अकेले रहने वालों का रोजाना हालचाल जानने और काउंसिलिंग की भी जिम्मेदारी
ज्ञात हो कि दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल इलाके में 63 साल की ज्योति शाह की गला दबाकर हत्या कर दी गई और आरोप नौकर पर ही लगा है।
अकेले रहने वालों का रोजाना हालचाल जानने और काउंसिलिंग की भी जिम्मेदारी
पुलिस बन रही है बुजुर्गों की लाठी
मुंबईः बुजुर्गों के साथ अक्सर होने वाली क्राइम और अत्याचार की घटनाएं लोगों को झकझोर के रख देती है।
पिछले दिनों मुंबई में कई ऐसी घटनाएं हुई है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ खड़े हुए है। ऐसी स्थिति में पुलिस ने बुजुर्गों की देखभाल का जिम्मा उठा लिया है।
ज्ञात हो कि दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल इलाके में 63 साल की ज्योति शाह की गला दबाकर हत्या कर दी गई और आरोप नौकर पर ही लगा है। इससे पहले खार पुलिस ने एक नौकरानी को अरेस्ट किया था, जो 59 वर्षीया मालकिन की निजी पलों को मोबाइल से रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल कर रही थी। इसके अलावा दहिसर पुलिस ने 63 वर्षीय एक महिला की शिकायत पर उसके 68 वर्षीय पति के खिलाफ कथित तौर पर उसको मारने-पीटने और प्रताड़ित करने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
ये कुछ घटनाएं ऐसी है, जिनसे साबित होता है कि मुंबई महानगर में रहने वाले बुजुर्ग असुरक्षित है। एनसीआरबी का आंकड़ा भी इसे साबित करता है। इसके अनुसार दिल्ली के बाद मुंबई में ही बुजुर्ग सबसे अधकि असुरक्षित है। ये बुजुर्ग पुरुष या महिलाएं, अपनों और गैरों की उपेक्षा का शिकार बनकर नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर है। यहां तक कि मानसिक अवसाद, लंबी बीमारी और नाते-रिश्तेदारों की उपेक्षा से आहत कई बुजुर्ग तो आत्महत्या करके जीवन समाप्त कर ले रहे हैं। ऐसे में इन बुजुर्गों के लिए मुंबई पुलिस बुढ़ापे की लाठी बनकर इन्हें सहारा दे रही है। इसका सबूत मुंबई पुलिस के आंकड़े बता रहे है, जिसके मुताबिक मुंबई में करीब 3800 से अधिक बुजुर्ग पुलिस रेकॉर्ड में है, जिनकी देखभाल प्रशासन कर रही है।
- मुंबई में भी असुरक्षित हैं दादा-दादी
एनसीआरबी के अनुसार, बुजुर्गों के खिलाफ होने वाले अपराध में मुंबई का स्थान दूसरे नंबर पर है। यहां 2022 में 572 और 2021 में 987 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 1166 मामलों के साथ दिल्ली पहले स्थान पर रही थी। 2019 में 1231 मामले और 2018 में 1043 मामले साबित करने के लिए पर्याप्त है कि मुंबई बुजुर्गों के लिए असुरक्षित शहर है। पूरे महाराष्ट्र में बुजुर्गों पर होने वाले हमलों में 2021 में 6190 मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में चोरी, मारपीट, घरेलू दुर्व्यवहार और हत्या के मामले शामिल है
- जुर्गों के खिलाफ होने वाले अपराध
एनसीआरबी के अनुसार, बुजुर्गों के खिलाफ होने वाले अपराध में मुंबई का स्थान दूसरे नंबर पर है। यहां 2022 में 572 और 2021 में 987 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 1166 मामलों के साथ दिल्ली पहले स्थान पर रही थी। 2019 में 1231 मामले और 2018 में 1043 मामले साबित करने के लिए पर्याप्त है कि मुंबई बुजुर्गों के लिए असुरक्षित शहर है। पूरे महाराष्ट्र में बुजुर्गों पर होने वाले हमलों में 2021 में 6190 मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में चोरी, मारपीट, घरेलू दुर्व्यवहार और हत्या के मामले शामिल है।
- बुजुर्गों के लिए मुंबई पुलिस की पहल
■ एल्डरलाइनः मुबई पुलिस की देखरेख में एल्डरलाइन काम करती है। यह हजारो व्यक्तियों और सैकड़ों संगठनों का एक मेगा नेटवर्क है, जो वरिष्ठ नागरिको की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वेच्छा से अपनी सेवाएं देते हैं। मुंबई पुलिस की हेल्पलाइन 1090 के माध्यम से यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्य करती हैं।
■ बुजुर्ग मदद केंद्रः सभी पुलिस स्टेशनों में बुजुर्गों के लिए खास मदद केंद्र बनाए गए है। यह। केंद्र बुजुर्गों की शिकायते सुनने, उनकी समस्याएं दूर क करने, सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ के बारे में बताने और मानसिक तनाव को दूर करने के लिए सलाह देने का काम करता है।
■ डायरी में एंट्रीः मुई पुलिस की ओर से हर थाने स्तर पर बीट मार्शल को अपने थाने में पंजीकृत बुजुर्गों का दैनिक हालचाल जानने की जिम्मेदारी दी गई है। ये मार्शल न सिर्फ बुजुर्गों से मिलते हैं, बल्कि एक डायरी में उनका हस्ताक्षर लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भी करते है। अकेले रहने वाले बुजुर्ग को ससाह में हर दिन, पत्नी के साथ रहने वाले को सप्ताह में 3 दिन और बेटा-बेटी के साथ रहने वाले को सप्ताह में। बार हालचाल लेना अनिवार्य होता है।
- तो बुजुर्ग हो रहे हैं उपेक्षा के शिकार
■ माता-पिता बन गए बोझः चुनाभट्टी में बुजुर्ग माता-पिता को बेटों ने इसलिए घर से बाहर निकाल दिया कि वे अब उनके लिए बोझ लगने लगे थे। पिता की शिकायत पर चुनाभट्टी पुलिस ने आरोपी बेटों के खिलाफ माता-पिता संरक्षण और कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत मामला दर्ज किया।
■ लाइलाज बीमारीः मेघवाड़ी पुलिस ने 89 वर्षीय पुरुषोत्तम सिंह गंडहोक को पत्नी जसबीर (81) और बहन कमलजीत कौर (55) की गला रेत कर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह दोनों की लंबी बीमारी और उनके लगातार देखभाल करने से तंग आ गया था। कफ परेड पुलिस के तहत 70 वर्षीय बुजुर्ग वेद गर्ग ने मानसिक तनाव और लंबी बीमारी से परेशान होकर खुदकुशी कर ली थी।
■ एकल परिवार का चलन में होनाः कोरोना काल के बाद से मुंबई में अकेले रहने का चलन बढ़ गया है। एमआरए पुलिस के तहत बेलार्ड पियर के बाजारगांव निवासी 70 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला अकेलेपन की शिकार होकर तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। पति की मौत के बाद से वह अकेली रह रही थी।
- मुसीबत में हैं बुजुर्ग, ले यहां से मदद
- नैशनल हेल्पलाइन नंबर 14567
- मुंबई पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1090
ऑनलाइन करे पंजीकरण
वरिष्ठ नागरिकों को बिना किसी डर के पुलिस स्टेशन जाना चाहिए और इसमें सहज महसूस करना चाहिए। मुंबई पुलिस आपकी समस्याएं सुनेगी और समाधान खोजने का प्रयास करेगी। - विवेक फणसलकर, कमिश्नर, मुंबई पुलिस
एक शाम, बुजुर्गों के नाम
उपेक्षित बुजुर्गों के लिए मुंबई पुलिस की ओर से गीत-संगीत और नृत्य के बीच 'एक शाम, बुजुर्गों के नाम' कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से इन्हें अपनापन का अहसास करवाया जाता है। पुलिसकर्मी जन्मदिन समेत अन्य त्योहार मनाते है। हर शनिवार बुजुर्गों के लिए सामूहिक रूप से संबंधित थाना इंचार्ज को विशेष बैठक करने का निर्देश दिया गया है। गैर सरकारी संगठन सिल्वर इनिंग्स के सदस्य शैलेश मिश्रा कहते हैं कि यह एक अच्छा कदम है। इससे 60 वर्ष से अधिक उम्र के सक्रिय बुजुर्गों को पुलिस के साथ जुड़कर एक सार्थक माहौल मिलता है।
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