16 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, 16 दिसंबर को हुए निधन आज के दिन,  16 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति,

16 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, History of 16 December India Important Events, 16 दिसंबर को हुए निधन आज के दिन,  16 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति,

Dec 14, 2024 - 06:36
Dec 14, 2024 - 06:42
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16 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, 16 दिसंबर को हुए निधन आज के दिन,  16 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति,

16 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, History of 16 December India Important Events, 

16 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

  1. 2014 - पाकिस्तान में पेशावर के एक स्कूल में तहरीक ए तालिबान का हमला
    16 दिसंबर 2014 को पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में तहरीक ए तालिबान द्वारा किया गया हमला एक भयावह घटना बन गया। इस हमले में 145 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे थे। आतंकवादियों ने स्कूल में घुसकर बच्चों और शिक्षकों को गोलियों से भून डाला। यह घटना पाकिस्तान के इतिहास में एक काला दिन मानी जाती है और विश्वभर में आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई गई। इस हमले ने पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को और बढ़ा दिया। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानूनों को कड़ा किया और स्कूलों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।

  2. 2013 - फिलीपीन्स में बस दुर्घटना
    16 दिसंबर 2013 को फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में एक बस के पलटने से 18 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। यह दुर्घटना एक व्यस्त सड़क पर हुई, जिसमें बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा। यह घटना यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करती है। दुर्घटना में जान गंवाने वालों में अधिकांश लोग आम यात्री थे, और यह घटना यातायात नियमों के पालन की महत्ता को और स्पष्ट करती है।

  3. 2008 - चड्ढा समिति की वेतन पुनरीक्षण रिपोर्ट
    16 दिसंबर 2008 को केन्द्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण के लिए गठित चड्ढा समिति की संस्तुतियों को मंज़ूरी दी। इस कदम से केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की गई, जिससे उनकी कार्यशक्ति और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हुआ। इस निर्णय ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया और भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

  4. 2007 - बांग्लादेश ने पाकिस्तान से मुक्ति दिवस का 36वाँ विजय दिवस मनाया
    16 दिसंबर 2007 को बांग्लादेश ने पाकिस्तान से मुक्ति प्राप्त करने के 36 वर्षों बाद अपने विजय दिवस की वर्षगांठ मनाई। 1971 में बांग्लादेश ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, और यह दिवस देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य अपने स्वतंत्रता संग्राम और लाखों शहीदों की याद को सम्मानित करना है। बांग्लादेश के लोग इस दिन को गर्व और उत्साह के साथ मनाते हैं, क्योंकि यह उनके संघर्ष और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

  5. 2006 - नेपाल में अंतरिक्ष संविधान का अंतिम रूप
    16 दिसंबर 2006 को नेपाल में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ, जब नेपाल के अंतरिक्ष संविधान को अंतिम रूप दिया गया। इस संविधान के तहत राजा ज्ञानेन्द्र को देश के प्रमुख के पद से हटा दिया गया और नेपाल को एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया। यह संविधान नेपाल के राजनीतिक इतिहास में एक नए युग की शुरुआत थी, क्योंकि इसके साथ ही नेपाल ने माओवादी विद्रोह के बाद अपने राजतंत्र को समाप्त कर दिया और लोकतंत्र की दिशा में कदम बढ़ाया।

  6. 2004 - 'डीडी डायरेक्‍ट +' का शुभारंभ
    16 दिसंबर 2004 को प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन की फ्री टू एयर डीटीएच सेवा 'डीडी डायरेक्ट +' का शुभारंभ किया। यह भारत में डिजिटल टेलीविजन प्रसारण की दिशा में एक बड़ा कदम था। डीडी डायरेक्‍ट + ने लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले टीवी प्रसारण की सुविधा दी, और विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों में लोगों के लिए यह सेवा सुलभ बन गई। इसके द्वारा दूरदर्शन ने नई तकनीकियों का उपयोग करके देश के हर कोने तक अपनी पहुँच बनाई।

  7. 16 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

    1. 2002 - बांग्लादेश ने 31वाँ विजय दिवस मनाया
      16 दिसंबर 2002 को बांग्लादेश ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अपना 31वाँ विजय दिवस मनाया। यह दिन बांग्लादेश के इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि 1971 में इसी दिन बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अपनी मुक्ति प्राप्त की थी। इस दिन को बांग्लादेश में युद्ध की विजय के रूप में मनाया जाता है, जो उनके संघर्ष, बलिदान और स्वतंत्रता की जीत का प्रतीक है। विजय दिवस के अवसर पर बांग्लादेश सरकार और जनता दोनों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और देश की स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष को याद किया।

    2. 1999 - गोलन पहाड़ी के मुद्दे पर सीरिया-इस्रायल वार्ता विफल
      16 दिसंबर 1999 को गोलन पहाड़ी के मुद्दे पर सीरिया और इस्रायल के बीच वार्ता विफल हो गई। गोलन पहाड़ी क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद था। इस क्षेत्र को इस्रायल ने 1967 में युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया था, लेकिन सीरिया इसे अपनी संप्रभुता का हिस्सा मानता है। वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच किसी समझौते पर सहमति नहीं बनी, जिससे यह विवाद और भी जटिल हो गया। गोलन पहाड़ी का मुद्दा मध्य पूर्व में शांति के प्रयासों के लिए एक बड़ा अवरोध बना रहा है।

    3. 1994 - पलाऊ संयुक्त राष्ट्र का 185वाँ सदस्य बना
      16 दिसंबर 1994 को पलाऊ, जो एक छोटे से द्वीप राष्ट्र के रूप में प्रशांत महासागर में स्थित है, संयुक्त राष्ट्र का 185वाँ सदस्य बना। पलाऊ की संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता से पहले यह एक अमेरिकी क्षेत्र था। इसकी सदस्यता से यह राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज उठा सका और वैश्विक मुद्दों पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सका। पलाऊ के संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने से क्षेत्रीय राजनीति में भी बदलाव आया, और यह छोटे देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का एक उदाहरण बना।

    4. 1993 - नई दिल्ली में 'सभी के लिए शिक्षा' सम्मेलन प्रारंभ
      16 दिसंबर 1993 को नई दिल्ली में 'सभी के लिए शिक्षा' सम्मेलन की शुरुआत हुई। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में शिक्षा के समान अवसरों को बढ़ावा देना और सभी के लिए शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करना था। सम्मेलन में देशों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान और प्रयासों को साझा करने का अवसर मिला, और यह वैश्विक शिक्षा नीति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

    5. 1991 - कजाखस्तान ने सोवियत संघ से स्वतंत्रता की घोषणा की
      16 दिसंबर 1991 को कजाखस्तान ने सोवियत संघ से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। यह घटना सोवियत संघ के विघटन की प्रक्रिया का हिस्सा थी, जिसमें कई देशों ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। कजाखस्तान ने इस दिन से अपनी पूरी संप्रभुता और स्वतंत्रता की घोषणा की और यह एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत थी। कजाखस्तान के स्वतंत्रता की घोषणा ने पूरे मध्य एशिया क्षेत्र में बदलाव की लहर पैदा की और सोवियत साम्राज्य का अंतिम अध्याय समाप्त किया।

    6. 1985 - तमिलनाडु के कलपक्कम में पहले फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (एफबीटीआर) की स्थापना
      16 दिसंबर 1985 को तमिलनाडु के कलपक्कम में भारत के पहले फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (एफबीटीआर) की स्थापना की गई। यह रिएक्टर भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और इसका उद्देश्य परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए एक नई दिशा प्रदान करना था। एफबीटीआर का उद्देश्य यूरेनियम जैसे प्राकृतिक संसाधनों के सीमित होने के बावजूद ऊर्जा उत्पादन में स्थिरता लाना था। इस परियोजना ने भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकों के विकास को बढ़ावा दिया।

    7. 16 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

      1. 1971 - भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति के बाद बंगलादेश की स्वतंत्रता
        16 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति के बाद बंगलादेश पाकिस्तान से पृथक् होकर स्वतंत्र राष्ट्र बना। यह घटना बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के अंत के रूप में मानी जाती है, जिसमें भारत ने बांग्लादेश के लिए पाकिस्तान से संघर्ष किया। इस संघर्ष में बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की, और यह दिन बांग्लादेश के लिए विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। संघर्ष विराम के बाद पाकिस्तान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता को स्वीकार किया, और बांग्लादेश एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया।

      2. 1959 - पश्चिमी पाकिस्तान के लोवाराय दर्रे में भारी बर्फबारी से 48 लोगों की मौत
        16 दिसंबर 1959 को पश्चिमी पाकिस्तान के लोवाराय दर्रे में भारी बर्फबारी हुई, जिससे 48 लोगों की मौत हो गई। यह घटना एक प्राकृतिक आपदा थी, जो भारी बर्फबारी के कारण हुई। बर्फबारी ने सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया, और कई लोग फंसे रहे, जिनमें से अधिकांश की मौत अत्यधिक ठंड और विपरीत मौसम के कारण हो गई। यह घटना पाकिस्तान में बर्फबारी से होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के जोखिमों को रेखांकित करती है।

      3. 1958 - कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में एक गोदाम में लगी भीषण आग में 82 लोगों की मौत
        16 दिसंबर 1958 को कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में एक गोदाम में भीषण आग लग गई, जिसमें 82 लोग मारे गए। यह आग बहुत तेजी से फैली और गोदाम में फंसे लोग बचने में असमर्थ रहे। यह घटना कोलंबिया में एक बड़ी दुर्घटना मानी जाती है और उस समय के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है।

      4. 1951 - हैदराबाद में सालार जंग संग्रहालय की स्थापना
        16 दिसंबर 1951 को हैदराबाद में सालार जंग संग्रहालय की स्थापना की गई। यह संग्रहालय भारतीय कला, संस्कृति, और इतिहास का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जिसमें प्राचीन और मध्यकालीन कलाकृतियों का विशाल संग्रह है। सालार जंग संग्रहालय को भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण संग्रहालयों में से एक माना जाता है। इसके संग्रह में मूर्तियों, पेंटिंग्स, कागजी दस्तावेज़ों, और अन्य ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह है, जो भारतीय सभ्यता के विविध पहलुओं को दर्शाता है।

      5. 1929 - कलकत्ता (अब कोलकाता) विद्युत आपूर्ति निगम ने हुगली नदी के भीतर नहर की खुदाई आरंभ की
        16 दिसंबर 1929 को कलकत्ता (अब कोलकाता) विद्युत आपूर्ति निगम ने हुगली नदी के भीतर एक नहर की खुदाई प्रारंभ की। इस नहर के निर्माण का उद्देश्य नदी में जल प्रवाह को नियंत्रित करना और क्षेत्रीय जल आपूर्ति को सुनिश्चित करना था। यह परियोजना उस समय के लिए एक तकनीकी उपलब्धि मानी जाती थी, क्योंकि इससे जल आपूर्ति और सिंचाई में सुधार हुआ और औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी लाभकारी साबित हुआ।

      6. 1927 - आस्ट्रेलिया के महान् बल्लेबाज सर डान ब्रैडमैन ने न्यूसाउथ वेल्स और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच से अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की
        16 दिसंबर 1927 को ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डान ब्रैडमैन ने न्यूसाउथ वेल्स और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैच से अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरुआत की। ब्रैडमैन का क्रिकेट करियर अत्यधिक सफल रहा और उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। उनके योगदान और रिकॉर्ड आज भी क्रिकेट जगत में याद किए जाते हैं।

      7. 1889 - ब्रिटिश संसद की अधिकार घोषणा को राजा विलियम तथा रानी मेरी ने स्वीकार किया
        16 दिसंबर 1889 को ब्रिटिश संसद ने अधिकारों की घोषणा की, जिसे राजा विलियम और रानी मेरी ने स्वीकार किया। इस घोषणा के बाद ब्रिटिश संसद ने संसद के अधिकारों और सीमाओं को स्पष्ट किया, जिससे ब्रिटिश राजनीतिक व्यवस्था में कुछ सुधार आए। यह घटना ब्रिटेन में संसदीय लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है, क्योंकि इससे संसद के अधिकारों को मजबूत किया गया।

      8. 1862 - नेपाल ने संविधान को अपनाया
        16 दिसंबर 1862 को नेपाल ने अपना संविधान अपनाया। नेपाल का यह संविधान देश में राजनीतिक और सामाजिक सुधारों का आधार बना। संविधान को अपनाने से नेपाल में शाही शासन और पारंपरिक संरचनाओं को चुनौती मिली, और यह देश के आधुनिकता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था। इस संविधान के बाद नेपाल में कई सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन हुए।

      9. 1824 - ग्रेट नॉर्थ हाॅलैंड नहर खोली गयी
        16 दिसंबर 1824 को ग्रेट नॉर्थ हाॅलैंड नहर को खोला गया। यह नहर इंग्लैंड के उत्तर और दक्षिण हिस्सों को जोड़ने वाली प्रमुख जलमार्ग थी, जो वाणिज्यिक यातायात के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई। नहर के उद्घाटन से व्यापार और यातायात में तेजी आई और यह आर्थिक गतिविधियों के लिए एक प्रमुख मार्ग बन गया।

      10. 1707 - जापान के माउंट फुजी पर्वत में अंतिम बार ज्वालामुखी विस्फोट हुआ
        16 दिसंबर 1707 को जापान के माउंट फुजी पर्वत में अंतिम बार ज्वालामुखी विस्फोट हुआ। यह विस्फोट बेहद शक्तिशाली था और इसके बाद माउंट फुजी की ज्वालामुखीय गतिविधि समाप्त हो गई। यह विस्फोट जापान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है, क्योंकि इससे आसपास के इलाकों में भारी तबाही मची थी और कई लोग प्रभावित हुए थे।

      11. 1631 - इटली के माउंट विसुवियस में ज्वालामुखी विस्फोट से छह गांव तबाह, चार हजार से अधिक लोग मारे गए
        16 दिसंबर 1631 को इटली के माउंट विसुवियस में एक शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, जिससे छह गांव तबाह हो गए और चार हजार से अधिक लोग मारे गए। यह विस्फोट इटली के इतिहास में एक भयंकर प्राकृतिक आपदा के रूप में दर्ज किया गया। विस्फोट ने आसपास के क्षेत्र में भारी नुकसान पहुँचाया और लोगों के लिए एक स्थायी स्मृति छोड़ दी।

        आज के दिन 16 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति

        16 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति

        1. 1959 - एच. डी. कुमारस्वामी
          एच. डी. कुमारस्वामी भारतीय राजनीतिज्ञ और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उनका संबंध 'जनता दल (सेक्यूलर)' से है। कुमारस्वामी कर्नाटक की राजनीति में एक प्रमुख हस्ती रहे हैं और उन्होंने राज्य में कई बार मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। उनके कार्यकाल में उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और परियोजनाओं की शुरुआत की। उनकी राजनीतिक यात्रा एक संघर्षपूर्ण और प्रभावशाली रही है, और वे कर्नाटकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

        2. 1937 - हवा सिंह
          हवा सिंह भारत के प्रसिद्ध मुक्केबाज थे और उन्हें भारतीय मुक्केबाजी का महानायक माना जाता है। वे एक समय पर एशियाई खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले मुक्केबाज बने। हवा सिंह ने अपनी मेहनत और समर्पण से मुक्केबाजी में भारत का नाम रोशन किया और भारतीय खेलों में अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाई। उनका योगदान भारतीय खेलों के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।

        3. 1901 - ज्ञान सिंह रानेवाला
          ज्ञान सिंह रानेवाला भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधारों में उल्लेखनीय रहा। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए और भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई। उनका कार्य भारतीय राजनीति के विकास में एक अहम हिस्सा था।

        4. 1879 - दयाराम साहनी
          दयाराम साहनी भारत के प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता थे। उनका योगदान भारतीय पुरातत्त्व और संस्कृति के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। उन्होंने भारत में कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक खंडहरों और स्थानों की खोज की और भारतीय इतिहास को पुनः उजागर किया। दयाराम साहनी का काम भारतीय पुरातत्त्वशास्त्र के विकास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

        5. 1854 - स्वामी शिवानन्द
          स्वामी शिवानन्द रामकृष्ण मिशन के दूसरे संघाध्यक्ष थे। वे एक महान संत, योगी और भारत के धार्मिक सुधारक थे। स्वामी शिवानन्द ने रामकृष्ण परमहंस के विचारों को फैलाने और उनके शिक्षाओं का प्रचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय समाज में धार्मिक जागरूकता और समग्रता को बढ़ावा दिया और रामकृष्ण मिशन के माध्यम से समाज सेवा के कार्यों को बढ़ावा दिया। उनके योगदान से रामकृष्ण मिशन और उनके अनुयायी आज भी प्रेरित होते हैं।

        16 दिसंबर को हुए निधन आज के दिन 

        1. 2022 - दिलीप महलानबीस
          दिलीप महलानबीस भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ थे, जिनका योगदान भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। वे विशेष रूप से डायरिया संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए ओआरएस (ऑरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य ने लाखों बच्चों की जान बचाई। उनका योगदान बाल चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

        2. 2002 - शकीला बानो
          शकीला बानो भारतीय महिला क़व्वाल थीं, जिन्हें भारतीय क़व्वाली के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उनकी आवाज़ और शैली ने क़व्वाली की दुनिया में एक नया आयाम जोड़ा। वह अपने समय की प्रमुख गायिकाओं में से एक थीं और उनकी क़व्वालियाँ आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं। शकीला बानो का निधन भारतीय संगीत की एक बड़ी हानि था।

        3. 1977 - रूप सिंह
          रूप सिंह भारत के प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी थे, जिन्होंने भारतीय हॉकी टीम के लिए कई महत्वपूर्ण मैच खेले। वे एक बेहतरीन डिफेंडर थे और भारतीय हॉकी टीम की सफलता में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। रूप सिंह की खेल शैली और उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन ने भारतीय हॉकी को एक नई पहचान दी। उनका निधन भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ी क्षति थी।

        4. 1971 - सेकेंड लेफ़्टिनेंट अरुण खेत्रपाल
          सेकेंड लेफ़्टिनेंट अरुण खेत्रपाल भारतीय सेना के वीर सैनिक थे, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 में अद्वितीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया। उन्हें उनकी बहादुरी के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। युद्ध के दौरान उन्होंने दुश्मन के खेमे में घुसकर अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन उनकी वीरता आज भी भारतीय सैन्य इतिहास का एक अमर हिस्सा बनी हुई है। उनका निधन भारतीय सेना के लिए एक भारी क्षति था।

        5. 1515 - अल्फांसो डे अल्बुकेरक
          अल्फांसो डे अल्बुकेरक पुर्तग़ाली सैन्य नेता और गवर्नर थे, जिन्होंने गोवा में पुर्तग़ाली साम्राज्य की नींव रखी। उन्हें भारत में पुर्तग़ाली शक्ति की स्थिरता और विस्तार के लिए जाना जाता है। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने पुर्तग़ाल को एशिया में एक प्रमुख साम्राज्य बना दिया। अल्बुकेरक का निधन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में दर्ज हुआ।

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