Saharanpur: सहारनपुर में 3.5 लाख रुपए किलो वाला आम
बलियाखेड़ी क्षेत्र में किसान संदीप चौधरी ''मियाजी की'' आम खेती कर इन दिनों काफी चर्चाओं में है। जिसकी 1 किलो की कीमत 2.70 लाख से 3.5 लाख रूपए है।
यूपी का सहारनपुर जिला सिर्फ काष्ठ कला के नाम से ही नहीं, फलों के राजा आम की नगरी से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में आपको आम की हजारों किस्में मिल जाएगी। जिनका स्वाद भारत से लेकर अमेरिका तक के आमजन चखते है। इस बार बलियाखेड़ी क्षेत्र में किसान संदीप चौधरी ''मियाजी की'' आम खेती कर इन दिनों काफी चर्चाओं में है। जिसकी 1 किलो की कीमत 2.70 लाख से 3.5 लाख रूपए है। इस खास तरह की प्रजाति का आम जापान के मियाजीकी युनिवर्सिटी में तैयार किया जाता है। इसका जापानी भाषा में नाम ''ताइयो नो टमैगो'' जिसका मतलब है 'सूर्य का अंडा'।
इस समय किसान संदीप चौधरी के पास केवल 2 पेड़ है। जिन पर कुल मिलाकर 3 आम लगे है। जिन्हें वो बेचना नहीं, बल्कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सीएम योगी आदित्यनाथ को खिलाना चाहते है। यह खास आम खाने में बड़ा मिठा होता है।
मेडिकल की निगाह से
1. इस आम में एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटिन और फोलिक एसिड से भरपुर है।
2. जो कि कैंसर जैसी घातक बीमारी में काफी राहत पहुंचाने का काम करता है।
3. कोलेस्ट्रॉल कम करता है।
4. स्किन के लिए फायदेमंद है।
5. हीट स्ट्रोक से बचाता है।
6. इम्यूनिटी बूस्ट करता है।
तत्वः एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटिन, फोलिक एसिड, जिंक, कैल्शियम, विटामिन C, E, A, कॉपर, मैग्नीशियम
फायदेमंदः कैंसर की दवा बनाने में
आम की कुछ खास बातें
किसान संदीप चौधरी ने इसे 9 माह पहले मंगवाया था। इस एक पेड़ की कीमत 7500 रूपए है। उन्होंने इस वक्त अपने ऑर्गेनिक खेत में 2 पेड़ लगाए हुए है। अप्रैल माह में इस पेड़ पर फूल आना शुरू होता है। अगस्त माह ये आम पूरी तरह से तैयार हो जाता है। इस आम वजन सामान्यतः 300 ग्राम से 350 ग्राम तक होता है। बात करें इस पेड़ की कद की। तो इस पेड़ की ऊचांई केवल ढाई से तीन फीट होती है।
आम की सीसीटीवी से हो रही निगरानी
किसान संदीप चौधरी ने इन पेड़ों की निगरानी के लिए PTZ CCTV लगाया हुआ है। यह 360 डिग्री पर घूमता है। अगर कोई बगीचे में आता है, तो कैमरा स्वत: आवाज करने लगता है। इसका अलर्ट संदीप चौधरी के मोबाइल पर चला जाता है। ये कैमरा सेंसर युक्त है, जो सोलर एनर्जी से चलता है। खेत में आने वाले व्यक्ति का फोटो ऑटोमैटिक सेव कर लेता है।
45 डिग्री टेम्प्रेचर में विकसित होता है पौधा
यह पेड़ 45 डिग्री तापमान पर विकसित होता है। तभी इस पेड़ पर फल आते हैं। इस बार गर्मी बहुत भीषण पड़ी है। इसके कारण ही यह पौधा विकसित हो पाया है। पेड़ पर 1 साल में 1 बार ही फल आता है। 'मियाजाकी आम' में न्यूट्रिशन वैल्यू बहुत ज्यादा होती है। इस आम के छिलके को भी आसानी से खाया जा सकता है। इसमें 15% शुगर शामिल होता है। मियाजी के आम की फसल अप्रैल से अगस्त तक उगाई जाती है। पकने के शुरुआती दौर में इसका रंग बैंगनी कलर का होता है। वहीं, पूरी तरह पकने के बाद यह गहरे लाल रंग का हो जाता है।
किसानों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति
किसान संदीप चौधरी बताते हैं कि देश के किसानो को खेती की पुरानी पद्धति छोड़नी होगी। इससे उनका उज्जवल भविष्य हो सकता हैं। समय-समय पर किसानों को तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए। इससे देश का किसान भी करोड़पति बन सकता है।
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