काम पर जुटे जीत के प्रति आश्वस्त मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव परिणाम आने से पहले ही काम में जुट गए और रविवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में चक्रवात रेमल से प्रभावित पूर्वोत्तर के हालात की समीक्षा की।
काम पर जुटे जीत के प्रति आश्वस्त मोदी
चक्रवात रेमल के प्रभावों और भीषण गर्मी से उत्पन्न हालात की समीक्षा की
• मोदी 3.0 के पहले 100 दिन के रोडमैप की तैयारियों का लिया जायजा
चुनाव परिणाम आने से पहले ही जीत के प्रति आश्वस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काम पर जुट गए हैं। चुनाव प्रचार के बाद दो दिन कन्याकुमारी में ध्यान लगाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को सात अलग-अलग मुद्दों पर अधिकारियों के साथ बैठक की। इनमें चक्रवात रेमल से प्रभावित पूर्वोत्तर भारत के हालात और पूरे देश में गर्मी के प्रकोप की समीक्षा शामिल है। साथ ही उन्होंने मोदी 3.0 के लिए 100 दिन के रोडमैप के लिए तैयारियों की भी समीक्षा की।
देश में पड़ रही भीषण गर्मी के प्रभावों और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने सभी अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर आग से बचाव के उपायों और बिजली उपकरणों के सुरक्षा मानकों के आडिट का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि हाल में गर्मी के कारण कई स्थानों पर एसी व बिजली उपकरणों में विस्फोट की घटनाएं सामने आई हैं। साथ ही प्रधानमंत्री ने जंगलों में आग को रोकने के लिए लगातार नजर रखने और वहां बायोमास के बेहतर इस्तेमाल की रणनीति तैयार करने को कहा।
इस दौरान मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में गर्मी का प्रकोप जारी रह सकता है। वहीं, मानसून के आगमन से इसमें राहत मिलने की उम्मीद है और बताया कि इस वर्ष सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। चक्रवात रेमल से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री को इससे प्रभावित इलाकों और जान-माल की हानि की जानकारी दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में रेमल के कारण हुई वर्षा से आई बाढ़ और जमीन खिसकने से कई घरों को नुकसान पहुंचा है और कई लोगों की जान गई है। एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय संबंधित राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि प्रभावित राज्यों में केंद्रीय सहायता में कमी नहीं आनी चाहिए। साथ ही उन्होंने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस की तैयारियों की भी समीक्षा की।
चुनाव की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न मंत्रालयों को अगली सरकार के 100 दिन के कामकाज का रोडमैप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। ढाई महीने की चुनाव प्रक्रिया के दौरान सभी मंत्रालयों ने रोडमैप तैयार कर लिए हैं। प्रधानमंत्री ने इन पर अधिकारियों से चर्चा की और उनमें जरूरी संशोधन का सुझाव भी दिया।
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