पीछे छूटा दिल्ली, यह है सरकार को मालामाल करने वाला राज्य, जानें टॉप-5 में कौन-कौन शामिल

Top 5 States Contributed 70 percent Tax: टैक्स सीधेतौर पर भारत सरकार का खजाना भरने का काम करता है. सरकार इनका इस्तेमाल सेना, स्कूल, सड़क, योजनाएं, रेलवे, मनरेगा, सब्सिडी समेत कई मदों में करती है. जानिए, देश में सबसे ज्यादा डायरेक्ट टैक्स देने वाले राज्य कौन से हैं.

Jul 16, 2025 - 19:11
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पीछे छूटा दिल्ली, यह है सरकार को मालामाल करने वाला राज्य, जानें टॉप-5 में कौन-कौन शामिल
पीछे छूटा दिल्ली, यह है सरकार को मालामाल करने वाला राज्य, जानें टॉप-5 में कौन-कौन शामिल

राज्यों से मिलने वाला टैक्स भारत सरकार को मालामाल करता है. यही पैसा सरकार विकास योजनाओं, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करती है. आम इंसान को इसका फायदा मिलता है. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में देने के मामले में अभी भी महाराष्ट्र का रुतबा बरकरार रहा है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिपोर्ट इस पर मुहर लगाती है.

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा 38.9 प्रतिशत डायरेक्ट टैक्स देने वाला राज्य है. वहीं, दक्षिण के एक राज्य ने दिल्ली को पीछे छोड़ते हुए दूसरे पायदान पर जगह बनाई. जानिए, किस राज्य ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया और कौन से हैं वो टॉप राज्य जो भारत सरकार को डायरेक्ट टैक्स देने अव्वल हैं.

टॉप-5 राज्य में कौन-कौन शामिल?

भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कर्नाटक दिल्ली को पीछे छोड़कर दूसरा सबसे बड़ा राज्य बना. वित्त वर्ष 2023-24 में, कर्नाटक ने प्रत्यक्ष कर राजस्व में 11.9 प्रतिशत का योगदान दिया, जो महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर रहा. वहीं दिल्ली तीसरे स्थान (10.4 प्रतिशत) पर रहा.

रिपोर्ट के मुताबिक, सात सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब कर्नाटक ने आयकर और कॉर्पोरेट कर में दिल्ली को पीछे छोड़ा. वित्त वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा था.महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली के बाद चौथे नम्बर पर तमिलनाडु (6.5 प्रतिशत) और पांचवे पर गुजरात (4.8 प्रतिशत) रहा. ये पांच ऐसे राज्य हैं जो कुल डायरेक्ट टैक्स में देश में 70 फीसदी से अधिक का योगदान देते हैं.

रिपोर्ट कहती है, टैक्स रिटर्न की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसे आंकड़ों से समझा जा सकता है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दाखिल किए गए ITR वित्त वर्ष 2021-22 में 7.3 करोड़ से बढ़कर 8.6 करोड़ हो गए. आगे भी इसके बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी.

Top 5 State To Contribute Tax

क्या होता है डायरेक्ट टैक्स?

भारत में दो तरह का टैक्स होता है. डायरेक्ट और इनडायरेक्ट. डायरेक्ट टैक्स वो होता है जो सीधे उस इंसान या संस्था से लिया जाता है जिस पर टैक्स लगाया गया है. जैसे-इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स और वेल्थ टैक्स.

इनडायरेक्ट टैक्स वो होता है जो कर उपभोक्ता से वसूला जाता है. यह टैक्स चीजों की कीमतों में शामिल होता है. जैसे-चीजों पर लगने वाला जीएसटी. विदेश से मंगाए गए सामान पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी. शराब, पेट्रोल जैसे उत्पादों पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी. सिनेमा के जरिए वसूला जाने वाला एंटरटेनमेंट टैक्स. प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री के दस्तावेजों पर लगने वाली स्टैम्प ड्यूटी और बिजली की खपत पर लगने वाली इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी.

कैसे भरता है सरकार का खजाना?

देश के 70 करोड़ लोग आयकर, GST, पेट्रोज-डीजल समेत कई चीजों पर टैक्स देते हैं. इससे सरकार की अरबों की कमाई होती है. देश की बड़ी कंपनियों और अमीर लोग टैक्स देते हैं. इससे सीधेतौर पर सरकार का खजाना भरता है. केंद्र सरकार कमाई का सबसे बड़ा जरिया इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स और जीएसटी है.

सरकार इनका इस्तेमाल, सेना, स्कूल, सड़क, गरीबों की योजनाएं, रेलवे, मनरेगा, सब्सिडी, पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन सेवाएंओं में लगाती है. यही वजह है कि सरकार देशवासियों को टैक्स देने के प्रेरित करती है.

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