PM MODI ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों और सपनों की स्थापना की
डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बादप्रथम दलित कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी दिन रात एक कर भीमराव अम्बेडकर के विचारोंको स्थापित कर उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों और सपनों की स्थापना की
14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है। इस दिन उनके विविध योगदानों और विचारों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। ऐसे में यह विश्लेषण करना जरूरी है कि किस राजनीतिक पार्टी ने सच्चे अर्थों में उनके विचारों का स्थापित किया है। और किस पार्टी ने केवल दिखावे के लिए उनके नाम का इस्तेमाल किया है। इस तरह विश्लेषण करने पर भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा साहेब के सच्चे हितैषीं देखने को मिलते हैं। इसकी पुष्टि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब से लेकर आज तक के उनके कार्यों को देखकर होती है। भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर केविचार समता, समानताव समरसता को समाज और राजनीतिमें विभिन्न आयामों के जरिए वास्तविक अर्थों और मूल्यों के साथ प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी चरितार्थ कर रहे हैं। सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ नरेंद्रमोदी डॉ. अम्बेडकर के संकल्प को सिद्ध में बदल रहे हैं।
प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक और अतुलनीय कार्य में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बादप्रथम दलित कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी दिन रात एक कर भीमराव अम्बेडकर के विचारोंको स्थापित कर उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं। इस क्रम में मोदी सरकार ने भीमरावअम्बेडकर के सम्मान में सबसे पहले उनके जीवन से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ के रूपमें विकसित किया। जिससे आम जन बाबा साहेब से जुड़े स्थलों से जुड़कर उनके विचारोंको जानें और उनसे प्रेरणा ले सके। ये स्थल उन…
भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचार समता, समानता व समरसता को समाज और राजनीति में विभिन्न आयामों के जरिए वास्तविक अर्थों और मूल्यों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चरितार्थ कर रहे हैं। सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ नरेंद्र मोदी डॉ. अम्बेडकर के संकल्प को सिद्ध में बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक और अतुलनीय कार्य में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बाद प्रथम दलित कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी दिन रात एक कर भीमराव अम्बेडकर के विचारों को स्थापित कर उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं। इस क्रम में मोदी सरकार ने भीमराव अम्बेडकर के सम्मान में सबसे पहले उनके जीवन से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया। जिससे आम जन बाबा साहेब से जुड़े स्थलों से जुड़कर उनके विचारों को जानें और उनसे प्रेरणा ले सके। ये स्थल उनके जीवन के विभिन्न गतिविधियों से जुड़े हैं- पंच तीर्थ इस प्रकार हैं-
- जन्मभूमि- महू (मध्य प्रदेश)
- शिक्षा भूमि - डॉ. अम्बेडकर मेमोरियल (लंदन)
- दीक्षा भूमि - नागपुर (महाराष्ट्र)
- परिनिर्वाण भूमि - डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक (नेशनल मेमोरियल), 26 अलीपुर रोड, दिल्ली, जहां पर डॉ. अम्बेडकर जी ने अपनी अंतिम सांसे लीं।
- चैत्य भूमि- मुम्बई (महाराष्ट्र) जहां पर डॉ. अम्बेडकर जी का अंतिम संस्कार हुआ।
इस तरह मोदी सरकार ने भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर से जुड़े हुए स्थलों को विकसित कर उनकी स्मृतियों को संजोया है। और यह पुनीत कार्य आजादी के इतने दिनों बाद मोदी सरकार के नेतृत्व में पहली बार हुआ। इसी क्रम में 15, जनपथ, नई दिल्ली स्थित डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र का 200 करोड़ की लागत से निर्माण भी किया गया। यह केन्द्र डॉ. अम्बेडकर व सामाजिक उत्थान से संबंधित अध्ययन के क्षेत्रों में अनुसंधान व विचारों का प्रचारित-प्रसारित कर रहा है।
इसी कड़ी में अम्बेडकर के विचारों एवं स्मारकों के जरिए जन-जन को जोड़ने के लिए संविधान दिवस 2023 के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की वकील की पोशाक में 7 फीट ऊंची पंच धातु की प्रतिमा का अनावरण किया गया जो न्याय के मंदिर माननीय उच्चतम न्यायालय को सामाजिक न्याय व बाबा साहेब के उच्च आदर्शों पर चलने की निरंतर प्रेरणा दे रही है।
मोदी सरकार का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। स्मारकों के साथ-साथ सैकड़ों योजनाओं में भी दलित भाई बंधुओं का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके लिए मोदी सरकार ने 112 योजनाओं की शुरुआत की है। जिसका सबसे ज्यादा फायदा देश के दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिल रहा है। हर व्यक्ति के पास आवास की योजना, उज्जवला योजना, नल से जल, किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, स्टैण्ड-अप, स्टार्ट-अप, वेंचर कैपिटल फण्ड, मुद्रा बैंक योजना, जनधन योजना और जीवन बीमा का लाभ सबसे ज्यादा दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों को मिला है।
सभी पढ़ें सभी बढ़ें के मूल मंत्र के साथ वर्ष 2020 में अनुसूचित जाति के 4 करोड़ से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने 59048 करोड़ रुपये के कुल निवेश का अनुमोदन प्रदान किया ताकि अनुसूचित जनजाति के छात्र शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर सकें। इसी तरह सरकारी नौकरी देने के मामले में भी कांग्रेस (यूपीए) सरकार के कालखंड से अधिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुसूचित जाति/जनजाति के 4,23,451 अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी भी दी गई है।
बाबा साहेब के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते हुए मोदी जी ने वर्ष 2019 में संसद भवन में एनडीए दल के सदस्यों की बैठक को संबोधित करने से पहले केंद्रीय कक्ष में रखी भारतीय संविधान की प्रति को सिर झुकाकर नमन किया। इससे पहले सत्ता संभालते के अगले वर्ष ही अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को 2015 में मजबूती प्रदान करके अनुसूचित जाति/जनजाति के हितों को संरक्षण प्रदान किया।
जबकि कांग्रेस शुरुआत से ही डॉ भीमराव अम्बेडकर और उनके विचारों की विरोधी रही है। तभी जब साल 1922 आम चुनाव में मुंबई से डॉ. भीमराव अम्बेडकर प्रत्याशी थे। तब कांग्रेस ने उनके सामने नारायण काजोलकर को अपनी पार्टी से प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा ही नहीं बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहेब के विरूद्ध प्रचार करने स्वयं भी गये थे। इसी तरह कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक की सरकारों ने तमाम जीवित और दिवंगत लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया व संसद में उनके तैल चित्र भी लगवाये, मगर उन्हें बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी की याद तक नहीं आई। डॉ. अम्बेडकर जी को भारत रत्न भी तब दिया गया जब 1990 में केंद्र में भाजपा समर्थित वी. पी. सिंह की सरकार थी और तेल चित्र भी तब अप्रैल 1990 में ही संसद में लगाया था।
ऐसे अनेक उदाहरणों से स्पष्ट है कि कांग्रेस के नेता अनर्गल झूठे आरोप लगाते रहे हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी जनसंघ के समय से लेकर आज तक डॉ. अम्बेडकर के विचारों और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज के लिए सदैव से निस्वार्थ भाव से पूर्ण समर्पित रही है। और नरेंद्र मोदी भी बाबा साहेब के विचारों के सच्चे हितैषी रहें हैं। जब वह साल 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब संविधान के 60 वर्ष पूर्ण होने पर मोदी जी ने गुजरात के सुरेंद्रनगर में हाथी के ऊपर संविधान की एक प्रति को रखकर ‘‘संविधान गौरव यात्रा‘‘ आयोजित की थी। जिसका उद्देश्य संविधान निर्माताओं के प्रति आभार व्यक्त कर तथा उनके सपनों के भारत के निर्माण में प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके अलावा वर्ष 2015 बाबा साहेब की 125वीं जयन्ती को भव्य रूप में मनाने का निर्णय मोदी सरकार ने ही लिया।
देश/विदेश में वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए भारत सरकार ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था। पहली बार संविधान पर भारतीय संसद में 2 दिन (26-27 नवम्बर, 2015) तक चर्चा की गई। इस क्रम में आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रथम दलित कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के संकल्प को सिद्ध में बदलकर कर समरसता को सही मायने में स्थापित कर रहे हैं।
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