अपने जुनून को पहचान कर व्यवसाय में बदलें युवा : ले. दुआ
अर्थशास्त्र के किया गया जागरण क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता राबर्ट जे. आमन ने भी छात्रों को अपनी तकनीकी दक्षता का प्रयोग सकारात्मक उत्पादकता के क्षेत्र में लगाने का आह्वान किया जो संपूर्ण विश्व की मानवता के जीवन स्तर को ऊपर उठा सके।
अपने जुनून को पहचान कर व्यवसाय में बदलें युवा : ले. दुआ
टेक्नक्स-2024
• रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से और भी रंगीन हो उठी आइआइटी वीएचयू के आयोजन की अंतिम निशा
• रोवोवार्स, गेमिंग प्रौद्योगिकी, सेंसर ड्रोन सहित इंजीनियरिंग के एक से बढ़कर एक नमूनों ने किया आकर्षित
छात्र हमेशा बड़े सपने देखें, अपने जुनून को पहचानें और उन्हें व्यवसाय में बदलें। आज टेक्नेक्स में प्रस्तुत किए गए उनके विचार कल के स्टार्टअप और यूनिकार्न बन जाएंगे। यह बातें इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के पूर्व प्रमुख और 15 कश्मीर के कोर कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहीं। वह रविवार को आइआइटी बीएचयू के छात्रों द्वारा आयोजित तीन दिवसीय टेक्नेक्स 2024 के अंतिम दिन थिंक टाक सत्र में बोल रहे थे।
प्रौद्योगिकी मेले का यह सबसे बड़ा आयोजन विभिन्न तकनीकों, शोधों और परिकल्पनाओं के प्रदर्शन व रंगारंग सांस्कृतिक आयोजन के साथ संपन्न हुआ। ले. जनरल दुआ ने युवाओं से कहा कि देश की सेवा करने के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होना ही आवश्यक नहीं, बल्कि अपनी राष्ट्रहित में क्षमताओं का सर्वोत्तम उपयोग करना भी है।
इसमें आप वह सब कुछ कर सकते हैं जो आप सकारात्मक रूप से करना चाहते हैं। अर्थशास्त्र के किया गया जागरण क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता राबर्ट जे. आमन ने भी छात्रों को अपनी तकनीकी दक्षता का प्रयोग सकारात्मक उत्पादकता के क्षेत्र में लगाने का आह्वान किया जो संपूर्ण विश्व की मानवता के जीवन स्तर को ऊपर उठा सके। स्वामी मुकुंदानंद ने नकारात्मक विचारों को दूर कर सकारात्मकता से परिपूर्ण व्यक्तित्व को ही सृजनात्मकता व सफलता का आधार बताया। सकरात्मकता को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाते हुए युवाओं को दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उन्होंने प्रेरित किया। दूसरी ओर स्वतंत्रता भवन के सभागार में चल रहे इस थिंकटाक के अलावा वहीं बनारस रेल कारखाने की उपलब्धियों से भरी गाथा चलायमान इंजन सुना रहे थे।
थोड़ी दूर राजपूताना मैदान में चल रहे रोबोवार्स से मैदान धातुओं के टकराने और मशीनरी की घरघराहट की आवाजें वातावरण को गुंजायमान कर रही थीं। कहीं सेंसर से चलने वाले ड्रोन हवा में उड़ान भर रहे थे तो कहीं हवाई जहाजों के नमूने लोगों को आकर्षित कर रहे थे। रोबोटिक ग्लेडियेटर्स भयंकर युद्ध में लगे हुए थे। शाम होते ही स्वैट्रेक्स की धमाकेदार "डीजे नाइट" के साथ छात्रों का उत्साह बढ़ गया। एडीवी मैदान में ट्राइब वाइब बैंड पर आइआइटियंस झूम उठे। कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुति ने युवाओं के उत्साह में उल्लास का तड़का लगा दिया।
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