हिन्दू नव वर्ष (Hindu New Year) का मान्यता और महत्व:
हिंदू नव वर्ष की शुरुआत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. साल 2024 में हिंदू नव वर्ष 9 अप्रैल को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस दिन विक्रम संवत 2081 होगा
राष्ट्रकवि रामधारीसिंह दिनकर जी लिखते हें ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये व्यवहार नहीं
धरा ठिठुरती है सर्दी से
आकाश में कोहरा गहरा है
बाग़ बाज़ारों की सरहद पर
सर्द हवा का पहरा है
सूना है प्रकृति का आँगन
कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं
हर कोई है घर में दुबका हुआ
नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं
चंद मास अभी इंतज़ार करो
निज मन में तनिक विचार करो
नये साल नया कुछ हो तो सही
क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही
उल्लास मंद है जन -मन का
आयी है अभी बहार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो
प्रकृति दुल्हन का रूप धार
जब स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता
घर -घर खुशहाली लायेगी
तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि
नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय गान सुनाया जायेगा
युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध
नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध
आर्यों की कीर्ति सदा -सदा
नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
अनमोल विरासत के धनिकों को
चाहिये कोई उधार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
–राष्ट्रकवि रामधारीसिंह दिनकर
हिन्दू नव वर्ष, जिसे "नवरात्री" भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार विभिन्न भागों में विभिन्न दिनों पर मनाया जाता है। सामान्यत: इसे चैत्र शुक्ल पक्ष के पहले नवरात्री के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग नौ दिनों तक विभिन्न देवताओं की पूजा करते हैं और नव रूपों का आराधना करते हैं। इसमें धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक महत्व होता है। लोग इसे नए साल की शुरुआत के रूप में मनाकर सफलता, समृद्धि, और खुशियों की कामना करते हैं।
अंग्रेजी नव वर्ष और हिन्दूऑ का इतिहास:
अंग्रेजी नव वर्ष (English New Year): अंग्रेजी नव वर्ष, जिसे 1 जनवरी को मनाया जाता है, ग्रीगोरियन कैलेंडर के अनुसार होता है। यह दुनियाभर में एक सामान्य नव वर्ष की तरह मनाया जाता है, जिसमें लोग नए साल की शुरुआत में आपसी द्वारा आशीर्वाद देते हैं, नए लक्ष्य बनाते हैं, और नए आरंभों की शुरुआत करते हैं। यह सामाजिक मिलन-सहमेला और विभिन्न सार्वजनिक आयोजनों के साथ मनाया जाता है।
हिन्दूऑ का इतिहास (History of Hindu New Year): हिन्दू नव वर्ष का आदान-प्रदान वेदिक धार्मिक ग्रंथों में होता है। यह एक लुनर कैलेंडर पर आधारित है और इसमें चंद्रमा के चरणों के आधार पर महीनों का आकलन होता है। हिन्दू सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से यह वर्ष का समय है जब मां दुर्गा की पूजा और नौ दिनों के आराधना का महत्वपूर्ण समय है। विभिन्न भागों में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे गुजराती समुदाय में "नूतन वर्ष" और दक्षिण भारत में "उगादी"।
हिन्दू नव वर्ष का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से अद्वितीय है। इस अवसर पर लोग नए साल के साथ नए उद्देश्य और आरंभों का जश्न मनाते हैं और धार्मिकता में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता करते हैं। यह उन्नति, समृद्धि, और सामाजिक समर्थन की कामना के साथ भरा होता है।
इसके अलावा, अंग्रेजी नव वर्ष एक विश्वस्तरीय रूप में मनाया जाने वाला एक सामान्य उत्सव है जो लोगों को एक नए और सकारात्मक साल की शुरुआत के लिए प्रेरित करता है। यह नया साल नए लक्ष्यों को प्राप्त करने, व्यक्तिगत और पेशेवर विकास की दिशा में कदम बढ़ाने, और नए संबंध बनाने का मौका प्रदान करता है।
इस प्रकार, हिन्दू नव वर्ष और अंग्रेजी नव वर्ष दोनों ही सामाजिक और सांस्कृतिक आयामों में भरपूर महत्वपूर्ण उत्सव हैं, जो लोगों को सकारात्मक दृष्टिकोण से जीवन के नए चरम पर ले जाने का अवसर प्रदान करते हैं।