चार तरह की श्रेणियों में बदल जाएंगी समस्त ट्रेनें
दिल्ली से मेरठ, आगरा से मथुरा, लखनऊ से कानपुर रेलवे अब इन्हीं चार संस्करणों में सारी ट्रेनें बनाने में जुटा है। अगले सात-आठ वर्षों में सारी ट्रेनों को बदल देने की तैयारी है।
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चार तरह की श्रेणियों में बदल जाएंगी समस्त ट्रेनें
छोटी दूरी के लिए चलेगी वंदे भारत मेट्रो और मध्यम दूरी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस, लंबी दूरी के लिए दो तरह की ट्रेनें चलाई जाएंगी-वंदे भारत स्लीपर और अमृत भारत एक्सप्रेस, अगले सात-आठ वर्षों में सारी ट्रेनों को बदल देने की चल रही तैयारी
भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण
अभियान के तहत पुराने संस्करण की ट्रेनें पीछे छूट जाएंगी और सारी की सारी ट्रेनें नए स्वरूप में आ जाएंगी। पटरियों पर अब चार तरह की यात्री ट्रेनें दौड़ेंगी। छोटी दूरी के लिए वंदे भारत मेट्रो, मध्यम दूरी के' लिए वंदे भारत एक्सप्रेस एवं लंबी दूरी के लिए दो तरह की ट्रेनें चलाई जाएंगी-वंदे भारत स्लीपर और अमृत भारत एक्सप्रेस। वंदे भारत ट्रेनों को अगले पड़ाव पर ले जाने की तैयारी है। रेलवे अब इन्हीं चार संस्करणों में सारी ट्रेनें बनाने में जुटा है। अगले सात-आठ वर्षों में सारी ट्रेनों को बदल देने की तैयारी है।
वंदे भारत मेट्रो में कम से कम चार और अधिक से अधिक 16 बोगियां होंगी। यह उन बड़े शहरों के लिए चलाई जाएंगी, जिनके आसपास लगभग 100-200 किमी की दूरी पर कोई दूसरा शहर या उपनगर होगा। इसका फर्स्ट लुक सामने आ चुका है। छोटे शहरों से बड़े शहरों में नौकरी या कारोबार करने के लिए रोजाना आने-जाने वाले ट्रेन यात्रियों को इससे सुविधा होगी। जैसे पटना से गया, दिल्ली से मेरठ, आगरा से मथुरा, लखनऊ से कानपुर जैसे शहरों के बीच यह ट्रेन चलाई जाएगी। भीड़ और जरूरत को देखते हुए बोगियों की संख्या घटाई-बढ़ाई जा सकती है। किराया सामान्य ट्रेनों की तरह होगा, लेकिन सुविधाएं अत्याधुनिक होंगी। वंदे भारत मेट्रो पर काम तेजी से चल रहा है। 50 ट्रेनें लगभग तैयार हैं। जुलाई में परीक्षण के लिए पहली ट्रेन आ भी जाएगी। इसके लिए देशभर के 124
रूटों की पहचान कर ली गई है। मेट्रो की तर्ज पर ही वंदे मेट्रो की भी गति अधिकतम 130 किमी प्रतिघंटा होगी।
पांच सौ किमी से आठ सौ किमी के बीच के दो शहरों में आने-जाने के लिए मध्यम दूरी की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रतिघंटा है, किंतु बढ़ाकर दो सौ किमी करना है। अभी ऐसी ट्रेनों की संख्या 75 है।
इसे बढ़ाकर चार सौ करना है। रेलवे द्वारा लंबी दूरी के लिए दो तरह की ट्रेनें डिजाइन की जा रही हैं। वंदे भारत स्लीपर को लगभग आठ सौ किमी से अधिक दूरी की यात्रा के लिए चलाया जाएगा। यह एसी ट्रेन होगी। दूसरी ट्रेन अमृत भारत एक्सप्रेस होगी, जो बिना एसी की होगी। इन्हें उन रूटों पर चलाया जाना है, जहां वेटिंग की समस्या ज्यादा है। इन दोनों ट्रेनों को अधिकतम गति से चलाने की तैयारी है। दोनों तरह की ट्रेनों में कम से कम 12 एवं अधिक से अधिक 16 बोगियां होंगी।
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