'EVM' हर चुनाव में विवाद का मुद्दा

EVM और वीवीपैट कईं सालों से विवाद चल रहा है। हर चुनाव में हारा हुआ पक्ष यह कहता नजर आता है। कि वोटिंग मशीन में गडबड़ी है। जिसकी वजह से सत्ता पक्ष जीत गया।

Apr 17, 2024 - 14:56
Apr 17, 2024 - 19:48
 0  33
'EVM' हर चुनाव में विवाद का मुद्दा

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन  EVM

EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट यानि वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रैल

भारतीय चुनाव में EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट यानि वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रैल का कईं सालों से विवाद चल रहा है। हर चुनाव में हारा हुआ पक्ष यह कहता नजर आता है। कि वोटिंग मशीन में गडबड़ी है। जिसकी वजह से सत्ता पक्ष जीत गया। इस बार ADR यानि एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनावाई हुई, सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया... की EVM में गडबड़ी की आशंका है इसलिए बेलट पेपर के जरिए चुनाव करवाया जाए या फिर वीवीपैट पर्चियों का EVM से मिलान किया जाए...हालांकि दोनों ही मामलों पर्चियां तो गिननी हा पड़ेगी....

इसके बाद भूषण ने कहा, कि जर्मनी देश में ऐसा किया जाता है कि EVM के साथ पर्चियों का मिलान किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जर्मनी में कितने वोटर्स है। जवाब में कहा 5 से 6 करोड़ वोटर्स। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा भारत 97 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। कैसे करोगे? जस्टिस दीपांशु दत्ता ने कहा इस तरह सिस्टम को गिराने की कोशिश मत कीजिए, यूरोप के उदाहरण भारत में नहीं चल सकते। 


हालाँकि सुनवाई अभी जारी है। लम्बी चलेगी, लेकिन इतना तो सच ही है कि, अगर किसी व्यक्ति को या किसी समूह को EVM पर आशंका है, तो इसका कोई निदान तो ढूँढना ही होगा। आशंका को बेबुनियाद साबित क्यों नहीं कर दिया जाता? विपक्ष आरोप लगाता है। 

सरकार कोई न कोई जवाब दे ही देती है। व्यक्ति की शंकाओं को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया जाता। बात अगर विपक्ष की करें, तो वह जिस राज्य में जीत जाता है, वहाँ वह EVM की बात नहीं करता। हारने पर उसे EVM और VVPAT में गड़बड़ी दिखाई देने लगती है। सत्ता पक्ष इसी तर्क को अपना हथियार बनाकर घूमता है।

आख़िर सभी पक्ष मिलकर, एक साथ बैठकर कोई निदान क्यों नहीं कर लेते? बातचीत करेंगे, कुछ आइडियाज़ पर डिस्कशन होगा तो कोई तो बात सामने आ ही जाएगी। किसी न किसी बिंदु पर जाकर तो सहमति बन ही सकती है। इस तरह हर हार या जीत के बाद एक - दूसरे पर आरोप लगाते रहने से तो कुछ भी होने वाला नहीं है। जहां तक चुनाव आयोग का सवाल है, वह पहले ही कह चुका है कि एक-एक वोट को पहले की तरह मैनुअली गिना जाता है तो इस काम में उसे कम से कम बारह दिन लगेंगे।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।