीं (नो-शो) हैं। ऐसे यात्री अपना टिकट कैंसिल नहीं कराते हैं और न ही यात्रा के लिए ट्रेन में पहुंच पाते हैं। इससे भ्रष्टाचार के मामले बढ़ जाते हैं। रेलवे कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से पैसे की वसूली होने लगती है। इसे रोकने के लिए ही रेलवे ने यह पहल की है। लंबी अवधि के कारण एजेंटों द्वारा गलत तरीके से टिकट ब्लाक करने के मामले भी बढ़ जाते हैं जबकि कम अवधि में वास्तविक यात्रियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
सामान्य श्रेणी के टिकटों की बुकिंग पर समय सीमा का असर नहीं पड़ता है, क्योंकि ऐसी टिकट यात्रा से ठीक पहले खरीदी जाते हैं। रिजर्वेशन समय सीमा में कटौती से रेलवे को सबसे अधिक सुविधा विशेष ट्रेनों को चलाने की योजना बनाने में होगी, क्योंकि कम कैंसिलेशन और नो-शो के कारण अधिक मांग को देखकर सही स्थिति का पता चल सकेगा।
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