भरतिया कॉलोनी में मुस्लिम ने घर क्यों खरीदा

हिंदू इलाके में मुसलमानों के रहने पर कोई पाबंदी नहीं है। कोई कहीं भी घर खरीद सकता है...रह सकता है...मोहल्ले वाले को इससे ऐतराज नहीं था। किसी मुस्लिम ने घर क्यों खरीदा.. बल्कि ऐतराज मकान में होने वाली गतिविधियों से था।

Sep 10, 2024 - 17:22
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भरतिया कॉलोनी में मुस्लिम ने घर क्यों खरीदा

मुजफ्फरनगर का भरतिया कॉलोनी हिंदू बाहुल्य मोहल्ला है। यहां एक घर को मुस्लिम ने खरीदा है। वो भी उसने बैंक से नीलामी में खरीदा है। हिंदू इलाके में मुसलमानों के रहने पर कोई पाबंदी नहीं है। कोई कहीं भी घर खरीद सकता है...रह सकता है...मोहल्ले वाले को इससे ऐतराज नहीं था। किसी मुस्लिम ने घर क्यों खरीदा.. बल्कि ऐतराज मकान में होने वाली गतिविधियों से था। जिसके विरोध में भरतिया कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने प्रदर्शन किया। थाने में शिकायत दर्ज कराई और दो दिन का डेडलाइन भी दे दिया।

दरअसल, जिस मकान को नदीम ने खरीदा था। उस मकान में कुछ लोग रह रहे थे और वहां अक्सर बाहरी लोग आते थे। जिससे लोगों को ऐतराज था। लोगों का आरोप है कि इस मकान में सामूहिक नमाज का आयोजन किया जाता था और पार्टी का दफ्तर भी चलता था। जिससे लोगों को उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता थी।

ये जो पोस्टर आप देख रहे हैं। ये पोस्टर उसी मकान के भीतर का है। जिस पर आवामी- ए-हिंद पार्टी लिखा है। इस पोस्टर पर आवामी -ए-हिंद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नदीम का नाम भी लिखा है। पोस्टर पर सदभावना मंच भी लिखा है। लोगों का आरोप है कि, उस मकान में ऑल इंडिया आवामी-ए-हिंद पार्टी दफ्तर बनाया गया था। लोगों को इससे ही ऐतराज था। उनका कहना है कि ये रेसिडेंशिय एरिया है। यहां करीब 5 हजार परिवार रहता है। वहां पार्टी दफ्तर का क्या काम है। लोगों का आरोप है कि यहां बाहर से लोग आकर नमाज पढ़ते हैं। दूसरे जिले से आए मुस्लिम समाज के लोगों को यहां ठहराया जाता है। उन्हें डर इस बात का ही है। इससे कॉलोनी का माहौल खराब होगा।


मकान को लेकर सिर्फ फर्जीवाड़ा ही सामने नहीं आया। नदीम के उपर बिजली चोरी का भी आरोप लग रहा है। जब स्थानीय लोगों ने मकान के भीतर जाकर ये जानने की कोशिश की, यहां कौन-कौन रहता है। तो बिजली चोरी का खुलासा हुआ. घर में बिजली का मीटर नहीं था। इसके बावजूद चोरी से बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा था. बिजली विभाग को इसकी शिकायत की गई तो उन्होने एक्शन लेने की जगह घर में मीटर लगा दिया। अब यहां के लोग बिजली विभाग के इस तेज एक्शन पर भी सवाल उठा रहे हैं, पूछ रहे हैं। किसके कहने पर बिजली विभाग ने इतना फास्ट स्टेप ले लिया।

हिंदूवादी संगठनों ने गैर कानूनी तरीके से इस मकान पर कब्जा करने का आरोप लगाया। जाट महासभा ने भी मुस्लिम मालिक की एक्टिविटी पर सवाल उठाए। माहौल बिगड़ने की बात कर रहे हैं, आखिर उन्हें ऐतराज क्यों है. आप भी जान लीजिए।

बिल्डिंग को लेकर स्थानीय लोग सड़क पर उतरे तो मोहम्मद नदीम ने इस बिल्डिंग को बेच दिया। इस इमारत को नोटरी के जरिए 50-50 रुपए के दो स्टांप पेपर पर किया गया है। सेल डेड में साफ साफ लिखा गया है कि, मोहम्मद नदीम ने ये मकान 1 करोड़ 17 लाख में बेच दिया है। जिसमें एडवांस के तौर पर 10 लाख रुपए दिए गए हैं। ये सेल डीड 9 सितंबर का है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वाकई नदीम ने मकान सिर्फ इस लिए बेच दिया कि, हिंदू इसका विरोध कर रहे थे।

जाट महासभा ने इसपर भी सवाल उठाए हैं। कहा मकान नहीं बेचा गया है। यह जालसाजी है। नोटरी पर कोई मकान नहीं बेचा जाता है। लोगों का कहना है कि यह भवन विशेष समुदाय से खाली नहीं कराया गया, तो इस कॉलोनी में वर्षों से रह रहे लोग यहां से चले जाएंगे। फिलहाल क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।