राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तनों के साथ कार्य विस्तार करेगा
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तनों के साथ कार्य विस्तार करेगा
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की वार्षिक बैठक इस वर्ष मथुरा स्थित दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र, गऊग्राम परखम में 25 और 26 अक्टूबर को आयोजित की जा रही है। बुधवार को गऊग्राम परखम में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील जी आंबेकर ने बैठक के उद्देश्यों और आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में विजयादशमी के अवसर पर सरसंघचालक जी द्वारा दिए गए विचारों और महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित योजनाओं पर विस्तार से चर्चा होगी। साथ ही, मार्च 2024 में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा द्वारा निर्धारित वार्षिक योजना की समीक्षा भी की जाएगी। बैठक का एक प्रमुख उद्देश्य संघ के शताब्दी वर्ष (विजयादशमी 2025) तक संगठनात्मक लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना है।
शताब्दी वर्ष का महत्व
सुनील जी आंबेकर ने बताया कि 2025 में संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण करेगा। शताब्दी वर्ष के दौरान संघ कार्य के विस्तार और पूर्व में किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही, अगले विजयादशमी तक देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें व्यापक जनसंपर्क, साहित्य वितरण और समाज संगठन के कार्य शामिल होंगे। बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के प्रमुख कार्यकर्ताओं द्वारा अब तक किए गए कार्यों का भी विश्लेषण किया जाएगा।
पंच परिवर्तन: सामाजिक बदलाव की दिशा
इस बार के विजयादशमी संबोधन में सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने पंच परिवर्तन का जिक्र किया था। इसमें सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, ‘स्व’ आधारित जीवन शैली और नागरिक कर्तव्यों का महत्व बताया गया है। बैठक में इन परिवर्तनों को समाज में लागू करने के लिए कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। संघ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इन पांच क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगा।
समाज में इंटरनेट के प्रभाव पर विचार
सरसंघचालक जी ने अपने विजयादशमी संबोधन में इंटरनेट और सोशल मीडिया के बालक वर्ग और समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव की भी चर्चा की थी। इस बैठक में इस मुद्दे पर विशेष रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा और समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के उपायों पर चर्चा होगी।
महत्वपूर्ण हस्तियों और इतिहास पर भी होगा विचार
संघ शताब्दी वर्ष के अवसर पर महर्षि दयानंद सरस्वती, भगवान बिरसा मुंडा, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर, रानी दुर्गावती और अनुकूल चंद ठाकुर द्वारा चलाए गए "सतसंग" जैसे ऐतिहासिक विषयों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संघ इन महान विभूतियों के योगदान को समाज तक पहुंचाने का कार्य करेगा।
393 कार्यकर्ता होंगे उपस्थित
इस बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के प्रमुख कार्यकर्ता, प्रांत संघचालक, सह संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक सहित कुल 393 कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले जी, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी और अन्य प्रमुख नेता भी बैठक में भाग लेंगे।
प्रेस ब्रीफिंग में पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर, प्रदीप जोशी और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
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