'मुसलमान RSS तभी ज्वॉइन कर सकते हैं जब वे...'—मुस्लिमों को लेकर मोहन भागवत की बड़ी शर्त

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Apr 7, 2025 - 19:12
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'मुसलमान RSS तभी ज्वॉइन कर सकते हैं जब वे...'—मुस्लिमों को लेकर मोहन भागवत की बड़ी शर्त
मोहन भागवत

'मुसलमान RSS तभी ज्वॉइन कर सकते हैं जब वे...'—मुस्लिमों को लेकर मोहन भागवत की बड़ी शर्त

वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार 6 अप्रैल 2025 को वाराणसी में एक अहम बयान दिया, जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुसलमान भी संघ की शाखा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने एक महत्वपूर्ण शर्त रखी।

मोहन भागवत वाराणसी के लाजपत नगर कॉलोनी स्थित एक RSS शाखा में पहुंचे थे, जहां उन्होंने पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, जातिगत भेदभाव समाप्त करने और सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे। इसी दौरान एक स्वयंसेवक ने उनसे सवाल किया कि क्या मुसलमान भी RSS से जुड़ सकते हैं?

इस सवाल के जवाब में मोहन भागवत ने कहा, "शाखा में सभी भारतीयों का स्वागत है, लेकिन जो भी व्यक्ति RSS में शामिल होना चाहता है, उसे भारत माता की जय का नारा बोलने में हिचक नहीं होनी चाहिए और भगवा ध्वज के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि भारत भले ही विभिन्न धर्मों का देश हो, लेकिन इसकी संस्कृति एक है, और संघ उसी साझा संस्कृति को मजबूत करने का प्रयास करता है।

उन्होंने आगे कहा कि RSS की प्रत्येक शाखा में सभी धर्मों, जातियों और संप्रदायों के लोगों का स्वागत है, बशर्ते वे राष्ट्र और उसकी संस्कृति के प्रति सम्मान रखते हों।

मोहन भागवत ने अपने वाराणसी प्रवास के दौरान शनिवार 5 अप्रैल की शाम काशी के वैदिक विद्वानों से भी मुलाकात की। इस विशेष बैठक में उन्होंने भारत को फिर से "विश्व गुरु" बनाने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया और विद्वानों से अपील की कि वे इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी निष्ठा और मेहनत से कार्य करें।

मोहन भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में सांप्रदायिक सौहार्द और एकता को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। RSS प्रमुख की यह टिप्पणी मुस्लिम समुदाय के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि यदि वे राष्ट्रवाद और भारत की सांस्कृतिक पहचान को अपनाते हैं, तो संघ के द्वार उनके लिए भी खुले हैं।

यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीव्र प्रतिक्रिया बटोर रहा है, जहां कुछ लोग इसे एक समावेशी संदेश मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे 'शर्तों के साथ समावेशिता' कहकर आलोचना भी कर रहे हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,