7 मिनट का ब्लैकआउट, 1900°C तापमान: सुनीता विलियम्स के ड्रैगन कैप्सूल ने पार किया कल्पना चावला जैसे खतरे का कठिन इम्तिहान!

"286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद सुनीता विलियम्स और उनकी टीम स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से सुरक्षित पृथ्वी लौटे। वायुमंडल में प्रवेश के दौरान 1900°C तापमान और 7 मिनट का ब्लैकआउट झेलते हुए उन्होंने कल्पना चावला जैसे खतरे को सफलतापूर्वक पार किया।" क्या आपको चाहें तो सोशल मीडिया के लिए कैप्शन और हैशटैग भी तैयार कर दूँ Sunita Williams Dragon capsule passes Kalpana Chawla, SunitaWilliams, SpaceX, DragonCapsule, NASA, Astronaut, KalpanaChawla, SpaceMission, SpaceNews, news aaj ki news, bharatiya news,  Sunita Williams, SpaceX Dragon Capsule, Sunita Williams Mission, Sunita Williams Safe Return, NASA, Astronaut Sunita Williams, Space Mission, 1900°C Reentry Temperature, Communication Blackout, Kalpana Chawla, Columbia Disaster, SpaceX, Dragon Capsule Landing, Indian American Astronaut, Sunita Williams Latest News, Space Travel, NASA Space Mission, Astronaut Safety, Spacecraft Reentry, Sunita Williams Space Journey,

Mar 19, 2025 - 20:43
Mar 19, 2025 - 20:43
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7 मिनट का ब्लैकआउट, 1900°C तापमान: सुनीता विलियम्स के ड्रैगन कैप्सूल ने पार किया कल्पना चावला जैसे खतरे का कठिन इम्तिहान!

7 मिनट का ब्लैकआउट, 1900°C तापमान: सुनीता विलियम्स के ड्रैगन कैप्सूल ने पार किया कल्पना चावला जैसे खतरे का कठिन इम्तिहान!

अंतरिक्ष मिशन की दुनिया में बुधवार का दिन ऐतिहासिक रहा। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनकी टीम का स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल सफलतापूर्वक फ्लोरिडा के समुद्र में लैंड कर गया। करीब 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद चारों अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित धरती पर लौटे और ताजे ऑक्सीजन से भरपूर सांस ले सके।

वापसी का 17 घंटे लंबा और खतरनाक सफर

धरती पर लौटने का यह 17 घंटे का सफर आसान नहीं था। जैसे ही कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ, कैप्सूल के चारों ओर हवा के अणुओं के साथ घर्षण के चलते तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस दौरान कैप्सूल और ग्राउंड कंट्रोल के बीच करीब 7 मिनट तक कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा।

यह पल किसी भी अंतरिक्ष मिशन के लिए सबसे खतरनाक होता है। इसे "ब्लैकआउट पीरियड" कहा जाता है, जहां अंतरिक्ष यान को कोई आदेश देना या उसकी स्थिति जानना लगभग असंभव हो जाता है। इस दौरान पूरी जिम्मेदारी यान की तकनीक और उसमें मौजूद हीट शील्ड्स पर होती है।

2003 की याद दिलाता है यह ब्लैकआउट

यह वही चरण है, जहां 2003 में नासा के स्पेस शटल कोलंबिया को हादसे का सामना करना पड़ा था। उस भयावह दुर्घटना में भारत की बेटी, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला समेत सातों अंतरिक्ष यात्रियों ने अपनी जान गंवा दी थी। उस हादसे के दौरान स्पेस शटल के विंग पर हीट शील्ड डैमेज हो गई थी, जिसकी वजह से वायुमंडल में प्रवेश के दौरान अत्यधिक गर्मी शटल के भीतर पहुंच गई और वह नष्ट हो गया।

अत्याधुनिक तकनीक से सुरक्षित लौटे सुनीता और टीम

हालांकि, इस बार टेक्नोलॉजी ने अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रखा। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में लगे अत्याधुनिक हीट शील्ड और सुरक्षा उपकरणों ने हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया। जैसे ही ब्लैकआउट खत्म हुआ, कैप्सूल ने धीरे-धीरे गति कम करते हुए निर्धारित स्थान पर लैंडिंग की।

सुनीता विलियम्स और उनके साथियों के चेहरे पर खुशी और सुकून साफ झलक रहा था। धरती पर लौटने के बाद मेडिकल जांच की गई और सभी अंतरिक्ष यात्री स्वस्थ पाए गए।


सुनीता विलियम्स: एक और साहसिक मिशन में सफल

सुनीता विलियम्स के लिए यह मिशन खास रहा। वे अंतरिक्ष में 500 दिन से अधिक समय बिता चुकी हैं और कई बार मिशन की चुनौतियों को पार कर चुकी हैं। कल्पना चावला के बाद वे भारतीय मूल की दूसरी ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान में इतिहास रचा है।

उनकी सुरक्षित वापसी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि तकनीक और मानव साहस मिलकर किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,