जस्टिस यशवंत वर्मा का स्टोर रूम सील पुलिस ने सौंपा छह माह का सीडीआर

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत, Justice Yashwant Verma store room sealed police handed over six months CDR, जस्टिस यशवंत वर्मा का स्टोर रूम सील पुलिस ने सौंपा छह माह का सीडीआर 

जस्टिस यशवंत वर्मा का स्टोर रूम सील पुलिस ने सौंपा छह माह का सीडीआर

जस्टिस यशवंत वर्मा का स्टोर रूम सील पुलिस ने सौंपा छह माह का सीडीआर 

पौने दो घंटे वर्मा के आवास पर रही पुलिस, कराई वीडियोग्राफी जांच कमेटी को सौंपे गए वर्मा के सुरक्षा कर्मियों के नाम

इलाहाबाद हाई कोर्ट के इलाहाबाद वकीलों की हड़ताल जारी विधि संवाददाता, जागरण प्रयागराजः न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्रत्यर्पित करने संबंधी संस्तुति रद करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद की हड़ताल बुधवार को लगातार दूसरे दिन जारी रही। गुरुवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की है। उन्होंने दोहराया कि न्यायमूर्ति वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरण उन्हें अमान्य है। 

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत
वर्मा के तुगलक क्रिसेंट रोड स्थित सरकारी आवास पर पहुंचकर पुलिस ने बुधवार को उनके स्टोर रूम को सील कर दिया। इससे पूर्व उसकी वीडियोग्राफी कराई। वहां पौने दो घंटे तक रही पुलिस ने पूरे परिसर की भी वीडियोग्राफी कराई।विदित हो कि गत 14 मार्च की रात सवा ग्यारह बजे वर्मा के आवासीय परिसर में स्थित स्टोर रूम में आग लग गई थी। आग से कथित तौर पर स्टोर रूम में बोरियों में रखे नोट जल गए थे। बुधवार दोपहर दो बजे डीसीपी देवेश महला छह-सात पुलिसकर्मियों के साथ जस्टिस वर्मा के आवास पर पहुंचे। जांच के लिए गठित की गई तीन न्यायाधीशों की उच्च स्तरीय जांच कमेटी के सदस्यों का कोर्ट स्टाफ भी मौजूद था।

वाई श्रेणी सुरक्षा प्राप्त जस्टिस वर्मा की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस के तीन व सीआरपीएफ के चार जवान तैनात हैं। पुलिस ने जांच कमेटी को उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के नाम व जस्टिस वर्मा के छह माह के मोबाइल काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) सौंप दिए हैं। पुलिस का कहना है कि 14 मार्च की रात जिस समय जस्टिस वर्मा के स्टोर रूम में आग लगी थी उस समय पुलिस का एक पीएसओ, जस्टिस के निजी सहायक व उनके परिवार के सदस्य उपस्थित थे। आग की सूचना पर तुगलक रोड थाने से पहुंचे पांच पुलिसकर्मियों ने स्टोर रूम का मुआयना कर अपने-अपने मोबाइल से वीडियो बनाए थे। बताया जाता है उनके मोबाइल को मुख्यालय ने जमा करवा लिया है।