कानून सम्मत है केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड : हाईकोर्ट
आप नेता की याचिका खारिज... कोर्ट ने कहा- ईडी के पास पर्याप्त सबूत मुख्यमंत्री ने साजिश रची, वह आय छिपाने और उपयोग में भी थे शामिल
![कानून सम्मत है केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड : हाईकोर्ट](https://www.livemint.com/lm-img/img/2024/04/09/600x338/Samuhik-Upwas-16_1712656448532_1712656479591.jpg)
कानून सम्मत है केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड : हाईकोर्ट
- आप नेता की याचिका खारिज... कोर्ट ने कहा- ईडी के पास पर्याप्त सबूत मुख्यमंत्री ने साजिश रची, वह आय छिपाने और उपयोग में भी थे शामिल
- सुनवाई के इस स्तर पर गवाहों का परीक्षण नहीं कोर्ट ने कहा, शराब घोटाले में आप के राष्ट्रीय संयोजक के खिलाफ वादा माफ गवाहों की गवाही का परीक्षण ट्रायल कोर्ट की सुनवाई के दौरान होगा। सुनवाई के इस स्तर पर हाईकोर्ट गवाहों का परीक्षण नहीं कर सकता। जस्टिस शर्मा ने कहा, केजरीवाल को ट्रायल के स्तर पर गवाहों से जवाब-तलब करने का पूरा मौका मिलेगा
- सुप्रीम कोर्ट जाएगी आप दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, तथाकथित आबकारी नीति घोटाला आप और केजरीवाल को खत्म करने की साजिश है। हम फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
- कविता 23 तक न्यायिक हिरासत में : सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की कोर्ट ने आरोपी बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है।
- जांच कैसे होगी, यह आरोपी तय नहीं कर सकता
- पीठ ने केजरीवाल के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पूछताछ की जा सकती थी। न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, यह तय करना आरोपी का काम नहीं है कि जांच कैसे की जानी है। मुख्यमंत्री सहित किसी के लिए कोई विशिष्ट विशेषाधिकार नहीं हो सकता
- मामले में यह स्पष्ट करना जरूरी है कि हम केंद्र और राज्य सरकार के बीच के विवाद पर सुनवाई नहीं कर रहे। यह केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय के बीच का केस है। पीठ
- केंद्र बनाम केजरीवाल मामला नहीं है यह
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जोरदार झटका देते हुए शराब घोटाले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। साथ ही, ट्रायल कोर्ट की ओर से उन्हें ईडी के रिमांड पर भेजे जाने को भी सही माना। केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के साथ-साथ ईडी रिमांड पर भेजे जाने को भी कानूनन गलत बताया था।
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कहा, ईडी की ओर से जुटाई गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी और अपराध की आय छिपाने और इसके इस्तेमाल में सक्रिय रूप से शामिल थे। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने तीन अप्रैल को लंबी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने कहा, ट्रायल कोर्ट की ओर से उन्हें ईडी की हिरासत में भेजना पूरी तरह विधि सम्मत था। कोर्ट का मानना है, केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी प्रावधानों के खिलाफ नहीं है। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने करीब 25 मिनट तक फैसला पढ़ा, जिसका कुछ हिस्सा हिंदी में भी था।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह केजरीवाल की जमानत याचिका नहीं, बल्कि कुछ विशिष्ट आधारों पर गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर फैसला दे रहा है। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की ओर से यह आरोप लगाने पर कि गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव में पार्टी के अभियान को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई, पर कोर्ट ने कहा, कानून सब पर बराबर लागू होता है। अदालत ने कहा, हमारा मानना है कि न्यायाधीश कानून से बंधे हैं, राजनीति से नहीं। फैसले कानूनी सिद्धांतों के आधार पर दिए जाते हैं, राजनीतिक विचारों के आधार पर नहीं। अदालत राजनीति के दायरे में नहीं जा सकती। सवाल उठाना न्यायिक प्रक्रिया पर कलंक जैसा
What's Your Reaction?
![like](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/dislike.png)
![wow](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/wow.png)
![sad](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/sad.png)