‘महिला, जीवन और स्वतंत्रता ईरान का भविष्य’, ईरान के हिजाब विरोधी नारे का जिक्र, नेतन्याहू बोले-इस्लामी शासन का अंत निकट

इजरायल लगातार अपने दुश्मनों को ठिकाने लगातार जा रहा है। गाजा और लेबनान में आतंकी संगठनों को तबाह और बर्बाद करने के बाद सीरिया में भी बशर अल असद की सरकार का पतन हो गया है। इस पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने देश के लोगों को संबोधित करते हुए ऐलान किया है कि […]

Dec 13, 2024 - 09:12
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‘महिला, जीवन और स्वतंत्रता ईरान का भविष्य’, ईरान के हिजाब विरोधी नारे का जिक्र, नेतन्याहू बोले-इस्लामी शासन का अंत निकट
benjamin Netanyahu

इजरायल लगातार अपने दुश्मनों को ठिकाने लगातार जा रहा है। गाजा और लेबनान में आतंकी संगठनों को तबाह और बर्बाद करने के बाद सीरिया में भी बशर अल असद की सरकार का पतन हो गया है। इस पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने देश के लोगों को संबोधित करते हुए ऐलान किया है कि ईरान के इस्लामी शासन का पतन बहुत ही निकट आ गया है।

नेतन्याहू ने 2022 में हिजाब का विरोध करने के बाद महसा अमिनी की मौत और उसके हुए आंदोलनों में दिए गए नारे को दोहराया। उन्होंने कहा, “महिला, जीवन और स्वतंत्रता ईरान का भविष्य है।” इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि मुझे इस बात में किसी भी तरह का शक नहीं है कि लोगों के उस भविष्य को उनकी सोच से भी पहले साकार करने की ओर अग्रसर हैं। इजरायली प्रधानमंत्री के इस बयान को ईरानी लोगों को वहां की सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है।

इसी क्रम में ईरान के सामान्य जनमानस को संबोधित करते हुए वो कहते हैं कि ईरान के पास विदेशों में अपने हथियारबंद सहयोगियों के लिए सब कुछ है, लेकिन उसके ही घर में उसके लाखों लोग विभिन्न प्रकार की आर्थिक समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर हैं। नेतन्याहू ने इस्लामी कट्टरपंथ से तंग ईरानी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सीरिया में बशर अल असद के समर्थन के लिए ईरानी शासकों ने 30 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च कर दिए, लेकिन मात्र 11 दिन के युद्ध में ही बशर अल असद सरकार धूल में मिल गई।

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इजरायली पीएम कहते हैं कि ईरान के लोगों को स्कूलों और अस्पतालों की कल्पना करके अपनी सरकार पर बहुत गुस्सा आता होगा, जिन्हें आपके तानाशाह सरकारों द्वारा आतंक का समर्थन करने में बर्बाद किए गए अरबों डॉलर से आसानी से बनाया जा सकता था।

जानकारों का मानना है कि ऐसा करके इजरायली प्रधानमंत्री के उस गुस्से को भड़काना चाहते जो कई सालों से सामान्य ईरानी लोगों के अंदर पल रहा है।

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