शौर्य गाथा और रोमांच के दर्शन कराता पर्यटन का नया केंद्र कारगिल

हर वर्ष बलिदानियों को प्रणाम करने आ रहे हजारों पर्यटक, राज्य की आर्थिकी को भी मिल रहा संबल, मई से लेकर सितंबर तक रहती भीड़

शौर्य गाथा और रोमांच के दर्शन कराता पर्यटन का नया केंद्र कारगिल

शौर्य गाथा और रोमांच के दर्शन कराता पर्यटन का नया केंद्र कारगिल 

हर वर्ष बलिदानियों को प्रणाम करने आ रहे हजारों पर्यटक, राज्य की आर्थिकी को भी मिल रहा संबल, मई से लेकर सितंबर तक रहती भीड़ बलिदानियों की कर्मभूमि कारगिल में अब पर्यटन की धूम है। 25 वर्ष पहले जिस कारगिल में पाकिस्तानी तोपें घुस आई थीं, आज वहां भारतीय सेना के जांबाजों की असाधारण वीरता देशवासियों को खींच लाती है। वर्ष 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े कारगिल के निवासी आज बढ़ते पर्यटन में बेहतर भविष्य तलाश रहे हैं। कारगिल विजय की रजत जयंती मनाने की तैयारियों के बीच इस समय इस क्षेत्र में पर्यटकों की भीड़ है। यह इसलिए भी बताना जरूरी है कि पर्यटक पहले कारगिल न रुकते हुए सीधे लेह वले जाते थे, लेकिन आज ऐसा नहीं है,

लद्दाख पहुंचने वाले पर्यटक द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक जरूर आते हैं और यहां बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करना अपना कर्तव्य समझते हैं। बता दें कि सेना ने हाल ही में कारगिल की आर्यन वैली में स्थित अपने खलुबार युद्ध स्मारक को भी पर्यटकों के लिए खोल दिया है। परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पहि व महावीर चक्र विजेता कैप्टन केसी नुनद्रुम इसी जगह सद्गति को प्राप्त हुए थे।
वर्ष 1999 के बाद युद्ध का अगला साल दुश्मन की गोलाबारी से प्रभावित कारगिल के लिए बहुत अच्छा नहीं था। वर्ष 2000 में कारगिल में तीन दर्जन से भी कम पर्यटक पहुंचे थे, किंतु आज 25 वर्ष बाद यह आंकड़ा तीन लाख को छूने लगा है। वर्ष 2023 में कारगिल में पौने तीन लाख पर्यटक पहुंचे थे, जिनमें 4,655 विदेशी थे। इस वर्ष अब तक करीब 1.90 लाख पर्यटक आ चुके हैं और इनमें 1,550 विदेशी हैं। यह आंकड़ा लगातार आगे बढ़ेगा। कारगिल जिले में मई से सितंबर तक पर्यटन गतिविधियां चरम पर रहती हैं।


नए पर्यटन स्थल विकसित करने का हो रहा कामः कारगिल में पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक रहमतउल्लाह बट का कहना है कि हम जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। नए पर्यटन स्थल विकसित करने पर काम हो रहा है। कारगिल में एडवेंचर टूरिज्म व विंटर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि कारगिल आने वाले पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं मिलें।

पांच वर्ष में तीन गुना बढ़े पर्यटक
वर्ष 2018 तक कारगिल आने वाले सैलानियों का आंकड़ा एक लाख से कम था। पिछले पांच वर्षों में इसमें करीब तीन गुना वृद्धि हुई है। टूर एड ट्रैवल से जुड़े हसन पाशा का कहना है कि पर्यटन में वृद्धि होना उत्साहजनक है। इससे लोगों को रोजगार मिल रहा है। वर्ष 1999 तक कारगिल में
करीब 300 होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे हैं। 

युद्ध की यादों को देखकर हो जाते हैं भावुक
चंडीगढ़ से कारगिल पहुंची सारिका कहती है कि वह शब्दोसे यह बयां नहीं कर सकती कि रोना के वीरों ने किन हालात में ऊंची और दुर्गम चोटियों पर चढ़कर दुश्मन को पराजित कर जीत हासिल की होगी। सारिका की तरह अन्य पर्यटक भी म्यूजियम में सहेज कर रखी युद्ध की यादों को देख भावुक हो जाते हैं। 

कैसे पहुंचें कारगिल
कारगिल के द्रास सेक्टर और अन्य दर्शनीय स्थलों तक जाने के लिए पहले आपको सडक या हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचना होगा। वहां से टैक्सी से चार घंटे में द्वास पहुंच सकते हैं। अन्य सस्ते विकल्प भी उपलब्ध है। लेह से भी आप कारगिल की तरफ आ सकते है पर रोमांचक सफर के लिए ज्यादातर पर्यटक श्रीनगर से कारगिल जाना पसद करते हैं। इस दौरान आप सफर में खूबसूरत नजारों को कैद कर पाएंगे। द्वास सेक्टर श्रीनगर से 143 किलोमीटर की दूरी पर है। कारगिल शहर उससे 58 किलोमीटर दूर है।