गर्लहुड फोमो: 30 की उम्र के बाद क्यों सताने लगता है अकेलेपन का डर?

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Mar 8, 2025 - 19:24
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गर्लहुड फोमो: 30 की उम्र के बाद क्यों सताने लगता है अकेलेपन का डर?

गर्लहुड फोमो: 30 की उम्र के बाद क्यों सताने लगता है अकेलेपन का डर?

सोशल मीडिया पर इन दिनों गर्लहुड फोमो (Girlhood FOMO) शब्द तेजी से ट्रेंड कर रहा है। यह आमतौर पर 30 साल की उम्र के आसपास महिलाओं में होने वाली एक खास भावना है, जिसमें उन्हें लगता है कि वे अपने जीवन में कुछ अहम पलों को खो रही हैं। यह एहसास महिलाओं में एक अकेलेपन की भावना को जन्म देता है और उन्हें अपनी हमउम्र महिलाओं के साथ मजबूत सामाजिक जुड़ाव की कमी महसूस होती है।

क्या है गर्लहुड फोमो?

गर्लहुड फोमो (Fear of Missing Out) का सीधा मतलब है—अपने हमउम्र दोस्तों या महिलाओं से जुड़ न पाने का डर। अक्सर महिलाओं को लगता है कि अगर वे अपनी उम्र की महिलाओं के साथ पर्याप्त समय नहीं बिता रही हैं, तो वे जीवन के मजेदार अनुभवों से वंचित हो रही हैं।

इसकी मुख्य वजह समाज द्वारा बचपन से दी जाने वाली यह सीख है कि महिलाओं के लिए एक मजबूत गर्लहुड ग्रुप या दोस्ती जरूरी होती है। सोशल मीडिया, फिल्मों और टीवी शोज़ में महिलाओं की दोस्ती को खास तरीके से दिखाया जाता है, जिसमें वे पार्टी करती हैं, साथ में ट्रिप पर जाती हैं, और एक-दूसरे की ताकत बनती हैं। लेकिन असल जिंदगी में यह दोस्ती इतनी आदर्श नहीं होती। इनमें मनमुटाव, जलन और समय के साथ दूरी भी हो सकती है।

गर्लहुड फोमो क्यों होता है?

  • सोशल मीडिया का प्रभाव: इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर दोस्ती के 'आइडियल' उदाहरण देखने को मिलते हैं, जिससे कई महिलाओं को अपनी जिंदगी अधूरी लगने लगती है।
  • परिवार और करियर की जिम्मेदारियां: 30 की उम्र तक आते-आते महिलाएं करियर और परिवार में उलझ जाती हैं, जिससे दोस्ती निभाना मुश्किल हो जाता है।
  • बचपन की दोस्ती खोने का डर: उम्र के साथ पुराने दोस्त अपनी-अपनी जिम्मेदारियों में व्यस्त हो जाते हैं, जिससे अलगाव महसूस होता है।

गर्लहुड फोमो से कैसे निपटें?

  • सोशल मीडिया से प्रभावित न हों: हर दोस्ती सोशल मीडिया पर दिखने वाली तस्वीरों जैसी नहीं होती, इसलिए अपनी वास्तविकता को अपनाएं।
  • नई दोस्ती की संभावनाएं तलाशें: उम्र के किसी भी पड़ाव पर दोस्त बनाए जा सकते हैं, इसलिए खुद को सीमित न करें।
  • अपनी रुचियों पर ध्यान दें: खुद को खुश रखने के लिए उन गतिविधियों में शामिल हों, जिनमें आपको खुशी मिलती है।
  • अपनी उपलब्धियों को सराहें: जीवन में दोस्ती ही सबकुछ नहीं होती, बल्कि व्यक्तिगत विकास भी मायने रखता है।

गर्लहुड फोमो से जूझ रही महिलाओं को यह समझना जरूरी है कि हर व्यक्ति का सफर अलग होता है और दोस्ती के मायने भी समय के साथ बदलते रहते हैं। ????????

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,