मोहन भागवत ने श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के नए भवन का किया उद्घाटन किया

गुरुकुल की प्राचार्य डॉ. सुमेधा ने बताया कि मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए और उन्होंने परिसर में पौधरोपण भी किया।

Jul 30, 2024 - 19:48
Jul 31, 2024 - 13:42
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मोहन भागवत ने श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के नए भवन  का किया उद्घाटन किया

अमरोहा पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत, बोले- देश और धर्म एक ही हैं

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को अमरोहा पहुंचे। उन्होंने चोटीपुरा स्थित श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज अमरोहा पहुंचे. श्रीमद् दयानंद कन्या गुरुकुल में छात्राओं ने भव्य स्वागत किया. छात्राओं ने उन्हें फूलों से सजाए गए स्वागत से सम्मानित किया. मोहन भागवत ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां पहुंचकर विशेष आभार व्यक्त किया. 

कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत कक्षा 7 की 134 बेटियों का उपनयन संस्कार करेंगे और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करेंगे. इसके अलावा, मोहन भागवत नूतन भवन का शुभारंभ भी करेंगे और पौधारोपण करेंगे. इस पहल के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाया जाएगा 

सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां कॉलेज की बेटियों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए.

गीता संवाद, गीता गौरव गाथा आदि में बालिकाओं ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया. इसके बाद आरएसएस संघ प्रमुख ने बालिकाओं के सवालों के जबाव दिए. एक छात्रा ने पूछा, ‘अपने प्रभावपूर्ण
व्यक्तित्व के कारण आप आरएसएस के संचालक होने के साथ देश के प्रधानमंत्री अथवा देश के अन्य वरिष्ठ पदों को भी प्राप्त कर सकते थे, परंतु आपने ऐसा क्यों नहीं किया?’

मोहन भागवत ने कहा कि देश और धर्म एक ही हैं। उन्होंने बताया कि जबसे दुनिया बनी है, तब से सनातन धर्म चलता आ रहा है। सृष्टि के बनने, चलने और विलीन होने के नियम को ही धर्म कहा जाता है। धर्म के आधार पर कई रास्ते बनते हैं और इसका लक्ष्य सत्य की प्राप्ति है। उन्होंने नई शिक्षा नीति को लागू करने वालों को ऐसे विद्यालयों में जाकर व्यवस्था को समझने की सलाह दी।

गुरुकुल की प्राचार्य डॉ. सुमेधा ने बताया कि मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए और उन्होंने परिसर में पौधरोपण भी किया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति आचार्य श्रीनिवास बरखेड़ी समेत अन्य कई लोग मौजूद रहे। मोहन भागवत की सुरक्षा में करीब डेढ़ सौ सुरक्षाकर्मी तैनात थे।

बच्चों के सवालों के  जवाब देते हुआ कहा 

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बच्चों के सवालों का जवाब दिया। एक बच्चे ने पूछा कि उनका नाम मोहन और भागवत क्यों रखा गया, इस पर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि यह नाम उनके माता-पिता ने रखा था। 

संघ प्रमुख ने बताया क्यों नहीं बने पीएम?
सवाल का जबाव देते हुए संघ प्रमुख ने कहा, ‘यहां जितने भी हम आरएसएस के बैठे हैं, सब ऐसे ही हैं. कुछ होने के लिए हम इधर नहीं आए हैं. हम अपने आपको संघ में पूरा जीवन समर्पित करने के लिए आए हैं. नहीं तो आदमी भी घर नहीं छोड़ सकता है. हमने सोचा हमारी क्या हस्ती है. देश बने इसलिए इसमें पूरा विलीन होकर काम करना है. मेरी इच्छा है कि मैं इस शाखा को अच्छे से चलाऊं, मेरी कोई इच्छा और आकांक्षा भी नहीं है. संघ जिसको जैसा रखता है, वो वैसा रहता है. हम व्यक्ति के नाते कुछ नहीं हैं. संघ के नाते सब कुछ छोड़ दिया है.’ 

अधिकारियों की उपस्थिति

आरएसएस के जिला से लेकर क्षेत्र तक के प्रचारक  कार्यक्रम में रहे और  इस समारोह में मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार, अमरोहा के जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी और पुलिस अधीक्षक कुँवर अनुपम सिंह भी उपस्थित रहे। समारोह का स्वागत बैंड बाजे की मधुर ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया।

मोहन भागवत ने अमरोहा के चोटीपुरा में श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के नए भवन का उद्घाटन किया और छात्रों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने देश और धर्म की एकता पर जोर दिया और नई शिक्षा नीति को समझने के लिए ऐसे विद्यालयों में जाने की सलाह दी। समारोह में कई महत्वपूर्ण अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने चोटीपुरा में स्थित श्रीमध्यानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया. गुरुकुल की प्राचार्य डॉ. सुमेधा ने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत चोटीपुरा में स्थित नए भवन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और परिसर में पौधरोपण भी किया. इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति आचार्य श्रीनिवास बरखेड़ी समेत अन्य कई लोग भी मौजूद रहे. मोहन भागवत कि सुरक्षा में करीब डेढ़ सौ सुरक्षाकर्मी तैनात रहे.

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