बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, संस्कृति में अपूरणीय क्षति

बिहार: लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का शोक पटना, बिहार: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, "यह बिहार की लोक संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। छठ पर्व उनके बिना अधूरा है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।"

Nov 5, 2024 - 21:22
Nov 6, 2024 - 10:15
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बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, संस्कृति में अपूरणीय क्षति

बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, संस्कृति में अपूरणीय क्षति

पटना, बिहार: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है, जो बिहार की लोक संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थीं। 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के हुलसा में जन्मी शारदा सिन्हा ने 1974 में भोजपुरी गीत गाना शुरू किया और 1978 में 'उग हो सूरज देव...' गाने रिकॉर्ड किए। उन्होंने 1989 में 'कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजानियां...' के साथ बॉलीवुड में एंट्री ली।

शारदा सिन्हा ने छठ, विवाह, मुंडन, जनेऊ, विदाई और श्रद्धांजलि जैसे पारंपरिक अवसरों पर अनेक गीत गाए। इसके अलावा, समस्तीपुर वीमेन कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया।

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन बिहार की लोक संस्कृति और विरासत के लिए अपूरणीय क्षति है। छठ का महापर्व उनके गीतों के बिना अधूरा है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दें।"

शारदा सिन्हा का योगदान सदैव याद किया जाएगा। ओम शांति!

बिहार: लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का शोक पटना, बिहार: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, "यह बिहार की लोक संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। छठ पर्व उनके बिना अधूरा है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।"

पटना: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन अत्यंत दुखद है... उन्होंने लोक गायन में देश में अमिट छाप छोड़ी... मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति दें..."

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार