मध्य प्रदेश में तेंदुओं की आबादी में वृद्धि: निवास स्थानों में बढ़ती तेंदुआ संख्या

मध्य भारत में तेंदुओं की आबादी में वृद्धि का विशेष उल्लेख है, जहां 2018 में इसकी आबादी 8,071 थी और 2022 में यह 8,820 हो गई है।

मध्य प्रदेश में तेंदुओं की आबादी में वृद्धि: निवास स्थानों में बढ़ती तेंदुआ संख्या
  1. आबादी में वृद्धि: मध्य प्रदेश में तेंदुओं की आबादी में 2018 से 2022 तक वृद्धि हो रही है, जो सामान्यत: 8,071 से 8,820 में बढ़ी है। इससे प्राकृतिक स्थानों में तेंदुआ संरक्षण की चुनौती बढ़ रही है।

  2. मध्य भारत में विशेष वृद्धि: मध्य भारत, विशेषकर शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में, तेंदुओं की आबादी में सामान्यत: 2018 से 2022 तक वृद्धि दिखा रहा है, इससे यह क्षेत्र तेंदुओं के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।

  3. भूमि संरक्षण की जरूरत: तेंदुओं की बढ़ती आबादी से सिरदर्द हो रहा है, खासकर प्राकृतिक स्थानों में। निगरानी रखने वाली संगठनों और सरकारी अधिकारियों को इस बढ़ती संख्या को संरक्षित करने और उनके निवास स्थानों की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।

मध्य प्रदेश में तेंदुओं की आबादी में वृद्धि, साल 2018 से 2022 तक, ख़ासकर मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में दिखाई दी गई है। भारत में तेंदुओं की कुल आबादी में एक स्थिरता के साथ वृद्धि का अनुमान लगभग 13,874 (रेंज: 12,616 - 15,132) है, जो साल 2018 में 12,852 (12,172 से 13,535 के बीच) थी। इसमें किसी भी घटने या वृद्धि की घटना का संकेत नहीं है।

मध्य भारत में तेंदुओं की आबादी में वृद्धि का विशेष उल्लेख है, जहां 2018 में इसकी आबादी 8,071 थी और 2022 में यह 8,820 हो गई है। इस बढ़ती आबादी का मुख्य कारण शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में तेंदुओं की गिनती में वृद्धि है।

यह अंकें दिखाती हैं कि मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, जो प्राकृतिक स्थानों में उनके निवास क्षेत्रों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस बढ़ती हुई आबादी के साथ, तेंदुए के निवास स्थानों की 70 प्रतिशत आबादी दर्शाते हुए, इसमें कुछ न्यूज़ पॉइंट्स दृष्टिगत किए जा सकते हैं।

साथ ही, हिमालय और देश के अर्धशुष्क हिस्सों की छवि से बाघों के निवास स्थान के रूप में इसे अलग करने के लिए तेंदुओं की गिनती के समय उपयुक्त नमूना नहीं लिया गया है।