286 दिन बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, स्पेसएक्स ड्रैगन की सफल लैंडिंग

286 दिन बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, स्पेसएक्स ड्रैगन की सफल लैंडिंग स्पेसएक्स ड्रैगन की सफल लैंडिंग में सुनीता विलियम्स 286 दिन बाद धरती पर लौटीं। फ्लोरिडा के समंदर में हुई लैंडिंग के बाद सभी अंतरिक्ष यात्री सकुशल बाहर निकाले गए। पढ़ें पूरी खबर। अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स  की घर वापसी 

Mar 19, 2025 - 20:47
Mar 19, 2025 - 20:51
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286 दिन बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, स्पेसएक्स ड्रैगन की सफल लैंडिंग

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स  की घर वापसी 

स्पेसएक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन की बुधवार तड़के फ्लोरिडा के समंदर में सफल लैंडिंग हुई. इसके बाद एक-एक कर चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सकुशल बाहर निकाला गया. इस तरह अंतरिक्ष में 286 दिन बिताने के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों ने धरती की ताजा हवा में एक बार फिर सांस ली. अंतरिक्ष से धरती तक का यह सफर 17 घंटे का था. 

स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग के साथ सुनीता विलियम्स और उनके तीन साथी 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद धरती पर लौट आए। फ्लोरिडा के समंदर में लैंडिंग के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

स्पेसएक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन ने बुधवार तड़के फ्लोरिडा के समंदर में सफलतापूर्वक लैंडिंग की। इस मिशन में सबसे खास बात यह रही कि प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने तीन साथियों के साथ 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद सकुशल धरती पर लौटीं। लैंडिंग के तुरंत बाद चारों अंतरिक्ष यात्रियों को एक-एक कर सुरक्षित बाहर निकाला गया।

सुनीता विलियम्स और उनके साथियों के लिए यह अनुभव बेहद खास रहा, क्योंकि करीब दस महीनों तक अंतरिक्ष की शून्यता में रहने के बाद वे एक बार फिर पृथ्वी की ताजा हवा में सांस ले पाए।

इस पूरी वापसी यात्रा में करीब 17 घंटे लगे। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना होने के बाद पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया और निर्धारित समय पर फ्लोरिडा के समंदर में सटीक लैंडिंग की।

स्पेसएक्स और नासा की इस साझेदारी ने अंतरिक्ष मिशनों में एक और मील का पत्थर जोड़ा है। सुनीता विलियम्स की यह यात्रा अंतरिक्ष अन्वेषण में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करती है। उनके साहस और समर्पण ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।

अंतरिक्ष से धरती तक की यह वापसी यात्रा न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से सफल रही, बल्कि मानव धैर्य और विज्ञान के अद्भुत संगम का भी उदाहरण बनी।

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Manish Mathur BAJMC(H) 6th semester Tilak School of Journalism and Mass Communication Chaudhary Charan Singh University Meerut