दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2.0: सब्सिडी और भविष्य की योजनाएं

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Sep 30, 2024 - 19:47
Sep 30, 2024 - 19:50
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दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2.0: सब्सिडी और भविष्य की योजनाएं

जून तक आवेदन करने वालों को ईवी पर सब्सिडी

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राज्य सरकार ने ईवी नीति 2.0 पर काम शुरू कर दिया है, अंतिम मसौदा तैयार करने में लगभग 2-3 माह लग जाएंगे

दिल्ली ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) नीति लागू होने में अभी समय लगेगा। ऐसे में दिल्ली सरकार मौजूदा ईवी नीति को मार्च 2025 तक बढ़ाने जा रही है। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों ने ईवी नीति लागू रहने के दौरान छह महीनों में सब्सिडी के लिए आवेदन किया है, उन्हें सब्सिडी राशि और लाभ मिलेगा।


बता दें कि वर्ष 2020 में शुरू की गई यह नीति तीन साल चलने के बाद अगस्त 2023 में समाप्त हो गई थी। बाद में सरकार ने इसे दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया था। इसके बाद फिर जनवरी 2024 से जून 2024 तक नीति का विस्तार किया गया, मगर उस दौरान लोगों को सब्सिडी आदि लाभ नहीं मिल सके हैं।


दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने विभाग को इस नीति के विस्तार के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने और मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष फाइल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार ने बताया है कि ईवी नीति 2.0 पर काम शुरू कर दिया है और अंतिम मसौदा तैयार करने में लगभग 2-3 महीने लग जाएंगे। इसके लागू होने के साथ नए ई-वाहन की खरीद के बाद दिल्ली सरकार की सब्सिडी और रोड टैक्स में छूट जैसे अन्य लाभों के लिए लाभार्थियों का इंतजार जल्द ही खत्म होने की संभावना है।


दिल्ली सरकार की अग्रणी योजना है ईवी नीति: दिल्ली की ईवी नीति आप सरकार की अग्रणी योजनाओं में से एक है। अगस्त 2020 में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने और 2024 तक राष्ट्रीय स्तर पर ईवी की हिस्सेदारी 25% तक बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव और कैबिनेट की मंजूरी लंबित होने जैसे कई कारणों से नीति को मंजूरी नहीं मिल सकी। क्योंकि तत्कालीन सीएम (अरविंद केजरीवाल) जेल में थे और वे कैबिनेट के अध्यक्ष थे।


अब, जबकि आतिशी नई सीएम बन गई हैं, तो हम आने वाले सप्ताह में कैबिनेट की बैठक होने की उम्मीद कर रहे हैं और नीति को विस्तार मिलेगा। चार साल में 2,20,618 ई-वाहन पंजीकृत किए गए दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार 2020 से दिल्ली में पंजीकृत कुल वाहनों में से 9% इलेक्ट्रिक थे। अगस्त 2020 और अगस्त 2024 के बीच, दिल्ली में कुल 2,20,618 ई-वाहन बेचे/पंजीकृत किए गए। इस साल जनवरी से अगस्त तक दिल्ली में कुल वाहनों में ईवी की बिक्री की हिस्सेदारी 10.71% रही है।

दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2.0: सब्सिडी और भविष्य की योजनाएं

दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए अपनी मौजूदा ईवी नीति को मार्च 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय तब आया है जब सरकार ने ईवी नीति 2.0 पर काम शुरू कर दिया है, जिसका अंतिम मसौदा तैयार करने में लगभग 2-3 महीने लगने की संभावना है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में प्रदूषण को कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को बढ़ाना है।

वर्तमान ईवी नीति का विस्तार

दिल्ली की मौजूदा ईवी नीति, जिसे 2020 में शुरू किया गया था, ने अपने पहले तीन वर्षों में सफलता के कई मुकाम हासिल किए। लेकिन अगस्त 2023 में इसका कार्यकाल समाप्त हो गया था। इसके बाद, सरकार ने इस नीति को दिसंबर 2023 तक और फिर जनवरी 2024 से जून 2024 तक विस्तार देने का निर्णय लिया। इस दौरान, ईवी खरीदने वाले लोगों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल सका, जो अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन्होंने इस अवधि में सब्सिडी के लिए आवेदन किया है, उन्हें लाभ मिलेगा।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने विभाग को निर्देश दिया है कि ईवी नीति के विस्तार के संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जाए और इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाए। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार इस नीति के प्रति गंभीर है और इसे आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।

ईवी नीति 2.0: नई संभावनाएं

दिल्ली सरकार ने ईवी नीति 2.0 पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत नई ई-वाहनों की खरीद के बाद सब्सिडी, रोड टैक्स में छूट, और अन्य लाभों के लिए लाभार्थियों को जल्द ही राहत मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव और कैबिनेट की मंजूरी जैसी कई वजहों से पहले नीति को मंजूरी नहीं मिल सकी थी। लेकिन अब, नई मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक की उम्मीद है, जहां इस नीति के विस्तार पर चर्चा होगी।

दिल्ली में पिछले चार वर्षों में 2,20,618 ई-वाहन पंजीकृत किए गए हैं, जो कुल वाहनों का 9% है। इस साल जनवरी से अगस्त तक, ईवी की बिक्री की हिस्सेदारी 10.71% रही है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहे हैं, जो कि पर्यावरण के लिए लाभकारी है।

प्रदूषण नियंत्रण और राष्ट्रीय लक्ष्य

दिल्ली की ईवी नीति देश की अन्य सरकारों के लिए एक मॉडल बन चुकी है। इसका मुख्य उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकना और 2024 तक राष्ट्रीय स्तर पर ईवी की हिस्सेदारी 25% तक बढ़ाना है। नीति के सफल कार्यान्वयन से, न केवल दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है, बल्कि यह लोगों को स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों की ओर भी प्रेरित करेगा।

भविष्य की चुनौतियाँ

हालांकि, नीति को लागू करने में कई चुनौतियाँ भी हैं। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसके लिए न केवल सरकार को मजबूत नीतियाँ बनानी होंगी, बल्कि उन्हें लागू करने में भी सक्रियता दिखानी होगी। साथ ही, ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में वृद्धि और उपभोक्ताओं को बेहतर जानकारी और सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता होगी।

दिल्ली की ईवी नीति 2.0 न केवल एक आवश्यक कदम है, बल्कि यह प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छ ऊर्जा के दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सरकार द्वारा सब्सिडी और अन्य लाभों का आश्वासन देने से लोगों की इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुचि बढ़ने की संभावना है। अगर ये नीतियाँ सफलतापूर्वक लागू होती हैं, तो दिल्ली एक स्वच्छ और हरी राजधानी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ सकती है।

दिल्ली सरकार के इस प्रयास से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। जैसे-जैसे लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ेंगे, शहर की प्रदूषण की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी और दिल्ली को एक स्मार्ट और टिकाऊ शहर के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।

  • इलेक्ट्रिक वाहन (EV): पर्यावरण के अनुकूल वाहन जो इलेक्ट्रिसिटी से चलते हैं।
  • नीति 2.0: दिल्ली सरकार की नई और सुधारित ईवी नीति।
  • सब्सिडी: ईवी खरीदने पर मिलने वाली वित्तीय सहायता।
  • स्थायी परिवहन: प्रदूषण को कम करने के लिए दीर्घकालिक परिवहन समाधान।
  • चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर: ईवी को चार्ज करने के लिए आवश्यक सुविधाएं और स्टेशन।
  • सीएनजी और हाइड्रोजन: वैकल्पिक ईंधन विकल्प।
  • प्रोत्साहन: ईवी खरीदने के लिए उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले लाभ।
  • वाहन संख्या: पंजीकरण के लिए लक्षित संख्या।
  • फ्लीट इलेक्ट्रिफिकेशन: सार्वजनिक और निजी परिवहन में ईवी का समावेश।
  • पर्यावरणीय लाभ: वायु गुणवत्ता में सुधार और कार्बन उत्सर्जन में कमी।

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