जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन TRF का हमला और उसकी असलियत
गांदरबल आतंकी हमला: लश्कर-ए-तैयबा की एक नई शाखा टीआरएफ ने जम्मू-कश्मीर में जेड मोड़ सुरंग को निशाना बनाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है। एक डॉक्टर समेत सात लोगों की मौत हो गई. टीआरएफ, इसकी उत्पत्ति और चल रही एनआईए जांच के बारे में जानें Ganderbal terror attack: TRF, a rebranded offshoot of Lashkar-e-Taiba, claimed responsibility for the attack in Jammu & Kashmir targeting the Z Morh Tunnel. Seven people, including a doctor, were killed. Learn about TRF, its origins, and the ongoing NIA investigation जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी,
जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन TRF का हमला और उसकी असलियत
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में हाल ही में हुए बड़े आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया मुखौटा संगठन है। इस हमले में सात लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक डॉक्टर भी शामिल है। TRF का गठन 2019 में धारा 370 हटने के बाद किया गया था, और यह संगठन उन नागरिकों को निशाना बनाता है जो कश्मीर में विकास परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं या कश्मीरी पंडित हैं।
TRF: लश्कर-ए-तैयबा का नया रूप
TRF को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने बनाया है ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचा जा सके। गृह मंत्रालय ने मार्च 2024 में राज्यसभा में बताया कि यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा नाम है। TRF को पाकिस्तान से संचालित किया जाता है, और इसके प्रमुख कमांडर साजिद जट, सज्जाद गुल और सलीम रहमानी हैं। यह संगठन विशेष रूप से उन नागरिकों को निशाना बनाता है, जो कश्मीर में काम करने या पुनर्वास के लिए आए हैं।
ऑपरेशन क्लीन और पाकिस्तान की रणनीति
2019 में धारा 370 हटाने के बाद, भारतीय सुरक्षा बलों ने 'ऑपरेशन क्लीन' चलाकर 500 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी रणनीति बदली और अपने आतंकी संगठनों के नाम बदलकर नई शुरुआत की, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसके खिलाफ कार्रवाई न हो सके।
जेड मॉर्फ टनल पर हमला
गांदरबल में जिस सुरंग को निशाना बनाया गया, वह जेड मॉर्फ टनल है, जो कश्मीर के गांदरबल को सोनमर्ग से जोड़ती है। यह टनल सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जोजिला टनल का हिस्सा है, जो श्रीनगर को लद्दाख से जोड़ता है। आतंकियों का डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर यह पहला हमला था, जो यह दिखाता है कि वे कश्मीर में विकास कार्यों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
एनआईए कर रही है जांच
इस आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है, ताकि इस वारदात के पीछे के असली मास्टरमाइंड्स का पता लगाया जा सके।
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