रामनवमी पर भी हुई जमकर राजनीति : मृत्युंजय दीक्षित 

श्रद्धा भाव में तल्लीन प्रधानमंत्री ने टैब पर प्रभु राम का दर्शन करते समय भी अपने जूते उतार कर रख दिए थे

Apr 19, 2024 - 08:03
Apr 19, 2024 - 08:05
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रामनवमी पर भी हुई जमकर राजनीति : मृत्युंजय दीक्षित 
रामनवमी

रामनवमी पर भी हुई जमकर राजनीति : मृत्युंजय दीक्षित 


वर्ष 2024 में 500 वर्षों के पश्चात प्रभु राम के जन्मदिवस का उत्सवउनकी जन्मस्थली पर मनाया गया। इस अवसर पर सूर्यवंशी रामलला के भाल पर स्वयं सूर्यदेव ने अपनी किरणों से तिलक किया ये अद्भुत –अलौकिक क्षण हिन्दुओं के निरंतर संघर्ष और बलिदान के प्रसाद का क्षण था, जिसे देखकर संपूर्ण विश्व का हिंदू मन-मानस  भाव विभोर हुआ। सूर्य तिलक का ये क्षण हमारी संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक क्षण है। अयोध्या के दिव्य, भव्य व नव्य राम मंदिर में प्रभु श्रीराम का सूर्य तिलक संपूर्ण सनातन हिंदू समाज के कल्याणकारी होने जा रहा है।  


रामनवमी का पर्व अत्यंत भव्यता और उल्लास के साथ मनाया गया। सूर्य तिलक के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के नलबाड़ी में अपनी चुनावी जनसभा के बाद हेलीकाप्टर में ही अपने टैब पर सूर्य तिलक का सीधा प्रसारण देखा। श्रद्धा भाव में तल्लीन प्रधानमंत्री ने टैब पर प्रभु राम का दर्शन करते समय भी अपने जूते उतार कर रख दिए थे, इस बात पर सभी का ध्यान गया। इस अवसर पर उन्होंने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट किया कि, “मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है । ये सूर्य तिलक विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा। 


इसके पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने नलबाड़ी की जनसभा में जयश्रीराम, जय सियाराम और राम लक्ष्मण जानकी – जय बोलो हनुमान की,  का उद्घोष करवा कर राम लहर को पुनः जीवंत कर दिया। सूर्य की किरणों से जब प्रभु श्रीराम का महामस्तकाभिषेक हो रहा  था उस समय अयोध्या ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत का हिंदू समाज उल्लास में डूबा हुआ था। दूर दूर से आ रहे लाखों श्रद्धालु  जिनमें धनी- निर्धन, स्त्री- पुरुष,आबाल वृद्ध  व समाज के सभी वर्गो के लोग थे, अत्यंत धैर्य, संयम व अनुशासन के साथ अपने प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के लिए आतुर थे।लाखों की भीड़ आने के बावजूद किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं हुई । ऐसा लग रहा था कि प्रभु राम के भक्त भी प्रभु श्रीराम  की तरह मर्यादित हैं।  


भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की इस महान घटना के दिन को भी, मुस्लिम तुष्टिकरण की विकृत राजनीति से गले तक भरे हुए राजनैतिक दलों ने अपनी  सियासत चमकाने व प्रभु श्रीराम सहित संपूर्ण हिंदू सनातन समाज की आस्था का उपहास करने का अवसर बना लिया। अयोध्या में  कारसेवकों का नरसंहार करने वाली समाजवादी पार्टी के नेता महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि,”रामनवमी को कुछ लोगों ने पेटेंट करा लिया है।ये उनकी बपौती नहीं है। देश में एक नहीं हजारों राम मंदिर हैं। वे यहीं पर नहीं रुके उन्होंने पूजा -पाठ आदि को पाखंड भी कहते हुए पूजा पाठ करने वाले हिन्दुओं को पाखंडी बता दिया। रामगोपाल यादव ने कहा कि अयोध्या में सब अशुभ हो रहा है आधे - अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई अब बीजेपी के नेता ढोल पीट रहे हैं। उन्होंने आगे  कहा कि वह कभी मंदिर नहीं गये, मंदिर में पाखंडी जाते हैं। उधर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत व राजद नेता मनोज झा सहित सभी मुस्लिम परस्त नेता अपने घरों से निकल आए और हिंदू समाज व राष्ट्रनायकों  को उपदेश देने लगे । स्पष्ट है घमंडिया इंडी गठबंधन के लोगों को राम मंदिर से परेशानी हो रही है।

 श्रीराम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद से ही घमंडिया गठबंधन किसी न किसी प्रकार से  हिंदू सनातन समाज व आस्था के केन्द्रों का अपमान करता आ रहा है।  समाजवादी नेता अखिलेश यादव और राहुल गांधी रामनवमी के दिन गाजियावाबद में प्रेस वार्ता कर रहे थे और उन्होंने केवल एक पंक्ति में रामनवमी की शुभकामना दी और भाजपा की निंदा में लग गये। गाजियाबाद में रहते हुए भी उन्होंने नहीं बताया कि वह अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने कब जाएंगे। अयोध्या में आ रही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ राहुल गांधी के उन सभी सवालों का जवाब दे रही है जो वह अपनी न्याय यात्रा में जनता से पूछते रहते थे। राहुल गांधी हैं अपनी न्याय यात्रा में आरोप लगाते रहे कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में  बड़े- बड़े उद्योगपति व स्टार ही दिखलाई पड़े, वहां पर न तो कोई गरीब था न ही किसान किंतु आज उन्हें हर प्रश्न का उत्तर मिल रहा है ।  अयोध्या में जो लाखों श्रद्धालु भगवान राम का दर्शन करने आ रहे हैं  उनमें गरीब, किसान, मजदूर,  बेरोजगार, महिलाएं, दलित, पिछड़े- अतिपिछड़े कौन नहीं हैं? यहाँ तक कि मुस्लिम समाज के लोग भी दर्शन करने लिए पहुंच रहे हैं। अयोध्या आ रही सभी ट्रेनें पूरी तरह से भरी हुई हैं। 


कांग्रेस, सपा, बसपा, आम अदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी और दक्षिण के द्रमुक सभी दलों ने मंदिर निर्माण के समय तरह तरह के आरोप लगाए। जब मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान चलाया जा रहा था तब भाजपा व संघ को चंदा जीवी कहा गया। जब घर- घर अक्षत अभियान चलाया गया तब उस पर  विकृत बयानबाजी की। कोर्ट में जाकर मंदिर निर्माण रोकने का प्रयास किया । आज यही सनातन विरोधी तत्व राम मंदिर बन जाने से आहत हैं क्योंकि ये इस विवाद की आड़ में मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति को चमकाये रखना चाहते थे। 


कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में प्रभु श्रीराम को काल्पनिक बताया, जयश्रीराम को साम्प्रदायिक नारा बताया, पहले राम मंदिर पर निर्णय टालने और फिर भूमि पूजन समारोह को रोकने का प्रयास किया किन्तु आज यह इतने मजबूर हो गये हैं कि कहने लगे हैं कि प्रभु श्रीराम तो सबके हैं किंतु उसमें भी उनके विचारों में विकृति उभर आती है।


रामनवमी के अवसर पर सबसे अधिक असहज बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिखाई पड़ीं । बंगाल सरकार ने दंगों का बहाना बनाकर हिन्दुओं को रामनवमी की शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जिससे हिंदू संगठनों को अदालत की शरण में जाना पड़ा जिसने उन्हें अनुमति दे दी। भड़की ममता ने रामनवमी के पवित्र अवसर पर अंग्रेजी में एक पंक्ति का एक्स (ट्वीट) पोस्ट किया और लिखा, ”मेन्टेन पीस।” आजकल ममता बनर्जी के मुंह से केवल एक ही शब्द निकलता है दंगा, दंगा और दंगा। नितांत आपत्तिजनक भाषण देते हुए ममता ने कहा कि वे  लोग (हिन्दू) आयेंगे किंतु आप सभी (मुस्लिम) को बिल्कुल कूल- कूल रहना है। अपने भाषणों से ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पार कर रही हैं। ममता बनर्जी की बोई नफरत का ही परिणाम था कि मुर्शिदाबाद  जिले के शक्तिपुर में रामनवमी पर बम फेंके गये जिसमें  20 लोग घायल हो गये। 


सनातन विरोधी दल एक झूठा नैरेटिव और भी चला रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में अधूरे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करवा दी है उसका उन्हे दंड मिलेगा किंतु अब समय बदल चुका है इन दलों ने जिस प्रकार अयोध्या में दिव्य मंदिर का उपहास उड़ाया अब उसका सूद सहित बदला लेने का समय सनातन समाज के पास आ चुका है। 


मतदान का समय आ गया है, समस्त हिंदू समाज को ठान लेना चाहिए कि अबकी बार उन्हीं को लाना है जो प्रभु श्रीराम को लेकर आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में  संपूर्ण विश्व में सनातन का डंका बज रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक उत्थान की लहर चल रही है। अयोध्या में दिव्य राम मंदिर प्रगति पर है।  वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम सहित समस्त वाराणसी का अभूतपूर्व विकास हो रहा है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल लोक का विकास हुआ है । सभी तीर्थस्थलों को  रेलवे व हवाई सेवाओ के साथ लगातार जोड़ा जा रहा है। जहां कोई सपने में भी मंदिर बनवाने की बात नहीं सोच सकता था ऐसे अबूधाबी में मोदी जी एक हिंदू मंदिर का उद्घाटन करके आये हैं। अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने 11 दिनों का अनुष्ठान किया और रामायणकाल से जुड़े सभी मंदिरों की यात्रा की। सनातन संस्कृति के गौरव को बढ़ाने वाले अनेक संकल्प भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में रखे हैं।  


हिन्दू समाज को एकजुट होकर प्रभु राम का सूर्य तिलक संभव करने वाले मोदी जी को अपने मत का तिलक लगाना चाहिए क्योंकि मोदी जी को लगाया गया हिन्दू मतों का तिलक सनातन संस्कृति को सम्पूर्ण विश्व में पुनः सूर्य के समान स्थापित करेगा 

जाके प्रिय न राम बैदेही... - हिन्दुस्थान समाचार

लेखक  - मृत्युंजय दीक्षित 

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