सहारनपुर लोकसभा चुनाव-2024 की स्थिति

पश्चिमी यूपी की सहारनपुर लोकसभा सीट पर एक बार फिर से साल-2019 वाले समीकरण बन रहे हैं। उस समय भी भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के सामने दो मुस्लिम प्रत्याशी थे।

Feb 23, 2024 - 14:05
Mar 18, 2024 - 11:23
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सहारनपुर लोकसभा चुनाव-2024 की स्थिति

गठबंधन का टिकट घोषित होने पर खुलेंगे पत्ते

  1. सहारनपुर लोकसभा सीट: सहारनपुर लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव के बाद एक बार फिर से रुझान बन रहा है, जिसमें भाजपा, कांग्रेस, और बसपा द्वारा मुस्लिम प्रत्याशियों के साथ मुकाबला हो सकता है।

  2. मुस्लिम प्रत्याशियों की पुनरावृत्ति: 2019 में भी इस सीट पर दो मुस्लिम प्रत्याशियों का सामना हुआ था, और इस बार भी कांग्रेस और बसपा द्वारा ऐसे प्रत्याशियों का चयन हो रहा है।

  3. भाजपा की दावेदारी में बदलाव: भाजपा की ओर से पूर्व सांसद राघव लखनपाल के बाद इस बार सीट पर कौन दावेदारी करेगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी के लोकप्रिय नेता राघव लखनपाल भी सक्रिय हैं।

  4. गठबंधन का आधार: बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के चलते सीटों का बंटवारा हो रहा है, जिससे प्रत्याशियों के बीच समर्थन विभाजित हो सकता है।

  5. समीकरण में बदलाव: लोकसभा क्षेत्र में हाजी फजलुर्रहमान के अलावा भी कई अन्य दावेदार हैं, जो समर्थन जुटा रहे हैं, और आने वाले दिनों में समीकरण में और बदलाव हो सकता है।

सहारनपुरः पश्चिमी यूपी की सहारनपुर लोकसभा सीट पर एक बार फिर से साल-2019 वाले समीकरण बन रहे हैं। उस समय भी भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के सामने दो मुस्लिम प्रत्याशी थे। जिसमें बहुजन समाजवादी पार्टी से हाजी फजलुर्रहमान और कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व विधायक इमरान मसूद मैदान में उतरे थे। इसमें चुनाव में बसपा ने जीत दर्ज की थी। मौजूदा हालातों पर गौर करें, तो ठीक उसी तरह से समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक मैदान में दावेदार के तौर पर इमरान मसूद सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। जो इस बार भी खुलकर दावेदारी कर रहे हैं। जबकि बसपा इस बार लोकसभा प्रभारी माजिद अली पर दांव खेलने की तैयारी में है।

वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से सक्रिय तौर पर पूर्व सांसद राघव लखनपाल ताल ठोंक रहे हैं। हालांकि उनके अलावा भी कई अन्य दावेदार पार्टी में मौजूद हैं। भाजपा किस पर दांव खेलेगी, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। कुल मिलाकर भाजपा के सामने एक बार फिर से दो मुस्लिम प्रत्याशी होंगे। पिछली बार भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल को करीब 22 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा के मद्देनजर मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा इस बार अनुसूचित वर्ग को साधने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

गठबंधन का टिकट घोषित होने पर खुलेंगे पत्ते
बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान अभी शांत दिखाई पड़ रहे हैं। उनको लेकर इस बार चर्चा है कि, वह भी जल्द ही पार्टी को अलविदा कह देंगे। इसकी पुष्टि बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान मीडिया से बातचीत के दौरान भी कर चुके हैं। सुत्रों के अनुसार, सपा और कांग्रेस दोनों के संपर्क में हैं। कांग्रेस के खाते में यह सीट जाने के बाद भी बसपा सांसद पूरी तरह से आश्वस्त दिखे। सांसद का कहना है कि, सीट कांग्रेस के खाते में गई है। अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है। प्रत्याशी घोषित होने पर खुद ब खुद पत्ते खुल जाएंगे।

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।