स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण

डीआरडीओ द्वारा डिज़ाइन और विकसित की गई इस मिसाइल प्रणाली ने अपने परीक्षण में उच्च श्रेष्ठता का साबित होने के साथ-साथ उसकी उत्कृष्ट क्षमता को भी दिखाया है।

Apr 14, 2024 - 21:44
Apr 14, 2024 - 23:06
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स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण

"भारतीय सेना की ताकत में एक नया कदम"

"स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण"

भारतीय सेना द्वारा स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल के सफल परीक्षण

रक्षा और आत्मनिर्भरता में एक महत्वपूर्ण कदम



भारतीय सेना और डिजाइन और विकसित किया गया एक स्वदेशी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हथियार प्रणाली के सफल परीक्षण ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर रख दिया है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के माध्यम से, भारत ने अपनी रक्षा स्वायत्तता में एक बड़ी चुनौती को पार करते हुए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।

डीआरडीओ द्वारा डिज़ाइन और विकसित की गई इस मिसाइल प्रणाली ने अपने परीक्षण में उच्च श्रेष्ठता का साबित होने के साथ-साथ उसकी उत्कृष्ट क्षमता को भी दिखाया है। मिसाइल के प्रदर्शन और वारहेड के प्रदर्शन में उल्लेखनीय परिणाम मिले हैं, जो इस प्रणाली की विशेषता को दर्शाते हैं। इसके अतिरिक्त, इस प्रणाली का टेंडेम वारहेड सिस्टम भी सफलतापूर्वक परीक्षित हो चुका है, जिससे युद्धक टैंकों के खिलाफ एक प्रभावी विकल्प मिलता है।

इस मिसाइल प्रणाली की 'डुअल मोड सीकर' कार्यक्षमता ने इसे एक महत्वपूर्ण और प्रभावी हथियार बनाता है, जो दिन और रात दोनों में सक्रिय रह सकता है और शीर्ष हमलों की क्षमता को बढ़ाता है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस प्रणाली के सफल परीक्षण की सराहना की है, जिससे यह राष्ट्र के रक्षा तंत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होता है। उन्होंने डीआरडीओ और भारतीय सेना को उनके योगदान के लिए सराहा और उनकी उपयोगिता को बढ़ावा दिया।

इस प्रणाली के परीक्षण के साथ, भारतीय सेना को एक और महत्वपूर्ण और उन्नत हथियार की आपूर्ति होगी, जो उसकी क्षमता और सुरक्षा को मजबूत करेगा। इससे भारत अपने रक्षा तंत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में और भी अग्रसर होगा।

इस परीक्षण के साथ, अब इस प्रणाली को अंतिम उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षण के लिए तैयार किया गया है, जो भारतीय सेना में इसके उपयोग को बढ़ाएगा।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इस परीक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने पर टीमों को बधाई दी, जोने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई।

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