22 सितंबर का इतिहास बाबाराव पुराणिक: एक निरहंकारी व्यक्तित्व का जन्मदिन

बाबाराव का गीत-संगीत के प्रति प्रेम भी उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उनका प्रिय गीत "ऋषि मुनि राजा प्रजा सभी ने" उनके भारतीयता के प्रति गहरे प्रेम को दर्शाता है।

Sep 21, 2024 - 21:30
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22 सितंबर का इतिहास बाबाराव पुराणिक: एक निरहंकारी व्यक्तित्व का जन्मदिन

बाबाराव पुराणिक: एक निरहंकारी व्यक्तित्व का जन्मदिन

22 सितंबर आज हम श्री अनंत वासुदेव (बाबाराव) पुराणिक की जयंती मनाते हैं, जो एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने।

बाबाराव का जन्म 22 सितंबर, 1931 को ग्राम हिंगणी (वर्धा, महाराष्ट्र) में एक निर्धन पुरोहित परिवार में हुआ था। उनका बचपन कठिनाइयों से भरा था, लेकिन उनकी माँ का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। कक्षा छह की परीक्षा में गणित में असफल रहने के बाद, उन्हें एक अध्यापक ने पढ़ाने का जिम्मा लिया। इस समय के बाद से उन्होंने पढ़ाई में रुचि दिखानी शुरू की और आगे बढ़ते गए।

बाबाराव ने वर्धा कॉमर्स कॉलेज से बी.कॉम और फिर एम.कॉम किया और यवतमाल में प्राध्यापक बने। उनके युवा दिनों में, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर समाज सेवा में कदम रखा। उन्होंने कई शाखाएं स्थापित की और 1964 में प्रचारक बन गए।

अपने प्रचारक जीवन में, बाबाराव ने कठिन समय का सामना किया, विशेषकर जब संघ पर प्रतिबंध लगा। उन्होंने नागपुर के केंद्रीय कारागार में रहते हुए भी गुप्त गतिविधियों को संचालित किया। उनका मितव्ययी स्वभाव और नियमित दिनचर्या उन्हें एक आदर्श बनाती थी।

बाबाराव का गीत-संगीत के प्रति प्रेम भी उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उनका प्रिय गीत "ऋषि मुनि राजा प्रजा सभी ने" उनके भारतीयता के प्रति गहरे प्रेम को दर्शाता है।

2014 में राजनांदगांव में उनके नागरिक अभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया, लेकिन बाबाराव ने इस पर नाराजगी व्यक्त की, यह दर्शाते हुए कि सम्मान से अहंकार का जन्म होता है।

उनका निधन 10 जून, 2015 को राजनांदगांव में हुआ, लेकिन उनकी विचारधारा और कार्यों की गूंज आज भी समाज में जीवित है। बाबाराव पुराणिक का जीवन हमें सिखाता है कि निरहंकारिता और सेवा का मार्ग ही सच्ची पहचान है।

इस अवसर पर, हम सभी बाबाराव पुराणिक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,