जमुई, बिहार: "मिशन दक्ष" में जमुई के शिक्षकों ने 5583 बच्चों को गोद में लिया, टोला सेवक भी काम पर लगे

सेवकों का कार्यक्षेत्र शिक्षकों

Dec 5, 2023 - 23:17
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जमुई, बिहार: "मिशन दक्ष" में जमुई के शिक्षकों ने 5583 बच्चों को गोद में लिया, टोला सेवक भी काम पर लगे

KK Pathak का मिशन सि‍र आंखों पर... जमुई के शिक्षकों ने 5583 बच्चों को लिया गोद, टोला सेवक भी काम पर लगे

जमुई, बिहार: जमुई जिले के खैरा प्रखंड में चलाए जा रहे "मिशन दक्ष" के तहत, 221 विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के 5583 बच्चों को 1054 शिक्षकों ने गोद लेने का कार्य किया है। इस मिशन का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा में सुधार करना है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव KK Pathak के निर्देशन में शुरू किए गए मिशन दक्ष में, शिक्षकों के सहयोग के लिए 85 टोला सेवकों को भी काम में लगाया गया है। इन सेवकों का कार्यक्षेत्र शिक्षकों को विशेष समर्थन प्रदान करना है, ताकि उन्हें बच्चों के लिए सर्वोत्तम पठन-पाठन की सुविधा हो सके।

इस कार्यक्रम में, शिक्षक विद्यालय के बाद भी शाम को 4:30 बजे तक विशेष कक्षाएं चलाकर बच्चों को और भी पढ़ाई में समर्पित कर रहे हैं। इसके अलावा, पदाधिकारियों का पूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन उन्हें प्रदान किया जा रहा है।

इस महत्वपूर्ण पहल के तहत, जमुई के शिक्षकों ने बच्चों को गोद में लेकर उनकी शिक्षा में सुधार करने का संकल्प लिया है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है।

मिशन दक्ष कार्यक्रम के तहत बच्चों को पढ़ाते हुए शिक्षि‍का।

विभागीय निर्देश के आलोक में मिशन दक्ष के तहत प्रत्येक विद्यालय में 5 अनुपात 1 शिक्षकों को लगाया गया है, यानी 5 बच्चों पर 1 शिक्षकों को लगाया गया है। जो कमजोर बच्चों को दक्ष बनाने के लिए अपना कार्य कर रहे हैं। शिक्षक बच्चों को गणित, हिंदी तथा अंग्रेजी पढ़ाने के लिए विशेष कक्षाओं का आयोजन करते हैं।

मिशन दक्ष में शामिल बच्चों की संख्या

वर्ग - संख्या

तृतीय -1284

चतुर्थ -1260

पंचम -1176

षष्ठ - 692

सप्तम   604

अष्टम   567

कुल संख्या -  5582

तीन बजे के बाद चलती है कक्षाएं

विद्यालय गतिविधि समाप्त होने के बाद 3:00 बजे के बाद अथवा भोजन अवधि समाप्त होने के बाद चिन्हित छात्र-छात्राओं के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाती है जिसमें उक्त विद्यालय के शिक्षकों के साथ-साथ टोला सेवक, माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक बच्चों को दक्ष बनाने में जुटे हैं।

खैरा प्रखंड में 1054 प्राथमिक शिक्षक, 85 टोला सेवक, 49 माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक तथा 57 उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक मिशन दक्ष को सफल बनाने में जुटे हैं।

क्या है मिशन दक्ष

मिशन दक्ष के तहत ऐसे छात्रा-छात्राओं की पहचान की जाती है, जो हिंदी के कुछ वाक्य लगातार नहीं पढ़ सकते हैं या फिर लिख नहीं सकते हैं।

ऐसे छात्र -छात्राओं को मौलिक गणित की भी जानकारी नहीं होती है और मौलिक गणित हल करने में सक्षम नहीं होते हैं।

साथ ही अंग्रेजी और हिंदी की वर्णमाला की भी पहचान नहीं कर सकते हैं। इन्हीं बच्चों को चिन्हित कर मिशन दक्ष के तहत पढ़ाया जा रहा है।

तीन चरणों में चलेगा मिशन दक्ष

मिशन दक्ष की शुरुआत बच्चों की पहचान के साथ की जाती है। मिशन के पहले चरण में उन बच्चों को चिन्हित करना पड़ता है जो पढ़ने लिखने में कमजोर हैं।

दूसरे चरण में विशेष कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है तथा अंतिम चरण यानी तीसरे चरण में अकादमिक सत्र 2024 की वार्षिक परीक्षा के उपरांत अलग से एक परीक्षा अप्रैल 2024 में आयोजित करने का प्राविधान रखा गया है।

कहते हैं मिशन दक्ष में शामिल शिक्षक

मिशन दक्ष के अंतर्गत बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों ने मिशन दक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के तहत कमजोर बच्चों को सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाने का सफल प्रयास किया जा रहा है।

हालांकि, मिशन दक्ष के तहत चल रही कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत नहीं रह पा रही है फिर भी प्रयास किया जा रहा है कि बच्चे शत-प्रतिशत उपस्थित हों, ताकि मिशन दक्ष के उद्देश्य को पूरा किया जा सके। अभिभावकों से भी मिशन दक्ष को सफल बनाने में सहयोग करने की अपील की जा रही है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार