कृषि क्षेत्र में नई हरित क्रांति का बीज रोपित कर रहा देश का स्टार्टअप जगत

प्रधानमंत्री होन दीदी का जिक्र करते हैं। जब स्टार्टअप महाकुंभ में ड्रोन दीदी लिंनता शेरके से मिलने का मौका मिला, तो लोग उनसे बात कर अनुभव साझा कर रहे।

Mar 20, 2024 - 21:49
Mar 20, 2024 - 21:59
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कृषि क्षेत्र में नई हरित क्रांति का बीज रोपित कर रहा देश का स्टार्टअप जगत

कृषि क्षेत्र में नई हरित क्रांति का बीज रोपित कर रहा देश का स्टार्टअप जगत

देश के विभिन्न राज्यों में खेती और किसानों को एआइ व तकनीक से आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे युवा, कृषि व दुग्ध उत्पादन से लेकर विपणन तक में आ रहा है बदलाव, स्टार्टअप बदल रहा परंपरागत कृषि का तरीका 

PM Modi Mann Ki Baat:

आकर्षण के केंद्र में ड्रोन दीदी


प्रधानमंत्री होन दीदी का जिक्र करते हैं। जब स्टार्टअप महाकुंभ में ड्रोन दीदी लिंनता शेरके से मिलने का मौका मिला, तो लोग उनसे बात कर अनुभव साझा कर रहे। कृषि में बीएससी लिनता बताती है कि केंद्र जब पिछले वर्ष ड्रोन दीदी योजना लाई थी, वह कई माह पहले ड्रोन उड़ाकर बदलाव लाने लगी थीं। इसलिए उन्हें महाराष्ट्र की प्रथम व देश की दूसरी ड्रोन दीदी का उपनाम मिला है।

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इंडिया एआइ मिशन में स्टार्टअप्स के लिए दो हजार करोड़ मिले नई दिल्ली, पेट्रः इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन स्टार्टअप हब के सीईओ जितेंद्र विजय ने मंगलवार को कहा कि इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) मिशन के तहत एआइ स्टार्टअप्स के लिए दो हजार करोड रुपये का आवंटन हो चुका है। यह मिशन एक अप्रैल से शुरू होगा। स्टार्टअप महाकुंभ से इतर बातचीत में विजय ने बताया कि कैबिनेट ने इस मिशन पर पांच वर्षों में 10,372 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है। 

कृषि और किसानों की आर्थिक दशा में सुधार हमेशा से राजनीतिक मुद्दा रहा है। लोकसभा चुनाव के बीच भी यह तेज है। इस बीच देश का स्टार्टअप जगत बिना शोर-शराबे के चुपचाप देश के गांवों और खेतों में हरित क्रांति के नए बीज रोपित कर रहा है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, कश्मीर, राजस्थान से लेकर अन्य राज्यों के किसानों के बीच तकनीक और विचारों में नवीनता लाकर देश का एक युवा वर्ग स्टार्टअप के माध्यम से तकनीक व आविष्कार के जरिये कृषि के परंपरागत तरीकों में बदलाव ला रहा है। आधुनिक व वैज्ञानिक आधारित खेती को बढ़ावा देने के साथ दुग्ध उत्पादन, विपणन और प्रशिक्षण की सुविधा हजारों किसानों के जीवन में खुशहाली लाया है, बल्कि शहरों की ओर युवाओं का पलायन भी रोक रहा है।

1966 : हरित क्रांति: नए बीज की नई फसल

भारत मंडपम में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ सफलताओं की ऐसी कहानियों से चमत्कृत है, जो एक एप के माध्यम से किसानों के जीवन को सशक्त बना रहा है। साथ ही आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआइ), रोबोट, सेंसर, डाटा विश्लेषण और ड्रोन तक के नवीनतम प्रयोग से आधुनिक कृषि की नीव रख रहे  हैं। एक लाख से अधिक किसानों में बदलाव लाया है सलाम किसानः महाराष्ट्र के एक लाख से अधिक किसानों के जीवन में 'सलाम किसान' स्टार्टअप ने बदलाव लाया है। उसने किसानों को एक धागे में पिरोने के साथ संगठित किया है। प्रशिक्षण देकर गांवों के युवक-युवतियों को आधुनिक कृषि का दूत बनाया।

केंद्र द्वारा ध्यान देने से पूर्व ही कृषि में ड्रोन का प्रयोग शुरू कर दिया था। उसके द्वारा डाटा आधारित और एआइ विश्लेषण कर परंपरागत खेती में बदलाव लाकर मांग आधारित कृषि उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए उसके पास गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा और कपास के साथ ही 70 से अधिक विविध फसलों की श्रृंखला है।

 

जलवायु व मिट्टी आधारित होने से लाभदायक है। एआइ आधार पर न्यूनतम कीटनाशक तथा खाद के उपयोग को बढ़ावा देकर कृषि लागत को घटाते हुए अधिकतम उत्पादन लिया जा रहा है। तकनीक व उपकरण उपलब्ध कराने के साथ भंडारण व परिवहन तथा कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके चलते, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के 22 जिलों के सात हजार से अधिक गांवों के किसानों में सलाम किसान क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।

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