ED के बाद सीबीआई ने भी केजरीवाल को किया गिरफ्तार

ऐसा लगता है कि आप शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे भ्रष्टाचार के मामलों से संबंधित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोपों और कानूनी कार्यवाही के बारे में एक समाचार लेख या अंश का जिक्र कर रहे हैं। पाठ में ईडी की जांच के बाद सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर प्रकाश डाला गया है, और मामले से संबंधित अदालती सुनवाई और रिमांड का उल्लेख किया गया है। लेख में कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान तेजी से अधिसूचनाएं जारी करने का सुझाव दिया गया है, जिससे दक्षिण भारत के प्रमुख व्यक्तियों की भागीदारी पर सवाल उठ रहे हैं।

Jun 27, 2024 - 19:17
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ED के बाद सीबीआई ने भी केजरीवाल को किया गिरफ्तार

ईडी के बाद सीबीआई ने भी केजरीवाल को किया गिरफ्तार

  • आबकारी घोटाले में भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के लिए मिला तीन दिन का रिमांड
  • शुगर लेवल कम होने से तबीयत बिगड़ने पर दूसरे कमरे में ले जाए गए केजरीवाल
  • नई दिल्ली के कोर्ट में केजरीवाल की पेशी के बाद उन्हें लेकर जाते सीबीआइ अधिकारी।

आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे और न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब इस घोटाले में हुए भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के अवकाशकालीन न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष केजरीवाल की पांच दिन का रिमांड मांगा। लेकिन अदालत ने केजरीवाल को तीन दिन के रिमांड पर भेजते हुए सीबीआइ को उन्हें 29 जून को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया।

शुगर लेवल कम होने से तबीयत बिगड़ गईं तो केजरीवाल को कुछ देर के लिए दूसरे कमरे में ले जाया गया। सुनवाई के दौरान केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल कोर्ट में मौजूद थीं। सीबीआइ ने मंगलवार को केजरीवाल से जेल में तीन घंटे तक पूछताछ की थी।

इसके बाद बुधवार को अदालत की अनुमति मिलने पर अदालत कक्ष में औपचारिक तौर पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा कि आरोपित से सरकारी गवाह बने दक्षिण भारत में शराब लाबी के बड़े खिलाड़ी मगुंटा रेड्डी ने बयान दिया है कि आबकारी नीति तैयार होने से पहले उसने केजरीवाल से मुलाकात की थी और उसे पैसों के बदले दिल्ली में शराब कारोबार में मदद का आश्वासन दिया गया था।

तथ्यों से पता चलता है कि अधिसूचना कितनी जल्दबाजी में जारी की गई थी। यह सब तब हुआ था, जब कोरोना महामारी चरम पर थी। सीबीआइ ने कहा, आखिर इन सबके पीछे कौन था? यकीनन मुख्यमंत्री। दक्षिण भारत के समूह से जुड़े लोग कोरोना के दौरान निजी विमान से दिल्ली आए थे। उनके कहने पर तैयार की गई रिपोर्ट सरकार के पास ले जाई गई और वह रिपोर्ट ही नीति बन गई। इसमें लाभ मार्जिन पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार