आज से 600 वर्ष पूर्व 'बाबा काशीदासजी महाराज' द्वारा भगवान शिवजी की 12 वर्ष अमरनाथ गुफा में

आज से 600 वर्ष पूर्व 'बाबा काशीदासजी महाराज' द्वारा भगवान शिवजी की 12 वर्ष अमरनाथ गुफा में

Feb 18, 2024 - 11:16
 0  6
आज से 600 वर्ष पूर्व 'बाबा काशीदासजी महाराज' द्वारा भगवान शिवजी की 12 वर्ष अमरनाथ गुफा में
भगवान शिव द्वारा दिया गया 'शंख' आज भी सुरक्षित हैं- सुन्दबनी (राजौरी) जम्मू-कश्मीर में।
पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने इस शंख की आयु हजारों वर्ष होने का अनुमान लगाया ।
'श्रीवीरभद्रेश्वर जी' के ठीक पश्चिम दिशा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के 'खुईरट्टा' में 'माता रंजोती जी मठ' तथा इसी दिशा में थोड़ा और आगे बाण-गंगा की चोटी पर स्थित 'बाबा काशी दास जी महाराज गुरु गद्धी' तीर्थ स्थान की चर्चा और उनके अनेक चमत्कारों की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई थी।
No photo description available.
बताया जाता है कि आज से 600 वर्ष पूर्व 'बाबा काशीदासजी महाराज' द्वारा भगवान शिवजी की 12 वर्ष अमरनाथ गुफा में और 12 वर्ष पाताल लोक में (कुल 24 वर्ष) तपस्या करने के पश्चात भगवान शिवजी ने बाबा जी को दर्शन दिए और प्रसन्न होकर गुरु गद्धी, शंख, कमंडल, शेष-नाग, विराट बाबा भैरवजी, सिंह, गंगा जी आदि कई अन्य शक्तियाँ और वरदान दिए।
जिनमें से शेष नाग, विराट बाबा भैरव जी तथा सिंह बाबाजी के समाधि लेने के पश्चात उन्हीं के साथ लुप्त हो गए। लेकिन बाकी शंख, खप्पर आदि सुरक्षित रखे हैं।
No photo description available.
इस स्थान का नाम बाण गंगा कैसे पड़ा ?
एक बार इसी क्षेत्र के कुछ यात्री कुंभ पर्व पर गंगा-स्नान के लिए हरिद्वार जा रहे थे। बाबा जी उनके उद्देश्य को अपनी दिव्य-शक्ति द्वारा समझ गए और उन्हें यह ज्ञात हो गया कि ये बेचारे श्रद्धालु तो कुंभ स्नान का मुहूर्त के समाप्त होने तक पहुँचने में असमर्थ हैं। अतः बाबा जी ने भगवती गंगा का आह्वान किया और उसी स्थान पर बाण मारकर गंगा मैया को प्रकट किया। उन भक्तो को 'कुंभ स्नान' करवाने का चमत्कार करने के उपरान्त उस स्थान का नाम बाण-गंगा पड़ गया।
No photo description available.
1947 ई में देश का विभाजन हो जाने से मूल स्थान छूट गया, परन्तु गुरु गोसाईं हीरानंद जी महाराज (नौवें गुरु) के पुत्र गुरु गोसाईं अविनाशीरामजी महाराज" (दसवें गुरु) और उनकी धर्मपत्नी गुरुमाता सोमावन्ति महाराज ने बाबाजी को भगवान शिवजी से मिला शंख, कमंडल, बाबा जी की कान की मुद्राएँ, बाबा जी की जटाएँ, सैली टोपी, खप्पर आदि अमूल्य वस्तुएँ भारत में पहुचायीं और वर्तमान में गुरुगोसाईं सुनीलजी महाराज की निगरानी में सेवा ,पूजा और दर्शन हेतु मन्दिर में मौजूद हैं। इनके अतिरिक्त बँवारे के समय ही पाकिस्तान से लाये गये गोलकार एकमुखी रुद्राक्ष, ठाकुर भगवान जी, शालिग्राम जी और मूर्तियाँ भी यहाँ वार्ड नं. 5 , अस्पताल सड़क, कस्बा-सुन्दरबनी, जिला- राजौरी, जम्मू कश्मीर में मौजूद हैं और गुरुगोसाईं सुनीलजी महाराज' की निगरानी में सुरक्षित व पूजित हैं।
No photo description available.
स्थानीय लोगों व वर्तमान गद्दीगुरु के अनुसार ASI की टीम ने भी इस स्थान का दौरा किया था इस शंख की आयु हजारों वर्ष होने का अनुमान लगाया है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार