UP अयोध्या: रामलला का सूर्य तिलक
श्रीरामजन्मोत्सव पर तीन मिनट तक भगवान भाष्कर ने किया अभिषेक
रामलला का सूर्य तिलक
श्रीरामजन्मोत्सव पर तीन मिनट तक भगवान भाष्कर ने किया अभिषेक
UP अयोध्या। 500 वर्षों के बाद बुधवार को भव्य महल में मनाया गया रामलला का पहला जन्मोत्सव अद्भुत, अकल्पनीय और अविस्मरणीय हो गया। रत्न जड़ित पीले वस्त्र और सोने का मुकुट धारण कर रामलला ने भक्तों को दर्शन दिए। दोपहर ठीक 12 बजे रामजन्म के साथ ही सूर्य की किरणों ने तीन मिनट तक सूर्यवंश के सूर्य का 'सूर्य तिलक' किया। अध्यात्म व विज्ञान के इस अद्भुत संगम को हर कोई अपनी आंखों में बसाने को लालायित दिखा।
सुबह 3:30 बजे से मंदिर के कपाट खोल दिए गए। रामलला का श्रृंगार, राग-भोग, आरती व दर्शन का क्रम चलता रहा। बालक राम सहित उत्सव मूर्ति की मनमोहक छवि के दर्शनकर भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे। भजन, स्तुति के बीच जैसे-जैसे घड़ी की सुइयां 12 की ओर बढ़ीं। लोगों की आतुरता भी बढ़ती गई।
भए प्रगट कृपाला
नौमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता। मध्य दिवस अति सीत न घामा, पावन काल लोक विश्रामा। स्तुति तक पहुंचते-पहुंचते पूरे 12 बज गए। मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने मंदिर के कपाट खोले तो घंटा घड़ियाल बजने के साथ ही भक्तों ने भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी... छंद गायन शुरू कर दिया। पूजन के साथ ही भगवान भाष्कर ने रामलला का राजतिलक किया
प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी मील का एक पत्थर
प्रधानमंत्री पीएम मोदी बोले, मन भावविभोर और कृतार्थ है। नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को रामनवमी पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अयोध्या अतुलनीय आनंद में है, क्योंकि वहां राममंदिर बनने के बाद यह पहली बार रामनवमी मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने एक्स पर कहा, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी मील का एक पत्थर है, जो सदियों की भक्ति को आशा और प्रगति के एक नए युग से जोड़ता है। यह वह दिन है, जिसका करोड़ों भारतीयों को इंतजार था। यह देशवासियों की वर्षों की मेहनत और बलिदान का फल है।
जब अयोध्या में भगवान राम का सूर्य तिलक हुआ, उस समय पीएम मोदी असम के नलबाड़ी में थे। इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन भगवान राम का सूर्य तिलक देखा।
आज भी प्रासंगिक हैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श हजारों वर्षों बाद आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने त्रेतायुग में थे। श्रीराम, धर्म के साक्षात प्रतीक हैं। मर्यादा के आदर्श हैं। हर क्षेत्र में उनके द्वारा स्थापित आदर्श हम सबको पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा देते हैं। प्रदेशवासियों को नवरात्र व श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए सीएम योगी ने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में इस बार रामनवमी बेहद उमंग और आस्था के साथ मनाई जा रही है।
स्वर्ण मुकुट और रत्नों की पोशाक में रामलला ने भक्तों को दिए दर्शन
दिव्य औषधियों से स्नान, 56 भोग लगाए
■ सुबह 3:00 बजे मधुपर्क, पंचामृत, दिव्य औषधियों से रामलला को
स्नान कराया गया।
■ 3:30 बजे श्रृंगार व मंगलाआरती
के साथ मंदिर खोला गया।
■ 11:08 बजे जन्मोत्सव की पूजन की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद रामलला को 56 भोग अर्पित किए गए।
■ 12:00 बजते ही जन्म की आरती शुरू हुई और गर्भगृह का पर्दा खोला गया। इसी के साथ सूर्य की किरणों ने रामलला का सूर्य तिलक किया।
सूर्य तिलक के साक्षी बने करोड़ों भक्त/हर जन मन में बस गए 'बालक राम' : माईसिटी
किरणों ने 90 डिग्री मुड़कर किया 75 मिलीमीटर का तिलक
मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं। यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंचीं।
■ पाइप में लगे दर्पण से टकराकर किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गईं। लंबवत पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे दर्पण से टकराईं।
■ यहां से 90 डिग्री का कोण बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।
50%घटाई गई किरणों की गर्मी
रामलला के सूर्य अभिषेक के लिए सूर्य की किरणों की गर्मी 50 फीसदी घटाई गई।
■ इसके लिए आईआर फिल्टर ग्लास का इस्तेमाल किया गया। इससे सूर्य की गर्म किरणें रामलला के मस्तक पर नहीं पड़ीं।
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