देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद क्यों मिला? जानें 7 मुख्य कारण

महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में देवेंद्र फडणवीस का नाम एक बार फिर चर्चा में है।

Dec 6, 2024 - 19:15
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महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में देवेंद्र फडणवीस का नाम एक बार फिर चर्चा में है

देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद क्यों मिला? जानें 7 मुख्य कारण

महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में देवेंद्र फडणवीस का नाम एक बार फिर चर्चा में है। उन्होंने गुरुवार को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह उनके समर्थकों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि भाजपा ने एक बार फिर फडणवीस पर ही विश्वास क्यों जताया? आइए जानते हैं, वे सात प्रमुख कारण, जिनकी वजह से फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर तीसरी बार मौका मिला।

1. पार्टी को जीत दिलाने की क्षमता

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फडणवीस के नेतृत्व में लड़ा गया। उनकी कुशल रणनीति, गठबंधन दलों के साथ सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों का चयन, सभी ने पार्टी को चुनावों में मजबूती दी। लोकसभा चुनाव में मराठा आंदोलन और किसानों की नाराजगी के बावजूद उन्होंने भाजपा को जीत दिलाई, जो उनके नेतृत्व की कुशलता का परिचायक है।

2. राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करना

फडणवीस ने शिवसेना और एनसीपी जैसे राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई। 2022 में एकनाथ शिंदे को अपने पक्ष में लाकर उन्होंने शिवसेना में विभाजन कराया और भाजपा को सत्ता में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी रणनीतिक क्षमता और प्रभाव का प्रदर्शन हुआ।

3. आरएसएस का मजबूत समर्थन

देवेंद्र फडणवीस को भाजपा के वैचारिक संगठन आरएसएस का मजबूत समर्थन प्राप्त है। उन्होंने आरएसएस द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ाई की और संगठन के साथ अपने संबंधों का उपयोग चुनावी तैयारियों और मतदान में किया। आरएसएस का समर्थन फडणवीस के लिए मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने का महत्वपूर्ण कारक बना।

4. पार्टी के प्रति निष्ठा

फडणवीस ने पार्टी के प्रति अपनी वफादारी बार-बार साबित की है। 2022 में सत्ता में वापसी के बाद उन्होंने उपमुख्यमंत्री बनने का फैसला किया, जबकि वह मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया, जिससे पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और बढ़ गई।

5. बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड

फडणवीस का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल प्रभावशाली रहा। उनके पहले कार्यकाल में समृद्धि सुपर हाईवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट शुरू हुए। ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे से निपटने के लिए "ग्रामीण जलशिवार योजना" लागू की गई। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 48 में से 42 सीटें जीतीं। विपक्ष के नेता के रूप में भी उन्होंने उद्धव सरकार को कई मुद्दों पर घेरा और जनता के बीच अपनी सशक्त छवि बनाई।

6. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वास

देवेंद्र फडणवीस 2014 में मुख्यमंत्री के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद थे। "केंद्र में नरेंद्र, महाराष्ट्र में देवेंद्र" का नारा उस समय खूब लोकप्रिय हुआ। मोदी का समर्थन उनके लिए एक मजबूत आधार बना, और 2017 में संभावित बदलाव की चर्चाओं के बावजूद वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहे।

7. महायुति में सबके लिए स्वीकार्य चेहरा

महाराष्ट्र की त्रिपक्षीय सरकार के लिए भाजपा को एक अनुभवी और मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता थी। फडणवीस का एकनाथ शिंदे और अजित पवार जैसे बड़े नेताओं के साथ अच्छा तालमेल है। इसके अलावा, वे भाजपा और महायुति के वरिष्ठ नेताओं के लिए एक स्वाभाविक और स्वीकार्य चेहरा हैं।

देवेंद्र फडणवीस का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना उनकी राजनीतिक कुशलता, संगठन के प्रति निष्ठा और आरएसएस व प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन का परिणाम है। उनकी नेतृत्व क्षमता और राज्य की राजनीति पर पकड़ ने उन्हें महाराष्ट्र का सबसे प्रभावशाली नेता बना दिया है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार