ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च हुई पहली हाइड्रोजन कार: 5 मिनट में चार्ज, 900 किमी की रेंज

First hydrogen car launched in Australia, ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च हुई पहली हाइड्रोजन कार: 5 मिनट में चार्ज, 900 किमी की रेंज,

Dec 14, 2024 - 18:32
Dec 14, 2024 - 19:08
 0
ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च हुई पहली हाइड्रोजन कार: 5 मिनट में चार्ज, 900 किमी की रेंज

ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च हुई पहली हाइड्रोजन कार: 5 मिनट में चार्ज, 900 किमी की रेंज

ऑस्ट्रेलिया में हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक पर आधारित पहली कार लॉन्च हो गई है। यह कार न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एक नया उदाहरण पेश करती है, बल्कि इसकी चार्जिंग में भी केवल 5 मिनट लगते हैं। इन 5 मिनटों में चार्जिंग स्टेशन में प्रवेश और बाहर निकलने का समय भी शामिल है।

5 मिनट में चार्ज और 900 किमी की रेंज

यह हाइड्रोजन कार एक बार टैंक फुल होने पर 900 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती है। खास बात यह है कि यह कार हवा को प्रदूषित करने के बजाय शुद्ध करती है। यात्रा के दौरान, इसका एग्जॉस्ट सिस्टम केवल पानी छोड़ता है। यह तकनीक न केवल प्रदूषण को रोकने में सहायक है, बल्कि यह पारंपरिक दहन इंजन वाले वाहनों की तुलना में CO2 उत्सर्जन को पूरी तरह समाप्त करती है।

हुंडई नेक्सो: स्थिरता का नया रिकॉर्ड

हुंडई नेक्सो हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित एक क्रांतिकारी वाहन है। इसमें 6.27 किलोग्राम हाइड्रोजन चार्ज होता है, जो 449,100 लीटर हवा को शुद्ध करता है। यह मात्रा लगभग 33 लोगों द्वारा पूरे दिन में ली जाने वाली सांस के बराबर है। हुंडई नेक्सो दुनिया की पहली कार है, जो हाइड्रोजन इंजन के साथ व्यावसायिक उत्पादन में आई है।

पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव

जहां पारंपरिक दहन इंजन वाला वाहन 900 किलोमीटर की यात्रा पर 126 किलोग्राम CO2 उत्सर्जित करता है, वहीं हाइड्रोजन कार न केवल शून्य उत्सर्जन करती है बल्कि हवा को शुद्ध भी करती है। इसके चलते यह वाहन स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से एक मील का पत्थर है।

भारत के लिए नई संभावनाएं

जैसे-जैसे हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों की मांग बढ़ेगी, भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा। भारत विश्व में सस्ता और बेहतर हाइड्रोजन उत्पादन करने में सक्षम है। इससे न केवल देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को मजबूती मिलेगी, बल्कि हाइड्रोजन तकनीक में वैश्विक लीडर बनने का अवसर भी प्राप्त होगा।

भविष्य की ओर कदम

हाइड्रोजन कारें ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए नई संभावनाएं लेकर आई हैं। यह तकनीक न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ टिकाऊ गतिशीलता समाधानों में शामिल होगी, बल्कि प्रदूषण रहित परिवहन के लक्ष्य को भी पूरा करेगी। हुंडई जैसी कंपनियों के प्रयास से हाइड्रोजन तकनीक जल्द ही वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य हो सकती है।

ऑस्ट्रेलिया की इस पहल से यह स्पष्ट है कि हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि ऑटोमोबाइल उद्योग को एक नई दिशा भी दे रही है।

CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) क्या है और यह कहां से निकलता है?

CO2 क्या है?

CO2 का पूरा नाम कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) है। यह एक गंधहीन और रंगहीन गैस है, जो वातावरण में स्वाभाविक रूप से मौजूद होती है। इसका रासायनिक सूत्र CO2 है, जिसमें एक कार्बन और दो ऑक्सीजन अणु जुड़े होते हैं। यह पृथ्वी के ग्रीनहाउस प्रभाव को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे हमारी धरती का तापमान संतुलित रहता है।

CO2 कहां से निकलता है?

CO2 कई प्राकृतिक और मानव निर्मित प्रक्रियाओं से निकलती है:

1. प्राकृतिक स्रोत:

  • सांस लेना (Respiration): मनुष्य और अन्य जीव-जन्तु जब सांस लेते हैं, तो ऑक्सीजन का उपयोग करके ऊर्जा बनाते हैं और CO2 छोड़ते हैं।
  • ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions): जब ज्वालामुखी फटते हैं, तो बड़ी मात्रा में CO2 वातावरण में पहुंचती है।
  • जैविक अपघटन (Decomposition): जब पौधे या जानवर मरते हैं और सड़ते हैं, तो उनके कार्बनिक पदार्थ CO2 में बदल जाते हैं।

2. मानव निर्मित स्रोत:

  • ईंधन का दहन (Burning of Fossil Fuels): पेट्रोल, डीजल, कोयला, और प्राकृतिक गैस जैसे ईंधन जलाने से बड़ी मात्रा में CO2 निकलती है।
    • उदाहरण: वाहनों, कारखानों और बिजली संयंत्रों से निकलने वाला धुआं।
  • कृषि और वानिकी (Agriculture and Deforestation): पेड़ों की कटाई से वातावरण में CO2 की मात्रा बढ़ जाती है, क्योंकि पेड़ CO2 को अवशोषित करते हैं।
  • औद्योगिक गतिविधियां (Industrial Processes): सीमेंट निर्माण, रासायनिक उद्योग, और अन्य प्रक्रियाओं के दौरान भी CO2 उत्सर्जित होती है।

3. दैनिक उपयोग की वस्तुएं:

  • सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक: इन पेय पदार्थों में CO2 गैस घुली होती है।
  • फायर एक्सटिंग्विशर (Fire Extinguishers): आग बुझाने के उपकरणों में CO2 का उपयोग किया जाता है।

CO2 का प्रभाव

  • ग्रीनहाउस गैस: CO2 एक ग्रीनहाउस गैस है, जो वातावरण में गर्मी को रोकती है। इसकी अधिकता से ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्या होती है।
  • पर्यावरण प्रदूषण: मानव निर्मित गतिविधियों से CO2 की मात्रा बढ़ने से वायु प्रदूषण और पृथ्वी का तापमान असंतुलित हो सकता है।

CO2 कैसे कम करें?

  1. पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करें: जैसे सोलर और विंड एनर्जी।
  2. वृक्षारोपण करें: पेड़ CO2 को अवशोषित करते हैं।
  3. वाहनों का कम उपयोग करें: पब्लिक ट्रांसपोर्ट या साइकिल का इस्तेमाल करें।
  4. ऊर्जा की बचत करें: बिजली और ईंधन का उपयोग सोच-समझकर करें।

CO2 जीवन और पर्यावरण के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा हानिकारक हो सकती है। इसे नियंत्रित करके हम पृथ्वी को सुरक्षित और स्वस्थ बना सकते हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार