भारत में 10 हजार साल से चली आ रही है धर्म की अवधारणा!
मनुष्य नैसर्गिक विश्व में तत्वों, पेड़-पौधों, प्राणियों और अन्य मनुष्यों का अनुभव तो करते ही थे, लेकिन हमारी कल्पनाशक्ति के कारण हमें सपनों और आभासों जैसे अलौकिक अनुभव भी होने लगे
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