हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को घरेलू सहायकों का शोषण करने के मामले में चार से साढ़े चार साल तक की जेल
भारतीय मूल के उद्योगपति प्रकाश हिंदुजा, उनकी पत्नी, बेटे और पुत्रवधू पर आरोप था कि वे अपने नौकरों के साथ बुरा बर्ताव करते थे, जिनमें से अधिकतर अशिक्षित भारतीय थे।
जिनेवा में हिंदुजा परिवार को स्विस कोर्ट से बड़ा झटका, नौकरों से बुरा बर्ताव करने पर मिली सजा
जिनेवा: स्विट्जरलैंड की एक आपराधिक अदालत ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाले फैसले में हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को घरेलू सहायकों का शोषण करने के मामले में चार से साढ़े चार साल तक की जेल की सजा सुनाई है। लेकिन इस फैसले के साथ एक और मोड़ आया जिसने सबको चौंका दिया।
भारतीय मूल के उद्योगपति प्रकाश हिंदुजा, उनकी पत्नी, बेटे और पुत्रवधू पर आरोप था कि वे अपने नौकरों के साथ बुरा बर्ताव करते थे, जिनमें से अधिकतर अशिक्षित भारतीय थे। इन्हें जिनेवा स्थित उनके आलीशान विला में काम करने के लिए मजबूर किया गया था। इस परिवार के खिलाफ मानव तस्करी के गंभीर आरोप भी लगे थे, लेकिन अदालत ने इन्हें खारिज कर दिया।
न्यायालय का फैसला
हिंदुजा परिवार के चारों सदस्य अदालत में मौजूद नहीं थे। हालांकि, परिवार का व्यवसाय प्रबंधक नजीब जियाजी अदालत में उपस्थित था। उसे 18 महीने की निलंबित सजा सुनाई गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि चारों आरोपी कर्मचारियों का शोषण करने और अनधिकृत रोजगार प्रदान करने के दोषी हैं।
न्याय की जंग में नया मोड़
मानव तस्करी के आरोपों को खारिज करने का आधार यह था कि कर्मचारी अपनी मर्जी से काम कर रहे थे। लेकिन क्या यह पूरी कहानी है?
शोषण की कड़वी सच्चाई
आरोप यह था कि हिंदुजा परिवार के सदस्य कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त कर लेते थे, उन्हें स्विस फ्रैंक के बजाय भारतीय रुपयों में भुगतान करते थे, विला से बाहर नहीं जाने देते थे और अत्यधिक कष्टदायी परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर करते थे।
इस फैसले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सिर्फ कानूनी सजा काफी है या समाज को भी अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने की जरूरत है? हिंदुजा परिवार का यह मामला शायद इसी दिशा में एक नया अध्याय लिखेगा।
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