महाकुंभ में 1500 लोगों ने किया जीवित अवस्था में पिंडदान, बने नागा सन्यासी

महाकुंभ में 1500 लोगों ने किया जीवित अवस्था में पिंडदान, बने नागा सन्यासी, Maha Kumbh 1500 people did Pind Daan while alive became Naga Sanyasis, गुरु परंपरा के अनुसार दीक्षा प्रक्रिया, महिलाओं की भागीदारी ने खींचा ध्यान,

Jan 19, 2025 - 12:46
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महाकुंभ में 1500 लोगों ने किया जीवित अवस्था में पिंडदान, बने नागा सन्यासी

महाकुंभ में 1500 लोगों ने किया जीवित अवस्था में पिंडदान, बने नागा सन्यासी

हरिद्वार महाकुंभ 2025 के दौरान एक अनोखी और ऐतिहासिक घटना घटी जब 1500 लोगों ने जीवित अवस्था में अपना पिंडदान किया और नागा सन्यासी बनने का संकल्प लिया। इस दिव्य आयोजन में 19 महिलाओं ने भी नागा सन्यासी बनने की दीक्षा ग्रहण की।

गुरु परंपरा के अनुसार दीक्षा प्रक्रिया

पंच दशनाम जूना अखाड़े के तत्वावधान में नागा सन्यास की दीक्षा का यह भव्य आयोजन किया गया। जूना अखाड़े के रमता पंच के श्री महंत रामचंद्र गिरि, दूध पुरी, निरंजन भारती और मोहन गिरि के नेतृत्व में यह प्रक्रिया पूरी हुई।

दीक्षा प्रक्रिया की शुरुआत मुंडन संस्कार से हुई। इसके बाद सभी ने 108 बार गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर गंगा पूजन किया। इसके बाद पिंडदान की प्रक्रिया सम्पन्न हुई, जिसमें इन लोगों ने सांसारिक मोह-माया को त्यागते हुए खुद को सांसारिक रूप से मृत घोषित कर दिया।

महिलाओं की भागीदारी ने खींचा ध्यान

महाकुंभ में 19 महिलाओं ने नागा सन्यासी बनने का संकल्प लेकर समाज को यह संदेश दिया कि सन्यास और आध्यात्म की राह पर कोई भी बढ़ सकता है। दीक्षा लेने वाली इन महिलाओं ने गुरु परंपरा का पालन करते हुए हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ सन्यास मार्ग में प्रवेश किया।

नागा सन्यास का महत्व

नागा सन्यासी बनने की यह प्रक्रिया जीवन के सांसारिक बंधनों को त्यागने और आत्मा की मुक्ति के लिए समर्पित मानी जाती है। पिंडदान का यह अनुष्ठान सन्यासियों के लिए एक नई आध्यात्मिक यात्रा का आरंभ होता है, जिसमें वे सांसारिक जीवन का त्याग कर केवल भगवान की आराधना में लीन रहते हैं।

हरिद्वार महाकुंभ में इस घटना ने आध्यात्मिकता की एक नई परिभाषा गढ़ते हुए लोगों को आत्म-त्याग और मुक्ति के मार्ग की प्रेरणा दी है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,