पेरिस पैरालिंपिक में रुबीना फ्रांसिस ने जीता ब्रॉन्ज, भारत के पदकों की संख्या पहुँची पांच

भारत की रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालिंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर भारत की झोली में पांचवां मेडल डाला. रुबीना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 इवेंट में यह मेडल अपने नाम किया. इससे पहले शूटिंग में ही भारत को तीन और मेडल मिल चुके हैं

Sep 1, 2024 - 06:33
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पेरिस पैरालिंपिक में रुबीना फ्रांसिस ने जीता ब्रॉन्ज, भारत के पदकों की संख्या पहुँची पांच

पेरिस पैरालिंपिक में रुबीना फ्रांसिस ने जीता ब्रॉन्ज, भारत के पदकों की संख्या पहुँची पांच

पेरिस, 1 सितंबर 2024: भारत की प्रतिभाशाली पैरा-शूटर रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालिंपिक में इतिहास रचते हुए महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही रुबीना पिस्टल इवेंट में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरा-शूटर बन गई हैं। उनके इस सफलता से भारत के कुल पदकों की संख्या पाँच हो गई है, जिसमें से चार पदक सिर्फ शूटिंग में आए हैं।

भारत की रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालिंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर भारत की झोली में पांचवां मेडल डाला. रुबीना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 इवेंट में यह मेडल अपने नाम किया. इससे पहले शूटिंग में ही भारत को तीन और मेडल मिल चुके हैं. बता दें कि रुबीना पिस्टल इवेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरा-शूटिंग एथलीट बनी हैं. रुबीना ने फाइनल में 211.1 अंक हासिल कर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया.

शानदार प्रदर्शन से हासिल किया पदक

रुबीना ने फाइनल में 211.1 अंक अर्जित करते हुए ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया। उनके इस प्रदर्शन ने न केवल देश का मान बढ़ाया है, बल्कि आने वाले युवा पैरा-एथलीट्स के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना है। प्रतियोगिता के दौरान रुबीना ने धैर्य और कौशल का बेहतरीन मिश्रण दिखाया, जो उन्हें पोडियम तक ले गया।

पेरिस पैरालिंपिक का आयोजन और महत्व

2024 में पेरिस में आयोजित हो रहा पैरालिंपिक खेलों का यह 17वां संस्करण है, जो 28 अगस्त से 8 सितंबर तक चलेगा। इस बार कुल 22 खेलों में विश्वभर के हजारों पैरा-एथलीट्स अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। पेरिस पहली बार समर पैरालिंपिक खेलों की मेजबानी कर रहा है, जबकि फ्रांस ने इससे पहले 1992 में अल्बेर्विले शीतकालीन पैरालिंपिक की मेजबानी की थी।

पैरालिंपिक का समृद्ध इतिहास

पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत 1948 में हुई थी जब डॉ. लुडविग गुट्टमैन ने इंग्लैंड के स्टोक मेडविले अस्पताल में घायल सैनिकों के लिए एक खेल आयोजन किया था। इसे "स्टोक मेडविले गेम्स" के नाम से जाना गया, जिसने आगे चलकर अंतर्राष्ट्रीय पैरालिंपिक आंदोलन का रूप ले लिया। 1960 में रोम में पहली बार आधुनिक पैरालिंपिक खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें 23 देशों के 400 से अधिक एथलीट्स ने हिस्सा लिया।

भारत का प्रदर्शन और आगे की उम्मीदें

रुबीना फ्रांसिस की सफलता के साथ ही भारत के अन्य पैरा-एथलीट्स से भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीदें बढ़ गई हैं। शूटिंग में अब तक मिले चार पदक यह दर्शाते हैं कि भारत इस क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। अन्य खेलों में भी भारतीय एथलीट्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और देश को और पदकों की उम्मीद है।

समावेशिता और जागरूकता का संदेश

पैरालिंपिक खेल न केवल खेल कौशल का प्रदर्शन करते हैं, बल्कि समाज में विकलांगता के प्रति जागरूकता और समावेशिता को भी बढ़ावा देते हैं। रुबीना जैसी एथलीट्स की सफलता यह साबित करती है कि सीमाओं को पार करके किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह आयोजन दुनिया भर में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और सम्मान के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रधानमंत्री और खेल मंत्री ने दी बधाई

रुबीना की इस उपलब्धि पर देशभर से बधाइयों का तांता लग गया है। प्रधानमंत्री और खेल मंत्री ने भी ट्वीट कर रुबीना को बधाई दी और उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सफलता आने वाले समय में और भी अधिक युवाओं को प्रेरित करेगी।

रुबीना फ्रांसिस की यह ऐतिहासिक जीत न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए मील का पत्थर है, बल्कि भारतीय पैरा-खेल जगत के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनकी सफलता से देश में पैरा-खेलों के प्रति जागरूकता और समर्थन में वृद्धि होगी, जिससे आने वाले वर्षों में और भी उत्कृष्ट प्रतिभाएं उभरकर सामने आएंगी।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,