सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन पर प्रधानमंत्री ने X पर लिखा है
लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, संगीत जगत में शोक सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। उनके मैथिली और भोजपुरी गीतों ने लोगों के दिलों में एक खास स्थान बनाया। प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया। शारदा सिन्हा का जाना अपूरणीय क्षति है। ओम शांति!
शारदा सिन्हा का निधन: लोक संगीत की दुनिया में शोक की लहर
सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन की खबर ने संगीत जगत को स्तब्ध कर दिया है। शारदा सिन्हा, जिनके मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों ने पिछले कई दशकों से लोकप्रियता के नए आयाम स्थापित किए, अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनके गाए गीतों में छठ पर्व के लिए विशेष रूप से सुमधुर धुनें शामिल थीं, जो सुनने वालों के दिलों में एक खास स्थान रखती थीं।
प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "लोक संगीत की दिग्गज गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया और उनके गाए गीत हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।"
शारदा सिन्हा का जाना भारतीय लोक संगीत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। ओम शांति!
बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जन्म: 1 अक्टूबर 1952 जन्म स्थानः सुपौल जिले का हुलसा शिक्षा: बीएड, यूपी से म्यूजिक में MA पिताः सुखदेव ठाकुर (शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अधिकारी) पतिः स्व. ब्रजकिशोर सिन्हा बच्चेः अंशुमन सिन्हा, वंदना 1974 में पहली बार भोजपुरी गीत गाना शुरू किया। 1978 में पहली बार 'उग हो सूरज देव...' गाना रिकॉर्ड किया। 1989 में 'कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजानियां... गाने से बॉलीवुड में एंट्री ली। समस्तीपुर वीमेन कॉलेज में प्रोफेसर के तौर काम किया। छठ, विवाह, मुंडन, जनेऊ, विदाई, श्रद्धांजलि गीत गाए हैं।
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